सिर्फ मेड के भरोसे बच्चों को ना छोड़े, खुद भी दें उन्हें क्वॉलिटी टाइम

नौकरीपेशा मांओं को घर में बच्चों की केयर के लिए आया की जरूरत पड़ती ही है। 
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सिर्फ मेड के भरोसे बच्चों को ना छोड़े, खुद भी दें उन्हें क्वॉलिटी टाइम


नौकरीपेशा मांओं को घर में बच्चों की केयर के लिए आया की जरूरत पड़ती ही है। कई बार जरा सी चूक आर्थिक-मानसिक परेशानी का सबब बन जाती है। अगर घर में हेल्पर या बच्चों के लिए आया रख रहे हों तो कुछ बातों का ध्यान रखें। नौकरीपेशा मांओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है-घर में बच्चों की सही देखभाल। संयुक्त परिवारों का चलन कम होने के कारण महानगरों में रहने वाले दंपती अमूमन डोमेस्टिक हेल्प की व्यवस्था करते हैं। यह एक बड़ा फैसला है क्योंकि जरा सी चूक से नुकसान हो सकता है। चाहे पर्मानेंट आया या मेड हो या पार्ट टाइम हेल्पर, इन्हें रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें।

1. अपनी प्राथमिकताएं समझें। आप किस तरह की हेल्पर चाहते हैं। कई कपल्स छोटे बच्चों की देखभाल के लिए बड़ी उम्र की स्त्री को प्राथमिकता देते हैं तो कुछ को लगता है कि कम उम्र की स्त्री अच्छी देखभाल कर सकेगी। पहले सोच लें कि आपको कैसी मेड या आया चाहिए। क्या वह चाइल्ड केयर के अलावा घरेलू कार्य भी करेगी। सारी बातों पर विचार करने के बाद ही हेल्पर सर्च करें।

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2. आजकल मेड एजेंसीज के जरिये हेल्पर रखी जाती है। इसमें कई बार धोखाधड़ी की घटनाएं भी हो जाती हैं। इसलिए मेड ढूंढने से पहले अपने दोस्तों-संबंधियों से जरूर संपर्क कर लें। हो सकता है, उनके पास कोई आइडिया हो या उनका कोई संपर्क हो। एजेंसी से मेड रख रहे हों तो उसकी पूरी छानबीन करें। $फोन पर बात करने के अलावा उसके ऑफिस जाएं। मेड का पुलिस वेरीफिकेशन अवश्य कराएं।

3. हेल्पर की पृष्ठभूमि जान लें और यह भी पूछ लें कि क्या वह आपकी अपेक्षाएं पूरी कर सकेगी। बच्चे छोटे हैं तो ध्यान दें कि आया हाइजीन के प्रति सचेत है या नहीं। उसकी मेडिकल हिस्ट्री देख लें।

4. हेल्पर का ट्रायल लें। एजेंसी से इस बारे में पहले ही बात कर लें कि आप मेड का एक हफ्ते का ट्रायल लेंगी, ताकि वह आपकी अपेक्षाओं पर खरी न उतरे तो एजेंसी दूसरा विकल्प उपलब्ध कराए।

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5. हेल्पर रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच अवश्य कराएं। उसका और एजेंसी का आइडेंटिटी कार्ड, वोटर आइडी, पता, फोन नंबर्स, मेडिकल रिपोट्र्स और जरूरी दस्तावेज की एक-एक प्रति अपने पास रखें।

6. हेल्पर घर में आए तो कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें। जैसे, क्या वह पहले से तय समय पर आई है, बच्चे को गोद में लेते हुए उसने हाथ साफ किए हैं, वह अनुशासित और व्यवस्थित दिखती है या नहीं। ये आदतें उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

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