
ऑब्सेसिव कम्पल्सिव डिसऑर्डर या ओसीडी, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति विशेष प्रकार की हरकतें बार-बार करता है। ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD)एक मानसिक विकार है, जिसमें लोगों को बार-बार, अवांछित विचार, र या संवेदनाएं या जुनून होता हैं, जिन्हें वे बार-बार करते हैं। एक तरह से कह सकते हैं कि इस बीमारी में अक्सर लोग दोहराए जाने वाले व्यवहार, जैसे हाथ धोना, चीजों की जाँच या सफाई, किसी व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों और सामाजिक बातचीत में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करना जैसी आदतें शामिल हैं। उम्र बढ़ने के साथ ये बीमारी लोगों में अलग और गंभीर रूप लेनी लगती है। इसके कारण लोगों के व्यवहार में और बदलाव आने लगता है। ओसीडी वाले कई लोग यूं तो आम दिखते हैं पर गौर करने पर आप जान सकते हैं कि उन्हें ये बीमारी किस हद तक है। इसके अलावा अक्सर इससे पीड़ित लोग अपनी हरकतों के बारे में जानते हैं पर पर खुद के लिए कुछ कर ही नहीं पाते हैं। ऐसे में अगर आपके आसपास किसी व्यक्ति को ओसोडी है तो आप इसे कुछ संकेतों द्वारा पता कपर सकते हैं। आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में।
व्यवहारों में दोहराव
ओसीडी का एक क्लासिक संकेत हैं वे व्यवहार जिन्हें अक्सर दोहराया जाता है। उदाहरण के लिए, हाथों को धोना या उन्हें हाथ सेनिटाइज़र से हर बार साफ करना, दरवाजों को बंद करना और फिर उन पर बार-बार जाँच करना, वस्तुओं को जमा करना और उन्हें सटीक स्थिति में रखना, इसके के कुछ संकेतों में शामिल हैं। इस तरह के व्यवहार के बारे में अक्सर मजाक किया जाता है और इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है, लेकिन ओसीडी पीड़ित व्यक्ति के साथ रहना मुश्किल हो सकता है। साथ ही, यह तनाव जैसी अन्य स्थितियों का भी संकेत दे सकता है।
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स्व-निर्मित नियमों से चिपके रहना
ओसीडी वाले व्यक्ति को कुछ स्व-निर्मित नियमों से चिपके रहने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। पत्रिका साइकोलॉजी टुडे के अनुसार, ये नियम अक्सर कठोर और तानाशाही होते हैं। मिसाल के तौर पर, हर दिन कुछ खास तरह के भोजन से चिपके रहना, अजीबोगरीब तरीके से खाना ओसीडी का संकेत हो सकता है। इस तरह के लोगों में आप पाएंगे कि उन्हें अगर आप किसी खास व्यवहार को लेकर टोकें तो वे बड़ी जल्दी गुस्सा हो जाते हैं। उन्हें जो मन करते है वही करते हैं और लोगों की चिंता नहीं करते। उन्हें अक्सर लगता है कि वो जो कर रहे हैं, सही कर रहे हैं।
घर में ही रहना
ओसीडी के साथ रहने वाले व्यक्ति के अक्सर अपने घर से ही चिपके रहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हेम लगता है कि बाकी जगहें गंदे होंगे। दूसरों की चीजें गंदी होती हैं। इस तरह के साफ-सफाई से जुड़े भम्र उन्हें कभी शांति से जीने नहीं देता। इस वजह से उन्हें घर पर रखने की ही मजबूरी हो जाती है। इसलिए, वे अपने रसोई घर के सबसे ऊपर के काउंटरों को व्यवस्थित और साफ-सफाई रखते हैं और उनकी देख-रेख करते हैं। उन्हें किसी और का काम कभी संतुष्ट नहीं करता। इस आदत से उनके सामाजिक जीवन में बाधा आती है और उन्हें घर में अकेले रहना पड़ सकता है।
सामान्य न रहना
ओसीडी आपको काम पर सामान्य रूप से कार्य करने से रोक सकता है। यह कुछ ऐसी व्यवहार जैसे कि कुछ समय बिताने के बाद बार-बार समय देखना. जिससे आपको समय सीमा याद आती रहे। इन लोगों के लिए समय-सीमा एक प्रोजेक्ट के जैसे होते है, जिसे समय रहते ही पूरा करना होता है और अपनी जगह वापिस जाना होता है। अगर आपको लगता है कि आपके आस- पास ऐसे लोग हैं, जो खान-पान समेत दोस्तों के साथ भी तय समय सीमा कर ही बातचीत करने के लिए मजबूर करता है तो उन्हें डॉक्टर से मदद लेने के लिे कहें या प्रोत्साहित करें।
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सोचने का एक खास पैटर्न
चिंता की तरह अजीब से विचार ओसीडी का एक लक्षण हो सकता है। इन लोगों में इनके ये विचार मस्तिष्क के अंदर तब भी बने रहते हैं, जब उनके पास कोई काम नहीं होता। इसके अलावा अपने मन में कोई विचार रख कर उसे जांच करना शुरू कर देते हैं। ओसीडी वाला व्यक्ति इन विचारों को मनोरंजन समझता है और उन पर कार्रवाई करता रहता है। घुसपैठियों को दूर रखने के लिए दरवाजों को बंद करना, तालों पर रुक-रुक कर जांच करना, इंफेक्शन के डर से हाथ साफ करना आदि। जब उपरोक्त संकेत आपको अपने जीवन को सामान्य रूप से जीने और आनंद लेने से रोकना शुरू करते हैं, तो किसी डॉक्टर की मदद लें। क्योंकि ये ओसीडी आपका समय खा सकता है और आपके विचारों को खत्म कर सकता है।
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