6 बार रुक गई थी दिल की धड़कन, काफी मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने बचाई लंदन में रहने वाले भारतीय छात्र की जान

लंदन में एक भारतीय छात्र को एक ही दिन के भीतर 6 बार कार्डियक अरेस्ट आया। जहां, चिकित्सकों ने रातभर उसका इलाज कर उसकी जान बचाई।
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6 बार रुक गई थी दिल की धड़कन, काफी मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने बचाई लंदन में रहने वाले भारतीय छात्र की जान


कार्डियक अरेस्ट एक जटिल समस्या है, जिसके मामले दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। इसके चलते हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होती है। ऐसा ही एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। जहां लंदन में एक भारतीय छात्र को एक ही दिन के भीतर 6 बार कार्डियक अरेस्ट आया। इस दौरान 6 बार उसकी दिल की धड़कनें रुकीं। हालांकिं, चिकित्सकों ने तमाम कोशिशों के बाद उसे बचा लिया। 

क्या है पूरा मामला?

टेक्सास के बायलर विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अतुल राव सड़क पर गिरा हुआ मिला। जिसक बाद उसे लंदन के इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट हैमरस्मिथ हॉस्पिटल के हार्ट अटैक सेंटर में ले जाया गया। मामला इतना गंभीर था कि चिकित्सकों ने उसे भर्ती कर जान बचाने के लिए पूरी रात कोशिश की। दरअसल, अतुल के फेफड़ों में खून के थक्के जम गए थे। इन थक्कों को कमं करने के लिए उसे तमाम तरह की दवाएं भी दी गईं। साथ ही उसे जान बचाने के लिए उसे एडवांस मशीनों पर भी रखा गया। 

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क्या कहते हैं डॉक्टर्स? 

हैमरस्मिथ हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर (ICU) के डॉ. लौइट ठाकुरिया के मुताबिक अतुल की जान बचाना सबके लिए एक चुनौतीभरा काम था। हालांकि, अस्पताल की टीम ने एकजुट होकर इस काम को सफलतापूर्वक कर दिखाया और छात्र की जान बचा ली। इसके लिए उसे क्लॉट-बस्टिंग दवाएं भी दी गईं, जिसके बाद ईसीएमओ नामक लाइफ सपोर्ट सिस्टम के बिना ही उसकी जान बचाई जा सकी। अस्पताल के कर्मचारियों ने भी उसकी हालत देख यही सोचा कि शायद यह जीवित नहीं रह पाएगा। वहीं ठीक होने के बाद अतुल के लिए भी यह काफी आश्चर्यचकित था। 

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कार्डियक अरेस्ट से बचने के तरीके 

  • कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल मेनटेन करना बेहद जरूरी है। 
  • इसके लिए शारीरिक रूप से एक्टिव रहें साथ ही नियमित तौर पर व्यायाम और योग भी करें। 
  • इसके लिए ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को नियंत्रित रखना भी बेहद जरूरी होता है। 
  • इसके लिए फैट और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से परहेज करें। 
  • कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए समय-समय पर जांच कराते रहें। 

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