
Medical Tests for Liver Health: लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग होता है। जब लिवर स्वस्थ रहता है, तो हम हमेशा अच्छा और स्वस्थ महसूस कर सकते हैं। लिवर भोजन को पचाने में मदद करता है। साथ ही लिवर पित्त बनाने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और प्रोटीन बनाने का भी काम करता है। लिवर कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करता है और ऊर्जा प्रदान करता है। ऐसे में जब लिवर में थोड़ी सी भी गड़बड़ी होती है, तो पूरी दिनचर्या प्रभावित हो जाती है। इसलिए सभी लोगों को अपने लिवर स्वास्थ्य के बारे में हमेशा जागरूक रहना चाहिए। लिवल हेल्थ कैसी है, इसके बारे में जानने के लिए कुछ जरूरी टेस्ट करवाए जा सकते हैं।
1. सीरम बिलीरुबिन टेस्ट
लिवर हेल्थ के बारे में जानने के लिए आप सीरम बिलीरुबिन टेस्ट करवा सकते हैं। इस टेस्ट में ब्लड लिया जाता है। इस ब्लड में बिलीरुबिन लेवल को मापा जाता है। बिलीरुबिन लिवर द्वारा निर्मित होता है और पित्त में उत्सर्जित होता है। जब बिलीरुबिन का लेवल अधिक होता है, तो पित्त के प्रवाह में रुकावट आ सकती है। ऐसे में लिवर कुछ समस्याओं का संकेत दे सकता है।
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2. सीरम एल्ब्यूमिन टेस्ट
लिवर में प्रोटीन के स्तर को मापने के लिए सीरम एल्ब्यूमिन टेस्ट करवाया जा सकता है। एल्ब्यूमिन (रक्त में मौजूद प्रोटीन) होता है। अगर एल्ब्यूमिन का लेवल कम आता है, तो इसका मतलब है कि लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है।
3. प्रोथ्रोम्बिन टाइम टेस्ट
इस टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि रक्त के थक्के बनने में कितना समय लगता है। दरअसल, रक्त के थक्के जमने के लिए विटामिन के और प्रोटीन की जरूरत पड़ती है, जो लिवर द्वारा निर्मित होती है। जब लंबे समय तक थक्के जमा रहते हैं, तो यह लिवर खराब का संकेत देता है।
4. लैक्टिक डिहाइड्रोजनेज टेस्ट
इस टेस्ट की मदद से ऊतक डैमेज का पता लगाया जा सकता है। इससे लिवर के रोगों से लड़ने में मदद मिल सकती है। दरअसल, लैक्टिक डिहाइड्रोजनेज एक प्रकार का प्रोटीन होता है। यह मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया में शामिल होता है। जब लिवर में गड़बड़ी का अहसास होता है, तो डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह दे सकते हैं।
5. अल्फा-फेटोप्रोटीन टेस्ट
अल्फा फेटोप्रोटीन एक विशिष्ट रक्त प्रोटीन है। यह भ्रूण के टिश्यू और ट्यूमर द्वारा बनाया जाता है। इस टेस्ट को लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण नजर आने पर किया जा सकता है।
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6. माइटोकॉन्ड्रियल एंटीबॉडी टेस्ट
लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस और ऑटोइम्यून विकारों के बारे में जानने के लिए आप इस टेस्ट को करवा सकते हैं। माइटोकॉन्ड्रियल की उपस्थिति इन बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसलिए अगर आपको त्वचा पर खुजली, पीलापन नजर आए तो इस स्थिति में इस टेस्ट को जरूर करवाना चाहिए।
अगर आपको लिवर में गड़बड़ी के लक्षण नजर आते हैं, तो ऊपर बताए गए टेस्ट करवा सकते हैं। इन टेस्ट को करने से आपके लिवर में होने वाली गड़बड़ी के कारणों का पता चल सकता है।