पेरेंटिंग वाकई चुनौतीपूर्ण होती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पेरेंट बनने के बाद जिंदगी में ढेरों खुशियां आती हैं। लेकिन मौजूदा दौर में कपल्स की जिंदगी में एक बड़ी परेशानी इंफर्टिलिटी को लेकर है। कुछ लोग यह फैसला करने में काफी लंबा वक्त लेते हैं कि उन्हें बच्चे चाहिए और जब वे इस मोड़ पर पहुंचते हैं कि वो बच्चा चाहते हैं, तब उन्हें इंफर्टिलिटी से जूझना पड़ता है। फर्टिलिटी कई कारणों से प्रभावित हो सकती है। अधिक उम्र होने पर महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है लेकिन बहुत सी महिलाओं की मिडिल एज में भी हेल्दी प्रेगनेंसी हो जाती है। हालांकि इसके लिए उन्हें अपनी लाइफस्टाइल में लगातार सकारात्मक बदलाव लाने होते हैं।
यह सच है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, गर्भधारण उतना ही मुश्किल होता जाता है। 25-30 उम्र की युवतियों की तुलना में 30+ उम्र की युवतियों के लिए यह कठिन होता है। अलबत्ता, लाइफस्टाइल के सही विकल्पों को चुनकर महिलाएं फर्टिलिटी और स्वस्थ शिशु पैदा करने की संभावनाओं को बेहतर बना सकती हैं। 30 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस बारे में ओनलीमायहेल्थ ने बात की अपोलो फर्टिलिटी के आईवीएफ एंड इंफर्टिलिटी विभाग की सीनियर कंसल्टैंट डॉ. शिवली से। डॉ. शिवली को इस क्षेत्र में 10 सालों से ज्यादा का अनुभव है। आइए उनसे जानते हैं मिड-एज में फर्टिलिटी बढ़ाने के उपाय।
मिड-एज महिलाओं के लिए फर्टिलिटी के कुछ उपयोगी नुस्खे इस प्रकार हैं:
सेहतमंद भोजन चुनें
मिड-एज के हरेक व्यक्ति के लिए, चाहे वह पुरुष हो या महिला, खानपान की सेहतमंद आदतों को चुनना बहुत जरूरी है। खासतौर से महिलाओं के मामले में ओवरवेट होने से गर्भधारण की संभावनाएं काफी प्रभावित हो सकती हैं। इसलिए पोषणयुक्त भोजन लें, जिसमें फलों और सब्जियों की मात्रा अधिक हो, प्रॉसेस्ड फूड कम हो। महिलाओं को यह भी ध्यान देना चाहिए कि उनका बॉडी मास इंडैक्स 30 से अधिक नहीं हो क्योंकि ऐसा होने पर गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है और इसका भ्रूण के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। इसलिए ऐसा वज़न होना महत्वपूर्ण है, जो आपके शरीर के स्वास्थ्य की दृष्टि से सही हो।
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अल्कोहल का सेवन बंद करें
मिडल एज में पहुंचने पर अल्कोहल का सेवन सामान्यत: कम करना चाहिए या फिर उसे पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। यदि कोई गर्भधारण करना चाहता है, तो उसे आमतौर पर शराब पूरी तरह छोड़ने की सलाह दी जाती है। अधिक अल्कोहल के सेवन से पुरुषों में शुक्राणुओं की गतिशीलता पर असर पड़ता है और ऐसा होने पर महिलाओं के गर्भधारण की मुश्किलें बढ़ती है। यदि आप गर्भधारण करने की सोच रहे हैं तो भरपूर कोशिश इसी बात की करें कि मिडिल-एज में पहुंचने के बाद शराब का सेवन कम करें।
धूम्रपान से बचें
धूम्रपान से बचने की सलाह आमतौर से सभी को दी जाती है। हाल के कुछ अध्ययनों से ये संकेत भी मिले हैं कि तंबाकू के सेवन से जन्म दरों पर असर पड़ता है। खासतौर से यह ध्यान रखना जरूरी है कि जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनके मामले में धूम्रपान न करने की वाली महिलाओं के मुकाबले मेनोपॉज़ करीब दो साल पहले हो जाएगा, और इस तरह यह जीवन में आगे चलकर गर्भधारण की उनकी संभावनाओं को प्रभावित करेगा। इसलिए यदि आप बाद में गर्भधारण के बारे में सोच रही हैं तो जितनी जल्दी हो हमेशा के लिए धूम्रपान का त्याग कर दें।
ज्यादा भारी-भरकम व्यायाम से बचें
मिड-एज में गर्भवती होने का इरादा रखने वाली महिलाओं को अत्यधिक व्यायाम से बचना चाहिए। काफी भारी-भरकम व्यायाम से गर्भधारण में बाधा पहुंचती है क्योंकि इसकी वजह से कई बार डिंबस्राव नहीं होता या फिर इंप्लांटेशन बाधित होता है। लेकिन यह भी सच है कि पूरी तरह से व्यायाम रहित जीवनशैली भी इंफर्टिलिटी बढ़ाती है। इसलिए आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर अपने वर्कआउट रूटीन को चुनें और एक संतुलित व्यायाम शैली अपनाएं।
कैफीन का सेवन घटाएं
क्या आप उनमें से हैं, जो बिना कॉफी पिए बिस्तर नहीं छोड़ सकते? यदि हां, तो आपको इस बारे में पुनर्विचार करना होगा ताकि आगे चलकर फैमिली शुरू करने के फैसले पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। यह देखा गया है कि काफी मात्रा में कॉफी का सेवन फर्टिलिटी में बाधा बनता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप कॉफी का सेवन कम करें। इसके बजाय दूध पिएं, जो आपके और आपके भ्रूण के लिए चमत्कारित रूप से लाभदायक हो सकता है।
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आराम करें
गर्भधारण न होने पर तनाव होना स्वाभाविक है। खासतौर से यदि आप अधिक उम्र में गर्भधारण के बारे में सोच रहे हैं, तो आपका तनाव बढ़ सकता है। जैसे-जैसे आपका तनाव बढ़ता है, उसी अनुपात में गर्भधारण की संभावना घटती है। ऐसा हार्मोनल कारणों से होता है, जो तनाव बढ़ाता है। इसलिए सेल्फ-केयर एक्टिविटी के बारे में सोचें, जैसे योग या ध्यान करें, ताकि आप खुद को सहज बना सकें।
निष्कर्ष
आप उम्र के सही पड़ाव पर या बाद में गर्भधारण की योजना बना रहे हैं, तो आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अंतर सिर्फ इतना होता है कि जब आप बाद में गर्भधारण के बारे में सोचते हैं, तो यह अधिक जटिल हो सकता है। लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल चुनना आपकी राह आसान बनाता है। इसलिए खानपान की सेहतमंद आदत चुनें, शराब का सेवन छोड़ें, धूम्रपान कम करें, भारी-भरकम व्यायाम से बचें, कैफीन का सेवन घटाएं और सेल्फ-केयर के लिए कुछ न कुछ अवश्य करें। मिड-एज में महिलाओं को अपने रूटीन में इन आदतों को शामिल करना होता है, ताकि उनकी फर्टिलिटी बढ़े और साथ ही, स्वस्थ शिशु को जन्म देने की संभावनाएं भी बेहतर बनें।
Inputs by- Dr. Shivli (IVF & Infertility, Apollo Fertility, Varanasi)
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