krill oil vs Fish oil: क्रिल ऑयल और फिश ऑयल में से कौन सा है आपकी सेहत के लिए बेहतर?

अगर आप भी क्रिल ऑयल और फिश ऑयल को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो जान लें आपकी सेहत के लिए कौन सा ऑयल है ज्यादा बेहतर। 
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krill oil vs Fish oil: क्रिल ऑयल और फिश ऑयल में से कौन सा है आपकी सेहत के लिए बेहतर?

क्रिल ऑयल और मछली के तेल में बहुत से पोषक तत्व समेत भारी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है। दोनों ही तेल हमारे स्वास्थ्ये के लिए बहुत फायदेमंद भी माने जाते हैं। लेकिन हर कोई इस विषय पर ये सोचता है कि क्रिल ऑयल और मछली के तेल में से कौन सा स्वास्थ्य के लिए ज्यादा फायदेमंद है। आपको बता दें कि फिश ऑयल तैलीय मछली से निकाला जाता है जैसे: टूना और सार्डिन। वहीं, क्रिल ऑयल छोटे जानवर से निकाला जाता है जिसे क्रिल कहा जाता है। लेकिन सवाल वही है कि दोनों में से ज्यादा फायदेमंद कौन सा है। तो आइए इसका जवाब हम इस लेख के जरिए तलाशने की कोशिश करते हैं कि फिश ऑयल और क्रिल ऑयल में से कौन सा हमारे लिए बेहतर है। 

HEALTHY OIL

फिश ऑयल और क्रिल ऑयल के फायदे क्या है?

क्रिल ऑयल के फायदे

क्रिल ऑयल में भारी मात्रा में हेल्दी फैट पाया जाता है, ये सूजन और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से लड़ने में मददगार होता है। साथ ही ये हृदय स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में कामयाब है। आपको बता दें कि यह क्रिल ऑयल व्हेल, पेंगुइन और दूसरे समुद्री जीवों से निकाला जाता है। 

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फिश ऑयल के फायदे

वहीं, दूसरी ओर फिश ऑयल हृदय स्वास्थ्य के मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करने में मदद करता है। इसके साथ ही ये सूजन और जोड़ों के दर्द के लिए भी अच्छा माना जाता है। कई शोध में ये सामने आया है कि मछली का तेल का सेवन करने से आप लंबे समय तक अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके अलावा फिश ऑयल का नियमित रूप से सेवन करने से ये आपकी त्वचा को भी निखारता है और ये आपके लिवर में होने वाले एक्सट्रा फैट को भी कम करने का काम करता है। 

क्या कहता है शोध? 

साल 2011 में हुए एक अध्ययन में सामने आया कि दोनों ही तेल की मदद से रक्त का स्तर सामान पाया गया। लेकिन इस शोध में लोगों ने क्रिल ऑयल को 3 ग्राम लिया जबकि फिश ऑयल को 1.8 ग्राम लिया। इससे ये सामने आया कि एक व्यक्ति को अगर फिश ऑयल की जगह क्रिल ऑयल का सेवन करना है तो उसे फिश ऑयल से करीब 2 बार ज्यादा क्रिल ऑयल लेना होगा। वहीं, दूसरी ओर शोधकर्ताओं ने इसके परिणाम के बाद सलाह दी कि दोनों ही ऑयल में एक सामान ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा लेने के लिए फिश ऑयल की तुलना में क्रिल ऑयल के कैप्सूल लेना होगा। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी इन दोनों ऑयल पर और भी शोध होने की जरूरत है तभी इस पर स्पष्ट फायदा सामने आएगा। 

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क्रिल ऑयल और फिश ऑयल के नुकसान

  • क्रिल ऑयल और फिश ऑयल के सेवन के बाद आपको हल्के नुकसान देखने को मिल सकते हैं। जैसे: 
  • बहुत ज्यादा सेवन करने से पेट में जलन होना।
  • पसीना में से बदबू आना।
  • पेट के खराब होने का खतरा।
  • सांसों में बदबू।
  • दस्त और सिरदर्द की समस्या। 

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