गर्भावस्‍था के दौरान मां और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी के लिए जरूरी है जांच

मातृत्व अस्वस्थता के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। आइए जानें गर्भावस्था में दवाईयों और गर्भावस्था जांच के बारे में।
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गर्भावस्‍था के दौरान मां और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य की जानकारी के लिए जरूरी है जांच


गर्भवती होने के बाद महिला को कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है, इस दौरान सिरदर्द और मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्‍या आम हो जती है। इन छोटी समस्‍याओं से बचने के लिए गर्भवती महिला एंटीबॉयटिक्‍स का सहारा लेती है जो मां और बच्‍चे दोनों के लिए नुकसानदेह है।
medicine and pregnancy testमातृत्व अस्वस्थता के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने आहार में अतिरिक्त विटामिन, आयरन और कैलशियम की जरूरत होती है। इनकी जरूरत को पूरा करने के लिए महिला इनके सप्‍लीमेंट के रूप में गोलियों का सेवन कर सकती है। लेकिन किस समय कौन सी दवा लेनी है इसका सुझाव डॉक्टर से लेना चाहिए। आइए जानें गर्भावस्था में दवाईयों और गर्भावस्था जांच के बारे में।

 

गर्भावस्‍था जांच और दवाइयां

  • गर्भावस्था के दौरान कई कारणों से गर्भवती महिला को दवाइयां लेनी पड़ती है। लेकिन किसी भी दवाई को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है, बिना चिकित्‍सक के निर्देश के किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन न करें।
  • कुछ दवाईयां भ्रूण के विकास और पोषण के लिए जरूरी होती है लेकिन कई बार इनके अतिरिक्त प्रभाव होने वाले बच्चे और मां पर दिखाई पड़ने लगते हैं। इसीलिए दवाईयों को लेते समय खास सावधानियां बरतनी चाहिए।
  • सुरक्षित मातृत्व के लिए कुछ दवाईयों लेना भी ज़रूरी होता है और इन दवाइयों का सीधा असर बच्चे पर पड़ता है। इससे बच्चे़ के विकास में भी बाधा आ सकती है।
  • कई बार दवाईयों के कारण ही भ्रूण का विकास पूरी तरह नहीं हो पाता, जिससे शिशु का वजन कम होता है।
  • दवाईयों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए निरंतर गर्भावस्था जांच और खून की जांच करानी आवश्यक होती है जिससे भ्रूण में हो रहे बदलावों और गर्भवती महिला के स्वास्‍थ्‍य की जांच की जा सकें। गर्भावस्था जांच जरूरी इसीलिए भी होती है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान पनपने वाली किसी भी बीमारी को समय से पहले ही निदान कर इलाज किया जा सकें।
  • कई बार कुछ दवाओं का भ्रूण पर ऐसा प्रभाव पड़ता है कि गर्भपात भी हो सकता है। दरअसल, कौन सी दवा भ्रूण पर किस तरह से प्रभाव डालती है यह भ्रूणके विकास की और दवा की मात्रा पर निर्भर करता है।
  • मातृत्व अस्वस्थता के लिए कुछ दवाइयां अत्यंत विषैली साबित हो सकती हैं और उनका प्रयोग गर्भवती महिला को बिलकुल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये दवाईयां गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
  • गर्भवस्‍था के दौरान एंटीबॉयटिक का प्रयोग करने से हार्मोन में असंतुलन हो सकता है और अन्‍य जरूरी जांच के परिणाम भी गलत आ सकते हैं।

 

गर्भवती महिला को कोशिश करनी चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान जब तक आवश्यक न हो दवाईयों के प्रयोग से बचे। लेकिन गर्भावस्था में कई बार कुछ दवाईयां गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे के विकास और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होती हैं। ऐसे में डॉक्टर से दवाईयों के लेने से होने वाले प्रभाव, लाभ और जोखिम इत्यादि के बारे में पूछ लेना बेहतर होता है।

 

 

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