
आपने अक्सर देखा होगा कि शुगर के मरीज चीनी खाना एकदम से बंद कर देते हैं। क्या खुद से लिया गया यह फैसला सही है? कुछ लोग अक्सर ये भी सोचते हैं कि अगर वे शुगर नहीं खाएंगे तो उन्हें शुगर नहीं होगी, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप गलत हैं। अक्सर हम अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को जोड़ लेते हैं, जिनके कारण उनके शरीर में शुगर लेवल खुद-ब-खुद बढ़ जाता है। अगर आपको पहले से ही पता होगा कि किन चीजों में कितनी शुगर है तो आप खुद को इन सब चीजों के सेवन से रोक पाएंगे और प्राकृतिक शुगर का सेवन कर पाएंगे। ध्यान दें कि वर्ल्ड डायबिटीज डे पर हमने एक सीरीज चलाई है जो 9 से 13 नवंबर तक हर रोज शाम 4:00 बजे फेसबुक लाइव और इंस्टाग्राम के माध्यम से आप लोगों तक पहुंचाई जाएगी। इस सीरीज में हमारी मुख्य अतिथि और एक्सपर्ट ऑस्ट्रेलियन डायबिटीज एजुकेटर एसोसिएशन ऑस्ट्रेलिया द्वारा मान्यता प्राप्त डायबिटीज विशेषज्ञ स्वाती बाथवाल आप लोगों का मार्गदर्शन करेंगी। हम बात कर रहे हैं आज के विषय की। आज हमार एक्सपर्ट ने बताया कि अनजाने में कितनी शुगर का सेवन कर रहे हैं। पढ़ते हैं आगे...
डायबिटीज के लक्षणों को सक्रिय होने से कैसे रोकें?
हेल्दी लाइफस्टाइल के जरिये हम खुद को इस समस्या से बचा सकते हैं। अक्सर आपने देखा होगा जो लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं या हर वक्त किसी वर्क प्रेशर से जुझ रहे होते हैं वे इस समस्या के जल्दी चपेट में आते हैं। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपको शुगर न हो तो आप निम्न चीज़ों को अपनी दिनचर्या में जोड़ें-
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- भरपूर नींद लेना।
- विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए घूप लें।
- हेल्दी खाना अपनी डाइट में जोड़ें।
- तनावमुक्त रहें।
क्या मोटे लोगों को डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है?
ऑर्गंस के बीच जो फैट होता है वो विसरल फैट कहलाता है। जब वो बढ़ने लगता है तब भी डायबिटीज़ का खतरा बढ़ जाता है। इस फैट को करने के लिए एक्सरसाइट एक अच्छा ऑप्शन है। ऐसा नहीं है कि मोटे लोग को इस समस्या के होने की आशंका ज्यादा हो। कुछ पतले दुबले लोग भी होते हैं जिन्हें ये समस्या बढ़ जाती है। इसका कारण वहीं है जैसा पहले भी बताया ज्यादा स्ट्रेस लेना, पूरी नींद न लेना आदि।
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नैचुरल शुगर क्या है?
सेब में नैचुरल शुगर है। लेकिन अगर आप सेब के जूस में चीनी एड कर देंगे तो वे एक्सट्रा शुगर कहलाएगा। उसी तहर मेवे में नैचुरल शुगर होता है लेकिन अगर हम इसे मीठे लड्डू में एड कर देंगे तो नैचुरल शुगर कहलाता है। कुछ ऐसी नैचुरल शुगर्स चीज़ें होती है जो हमारे शरीर में जल्दी एब्जॉर्ब हो जाते हैं जैसे- तरबूज। लेकिन तरबूज हाई जीआई में आता है तो उसके कारण शरीर में शुगर लेवल जल्दी बढ़ जाएगा। मतलब खाना खाने के दो घंटे के अंदर। जबकि आम में फाइबर होता है, जिससे शरीर में शुगर की मात्रा को धीरे-धीरे बढ़ती है। बीट वाली नान आपके शुगर लेबल को धीरे-धीरे बढ़ाएगी जबकि मैंदा या भटूरा जल्दी शुगर बढ़ाएगा। ज्वार, बाजरा आदि में फायबर होता है। ऐसे में ये लो जीआई के अंदर आते हैं। हम कह सकते हैं कि हाई जीआई से बचना चाहिए और लो जीआई को अपनी डाइट में जोड़ना चाहिए।
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बाजार में मिलने वाले प्रोडक्ट में कैसे पता करेंगे कि इसमें कितना शुगर है?
शुगर हानिकारक होता है साथ ही आपकी इम्यूनिटी को कमजोर करता है। लेकिन अगर आप बाजार जाते हैं तो देखें कि जो बोटल है क्या उसमें लिखा है एडिड शुगर और अगर लिखा है कि इसमें शुगर 5 ग्राम है तो हो सकता है कि वो 5 ग्राम केवल 100 मिली ड्रिंक के लिए लिखा हो। लेकिन अगर आपकी बोटल 300 मिली की है और आप उसे पूरी पी जाते हैं तो आपने 15 ग्नाम शुगर का सेवन किया। ऐसे में कैल्कुलेट करना बेहद जरूरी है।
आपको बता दें कि जरूरी नहीं है कि अगर प्रोडक्ट में ग्लूकोज नहीं लिखा है तो उसमें शुगर नहीं है, हिडन शुगर के कम से कम 50 नाम है जो शगर इंडस्ट्री वाले यूज करते हैं। उदहारण के तौर पर इंवर्ट शुगर, फ्रुक्टोज, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप आदि।
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