Dementia and Lack Sleep: डिमेंशिया एक सामान्य शब्द है, जो बीमारियों का एक समूह है। यह सोचना, याद्दाश्त, मनोदशा और व्यवहार प्रभावित करता है। डिमेंशिया, मानसिक कार्यों और गतिवधियों को प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें कि आमतौर पर बुजुर्गों में डिमेंशिया होने का जोखिम अधिक होता है। डिमेंशिया तब विकसित होता है, जब मस्तिष्क के सीखने और निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ता है। डिमेंशिया का सबसे आम कारण अल्जाइमर रोग है। डिमेंशिया को लेकर दुनियाभर में कई रिसर्च चल रहे हैं। एक रिसर्च में साबित हुआ है कि नींद की कमी मानसिक रोग 'डिमेंशिया' के जोखिम को बढ़ा सकता है।
नींद की कमी से बढ़ता है डिमेंशिया का जोखिम
एक रात की खराब नींद आपके अगले दिन की समस्याओं को बढ़ा सकती है। जब आप एक रात नहीं सोते हैं, तो अगले दिन आपको तनाव और चिंता हो सकती है। साथ ही, आप थकान और कमजोरी का भी अनुभव कर सकते हैं। लेकिन जब आप कई महीनों या वर्षों तक सही से नींद नहीं लेते हैं, तो इससे गंभीर मानसिक रोग पैदा हो सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि अगर आप गहरी नींद नहीं लेते हैं, तो इससे डिमेंशिया का जोखिम भी बढ़ सकता है। अध्ययन की मानें तो नींद की कमी डिमेंशिया के जोखिम को 20 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। अगर आप रोजाना 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, तो इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में हर साल गहरी नींद में एक फीसदी की कमी भी डिमेंशिया के जोखिम को 27 फीसदी तक बढ़ाता है।
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गहरी नींद लेने से होगा डिमेंशिया का बचाव
एक स्टडी के अनुसार गहरी और अच्छी नींद लेने से डिमेंशिया से बचाव हो सकता है। गहरी नींद, डिमेंशिया को रोक सकता है। अगर आप रोजाना 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेंगे, तो इससे आप मानसिक रोगों से बच सकते हैं। गहरी नींद लेने से आपका तनाव कम होगा और आपकी अच्छा महसूस करेंगे।
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डिमेंशिया से बचने के तरीके
- डिमेंशिया से बचने के लिए आपको एक्टिव जरूर रहना चाहिए। आपको फिजिकली और मेंटली एक्टिव रहना चाहिए। अपने मस्तिष्क का यूज करें।
- इस रोग से बचने के लिए आपको लोगों के साथ कनेक्टेड रहना चाहिए। इसके लिए आप अपने परिवारजनों और दोस्तों के साथ बातचीत करें।
- अपने खान-पान और जीवनशैली का खास ख्याल रखें। फलों और सब्जियों का सेवन करें। डाइट में विटामिन बी12 और फोलिक एसिड शामिल करें। शराब और धूम्रपान का सेवन करने से बचें।