लाइलाज वायरस संक्रमित बीमारी इबोला का पहला मामला भार में भी सामने आया है। अफ्रीकी देशों में खतरनाक रूप ले चुके इबोला वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दिया है। लाइबेरिया से लौटे एक भारतीय का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। हालांकि दिल्ली हवाई अड्डे पर विशेष निगरानी के साथ उसका उपचार किया जा रहा है। जयपुर में भी 35 साल के एक व्यक्ति में इबोला वायरस के लक्षण पाए जाने की खबर है।
इबोला वायरस से ग्रस्त इस मरीज के वीर्य का सैंपल पॉजिटिव पाया गया है। उसे गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। लाइबेरिया में वह पहले भी इबोला की चपेट में आ चुका था, लेकिन इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ था। उपचार के बाद उस मरीज की जांच में इबोला के लक्षण नहीं पाये गये। लेकिन जब दिल्ली हवाई अड्डे पर उसके वीर्य का टेस्ट पॉजिटिव पाया गया तब उसका उपचार दोबारा शुरू किया गया।
हालांकि इस व्यक्ति से किसी भी प्रकार के खतरे की संभावना नहीं है क्योंकि इसे विशेष निगरानी में रखा गया है। इबोला से उबरने के बाद भी कुछ समय तक इसके खतरे की आशंका बनी रहती है। एक बार इबोला वायरस से ग्रस्त होने के बाद 90 दिनों तक यौन संबंध बनाने से बचने की सलाह दी जाती है।
केद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जब तक उसके सारे टेस्ट निगेटिव नहीं आते हैं, तब तक उसे हवाई अड्डे के विशेष स्वास्थ्य कैंप में ही रखा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ जयपुर में इबोला के संदिग्ध की पहचान भी हो गई है, बुखार होने के साथ ही उसके शरीर में छाले निकल आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार इबोला से दुनियाभर में अब तक 8399 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें लगभग पांच हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है।
इससे बचाव के लिए जरूरी है कि सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये। डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीकी देशों में इबोला वायरस से हो रही मौतों से सबक लेने को कहा है। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में लगभग सवा लाख लोगों की मौत दस्त से हुई, और इसकी वजह स्वच्छता के प्रति लापरवाही थी।
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