
नींबू वाली चाय और ग्रीन टी दोनों के अपने अलग-अलग फायदे हैं। पर आइए जानते हैं कि सुबह की पहली चाय के रूप में कौन सी ज्यादा फायदेमंद है।
चाय के बिना लोग अपनी सुबह की कल्पना भी नहीं कर सकते। आज बाजार में चाय की कई हेल्दी विकल्प मौजूद हैं, पर भारत में पारंपरिक चाय के नाम पर लोग नींबू वाली चाय (Lemon tea)और दूध वाली चाय को याद करते हैं। वहीं अब ग्रीन टी का चलन भी बहुत तेजी से बढ़ा है। मोटापा, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित लोग इसे अपने रूटीन का हिस्सा बना रहे हैं। तो नींबू वाली चाय से नींबू और चीनी को निकाल कर बनी काली चाय भी अब बड़ी तेजी से प्रचलन में आ रही है। पर सवाल ये है कि सुबह की शुरुआत करने के लिए यानी कि खाली पेट कौन सी चाय पीना ज्यादा फायदेमंद है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि इनमें से कौन सी चाय सुबह की शुरुआत ( What kind of tea is good for mornings) के लिए ज्यादा सेहतमंद है।
नींबू वाली चाय (lemon tea)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन के अनुसार, नींबू में शरीर को डिटॉक्स करने का गुण पाया जाता है। इसे लो-कैलोरी वाला माना गया है, जिस कारण यह वजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, नींबू इंसुलिन को बढ़ने से रोकने और हृदय संबंधी रोग के जोखिम कारकों को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं इसकी एंटीबैक्टीरियल एक्टिविटी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती है। ये बैक्टीरियल संक्रमण और मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
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ग्रीन टी (Green tea)
ग्रीन टी को एक स्वस्थ पेय माना जाता है। ग्रीन टी के फायदे की बात करें, तो यह वायरल संक्रमण, कार्डियो वैस्कुलर रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और कई अन्य बीमारियों जैसे विभिन्न रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा बढ़ाता है। वहीं कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ने के लिए हरी चाय का नियमित सेवन दिखाया गया है। ग्रीन टी रक्त को पतला करती है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे रक्तचाप और उच्च रक्तचाप कम होता है।
लेमन टी और ग्रीन टी में क्या अंतर है?
- - ग्रीन टी चाय की उन्हीं खास पत्तियों (Camellia Sinensis)से बनाई जाती है, जबकि हमारी देसी नींबू चाय केवल तैयार करने की एक विधि है जिसमें आप किसी तरह की चायपत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- - ग्रीन टी कम प्रोसेस्ड होती है और इस प्रकार, नियमित रूप से इसका सेवन करने वालों के लिए एक बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है।
- -नींबू की चाय एक तरह की हर्बल टी है, जिसे लोग कई जड़ी-बूटियों के साथ तैयार करते हैं। जैसे कि अदरक, दालचीनी और लौंग आदि के साथ।
- - हर्बल टी की एक प्रकार होने के वजह से नींबू वाली चाय एंटीसेप्टिक गुणों की भरमार है।

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ग्रीन टी या लेमन टी कौन है बेहतर (Lemon tea vs Green tea)?
नींबू एक नेचुरल एंटीसेप्टिक होता है नींबू की चाय या नींबू की कॉफी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। चाय की नियमित सेवन संक्रमण और बीमारियों के उपचार में मदद करता है। पर ये दिन के लंबे समय तक के लिए आपके शरीर में असर नहीं कर सकता है। वहीं जिन लोगों को खाली पेट खट्टा लेने से गैस बनता है उनके लिए नींबू वाली चाय सही नहीं है। उधर ग्रीन-टी में सबसे जरूरी एंटीऑक्सीडेंट (EGCg) मौजूद होता है। यह बड़ी मात्रा में सिर्फ ग्रीन-टी में पाया जाता है। इसमें एंटीथ्रैटिक, जीवाणुरोधी, एंटीजेनोजेनिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल, न्यूरोप्रोटेक्टिव और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले तत्व मौजूद हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक कप चाय की तुलना में ग्रीन-टी का प्रभाव लम्बे समय तक पीने के बाद होता है। इस तरह अगर आप समझ सकते हैं कि कैसे ग्रीन टी ज्यादा फायदेमंद है।
वहीं ध्यान देने वाली बात ये है कि जिन लोगों को सुबह उठते ही छींक आने और एलर्जी की परेशानी होती है उनके लिए नींबू की चाय एंटीसेप्टिक है। वहीं ये विटामिन सी से भी भरपूर है, जो शरीर को सर्दी-जुकाम से बचाय रख सकता है। तो वेट लॉस और इम्यूनिटी को मजबूत रखने वाले लोगों के लिए ग्रीन टी एक बेहतरीन विकल्प है।
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