
क्या : राज्यों की एम्बुलेंस को लोगों की पहुंच में लाने के लिए दो मूल स्मार्ट तकनीकों का विकास किया।
क्यों : कोरोना महामारी में मरीजों की देखभाल को आसान बनाया।
COVID-19 के दौरान संस्था और लोग मदद के लिए आगे आये हैं। एक समय था जब दिल्ली में बाकी राज्यों के मुकाबले तेजी से मामले बढ़ रहे थे। आपातकालीन सेवाओं की मांग में वृद्धि के कारण दिल्ली सरकार को राज्य में एंबुलेंस की सेवाओं को बेहतर करने की जरूरत महसूस हुई। उस समय उन्हें एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता थी, जो मरीज को घर से लाने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने में समय को बचाए। इसमें सेव लाइफ फाउंडेशन ने अपनी टेक्नोलॉजी के जरिए सरकार की मदद की। उनके इसी सेवाभाव को देखते हुए OMH Healthcare Heroes Award में ब्रेकथ्रू इनोवेशन - टेक्नोलॉजी के लिए नॉमिनेट किया गया है।
वह महीना मई 2020 का था, जब दिल्ली में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी। 30 मिलियन की आबादी के लिए कुल 136 एम्बुलेंस थे। सरकार मरीज द्वारा किए गए कॉल और एम्बुलेंस प्रेषण डेटा का उपयोग करने में असमर्थ नजर आ रही थी। इसलिए वो अपनी एम्बुलेंस सेवा की जवाबदेही और क्षमता को बढ़ा भी नहीं पा रही थी। इसके अलावा एम्बुलेंस कॉल ऑपरेटरों के पास COVID संबंधित कॉल से निपटने के लिए कोई तैयारी भी नहीं थी। एम्बुलेंस बिना किसी सेफ्टी प्रोटोकॉल के COVID और गैर-COVID मरीजों को एक ही शिफ्ट में ले जा रहे थे। हालत यह थी कि आपातकालीन कॉल में वृद्धि के कारण, एम्बुलेंस रिस्पांस टाइम 14 घंटे (कॉल के बाद मरीज तक पहुंचने के लिए लिया गया समय) और हैंडओवर टाइम 20 घंटे (मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए लिया गया समय) तक बढ़ गया। दिल्ली सरकार इसका हल जल्द से जल्द निकालना चाह रही थी।
इस समस्या को दूर करने के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन ने बारीकी से चीजों को अध्ययन किया। इसके बाद वो दो स्मार्ट टेक्नोलॉजी लेकर आए। ये टेक्नोलॉजी राज्य में एम्बुलेंस तैनाती सिस्टम को सही और सिस्टम में अतिरिक्त आपातकालीन वाहनों को एकीकृत करता है। उन्होंने एक ऐसा स्मार्ट टूल बनाया, जो तैनात एम्बुलेंस को ऑप्टिमाइज करने के लिए मरीज के कॉल वॉल्यूम और एम्बुलेंस रिस्पांस टाइम का विश्लेषण करता है। इसके अलावा उन्होंने एक रिपोर्टिंग टूल भी विकसित किया, जो दैनिक और साप्ताहिक निगरानी रिपोर्ट बनाने के लिए एम्बुलेंस प्रदाताओं से डेटा इकट्ठा करता है।
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सेव लाइफ फाउंडेशन की मेहनत रंग लाई। उन्होंने एवरेज एम्बुलेंस रिस्पांस टाइम को 55 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया। अर्थात 64% इसमें सुधार हुआ। वहीं, बात करें एवरेज हैंडओवर टाइम की तो यह 268 मिनट से घटकर 160 मिनट हो गया। इस तरह जमीनी स्तर पर 270% एम्बुलेंस की वृद्धि देखी गई। सेव लाइफ फाउंडेशन के इस सफल प्रयास ने दिल्ली में मृत्यु दर को 2.4% से नीचे रखने में मदद मिली। वहीं, 86% से अधिक रिकवरी रेट भी बढ़ा दिया।
सेव लाइफ फाउंडेशन के इस उल्लेखनीय योगदान के चलते उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से आभार पत्र मिला। महामारी के इस दौर में सेव लाइफ फाउंडेशन का प्रयास काफी सराहनीय है। उन्होंने अपनी टेक्नोलॉजी की मदद से रिस्पांस और हैंडओवर टाइम को कम करके न केवल एम्बुलेंस की सर्विस को बेहतर किया, बल्कि इससे कई और जिंदगियों को बचाया भी।
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सेव लाइफ फाउंडेशन ने महामारी के इस दौर में दिल्ली में अपनी सेवा जारी रखी हुई है और राज्य में एम्बुलेंस सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर ये काम कर रहा है। जिंदगियां बचाने की दिशा में, संगठन का अब उद्देश्य रिस्पांस टाइम को 20 मिनट से कम और हैंडओवर टाइम को 60 मिनट या उससे नीचे लाना है। यह "गोल्डन ऑवर" रोगियों या पीड़ितों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए मानक को पूरा करने में मदद करेगा और लोगों की जान बचाने में सहायता करेगा।
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