खून में ऑक्सीजन की कमी से नवजात बच्चों में 8 गुना बढ़ जाता है मौत का खतरा: रिसर्च

नए शिशुओं में जन्म के तुरंत बाद कई बार ब्लड-ऑक्सीजन की कमी पाई जाती है। रिसर्च बताती है कि ऐसे बच्चे जो प्रीमेच्योर हैं (समय से पहले पैदा हुए हैं), उनके खून में अगर ऑक्सीजन की मात्रा घटती है, तो मौत का खतरा 8 गुना ज्यादा होता है।
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खून में ऑक्सीजन की कमी से नवजात बच्चों में 8 गुना बढ़ जाता है मौत का खतरा: रिसर्च


अगर किसी शिशु का जन्म प्रेग्नेंसी के 40वें हफ्ते में होता है, तो इसे नॉर्मल माना जाता है। मगर यदि शिशु समय से पहले पैदा हो जाए, तो उसे प्रीमेच्योर बेबी कहा जाता है। आमतौर पर 37 सप्ताह या इससे कम समय में पैदा हुए शिशुओं को प्रीमेच्योर माना जाता है। प्रीमेच्योर शिशु सामान्य शिशुओं की अपेक्षा कमजोर और संवेदनशील होते हैं। इन्हें जन्म के साथ ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

हाल में हुई एक रिसर्च में बताया गया है कि अगर प्रीमेच्योर बच्चे के खून में ऑक्सीजन की कमी होती है, तो उसकी मौत का खतरा उन बच्चों के मुकाबले 8 गुना ज्यादा बढ़ जाता है, जिनकी डिलीवरी सामान्य होती है। ये रिसर्च Lancet’s EclinicalMedicine नामक जर्नल में छापी गई है।

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क्यों कम हो जाता है खून में ऑक्सीजन

आमतौर पर खून में ऑक्सीजन की कमी की समस्या निमोनिया होने पर होती है। मगर कई बार इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं के खून में ऑक्सीजन की कमी की समस्या अक्सर पाई जाती है, खासकर प्रीमेच्योर शिशुओं में। ये समस्या इसलिए होती है क्योंकि कई बार शिशु के शरीर में रक्त का प्रवाह उसी तरह से होता रहता है, जिस तरह से गर्भ के अंदर होता था। ऐसा होने पर फेफड़ों में जरूरत से ज्यादा खून की सप्लाई हो जाती है, जिससे ऑक्सीजन ठीक से ब्लड में घुल नहीं पाती है। इसी कारण शिशु के खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

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प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु की स्थिति

हमारे शरीर में रक्त का प्रवाह इसलिए जरूरी है ताकि टिशूज (तंत्रिकाएं) स्वस्थ रहें। शिशु गर्भ में होता है, तो उसके फेफड़ों को बहुत कम मात्रा में खून की जरूरत होती है, क्योंकि उनका फेफड़ा ऑक्सीजन को कार्बन डाई ऑक्साइड में नहीं बदलता है। इसलिए भ्रूण ज्यादातर खून को फेफड़ों के बाहर फेंक देता है। मगर जैसे ही शिशु गर्भ से बाहर आता है और धरती की हवा में पहली सांस लेता है, तो उसके फेफड़ों पर दबाव बहुत अधिक बढ़ जाता है।

क्या कहती है नई रिसर्च?

नई रिसर्च के अनुसार प्रीमेच्योर शिशु के जन्म के बाद अगर उसके खून में ऑक्सीजन की कमी है, तो उसकी मौत होने की संभावना बढ़ जाती है। ये रिसर्च नाइजीरिया के 12 अस्पतालों में पैदा होने वाले 23,000 बच्चों पर किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया के Murdoch Children’s Research Institute के शोधकर्ता Hamish Graham ने कहा, "नवजात शिशुओं में रक्त-ऑक्सीजन की कमी सामान्य बात है। प्रीमेच्योर बच्चे या ऐसे बच्चे जिनका जन्म बहुत मुश्किल से हुआ है, अक्सर इस समस्या का शिकार होते हैं। आपके शरीर में मौजूद खून जिस मात्रा में ऑक्सीजन को फेफड़ों से लेकर अन्य अंगों तक पहुंचाता है, उसे ही ब्लड-ऑक्सीजन लेवल कहा जाता है"

"हमारा शोध में इस बात का पता चला है कि नए पैदा होने वाले हर 4 में से एक शिशु में और अस्पताल में भर्ती होने वाले हर 10 में से 1 बच्चे के खून में ऑक्सीजन की कमी होती है। इन बच्चों में सामान्य बच्चों की अपेक्षा मौत का खतरा 8 गुना ज्यादा होता है।"

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ऑक्सीजन थेरेपी का बढ़ाएं प्रयोग

शोधकर्ता Hamish Graham के अनुसार ये रिसर्च इस बात के लिए की गई है कि हेल्थ केयर वर्कर्स और पॉलिसी मेकर्स का ध्यान इस बात पर लाया जाए कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की मात्रा चेक करने की मशीन और ऑक्सीजन थेरेपी की व्यवस्थाएं बढ़ाएं, ताकि समय से पहले बच्चों की मौत न हो।

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