रेड पाम ऑयल (ताड़ का तेल) अभी बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं हुआ है इसलिए लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं। हालांकि सुपर मार्केट्स और ऑनलाइन स्टोर्स पर आपको रेड पाम ऑयल आसानी से मिल सकता है। ये एक खास कुकिंग ऑयल है, जो पाम (ताड़) के पेड़ से निकलने वाले फल से बनाया जाता है। इस पेड़ को सबसे ज्यादा इंडोनेशिया और मलेशिया में उगाया जाता है। रेड पाम ऑयल भले ही कम पॉपुलर हो, लेकिन इसके ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ हैं, जिसके कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में लोग खाना बनाने के लिए इस तेल का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इस तेल के इस्तेमाल को पर्यावरण के लिए थोड़ा नुकसानदायक माना जाता है। आइए आपको बताते हैं इसका क्या कारण है और इस तेल को इस्तेमाल करने के फायदे क्या हैं।
कैसे बनता है रेड पाम ऑयल?
पाम ऑयल पाम के फलों से बनाता है। पाम का पेड़ बहुत लंबा लेकिन कम पत्तों वाला होता है। लगभग 20 मीटर लंबे इस पेड़ में 20-30 पत्तियां ही होती हैं। इसके अलावा इस पेड़ में खास फल होते हैं, जिनसे पाम ऑयल निकाला जाता है। इस तेल की खास बात ये है कि इसका स्मोक प्वाइंट ज्यादा होता है, जिसके कारण खाना बनाने के लिए खासकर फ्राइंग और रोस्टिंग के लिए इस ऑयल का इस्तेमाल अच्छा होता है। वैसे तो पाम ऑयल का इस्तेमाल काफी समय से दुनिया के कई हिस्सों में होता रहा है, लेकिन इसके फायदों के बारे में थोड़े समय पहले ही वैज्ञानिक शोधों से पता चला है।
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बिना प्रॉसेसिंग के रेड पाम ऑयल गहरे लाल रंग का होता है। इसका कारण है इसमें मौजूद खास बीटा-कैरोटीन, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। बीटा कैरोटीन गाजर और कद्दू जैसी सब्जियों में भी पाया जाता है। शुद्ध पाम ऑयल के स्वाद और सुगंध में थोड़ा कड़वापन होता है, इसलिए मार्केट में मिलने वाले ज्यादातर पाम ऑयल रिफाइंड, ब्लीच किए हुए और सेंट डालकर बेचे जाते हैं।
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क्यों फायदेमंद माना जाता है रेड पाम ऑयल?
रेड पाम ऑयल में 50% सैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, 40% अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं और 10% पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। यही कारण है कि इस तेल में कैलोरीज थोड़ी ज्यादा होती हैं लेकिन ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। 1 चम्मच रेड पाम ऑयल (लगभग 14 ग्राम) में 126 कैलोरीज होती हैं। इसके बाद भी इस तेल को फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें अल्फा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन होता है। इसके अलावा इस तेल में स्टेरॉल्स (Sterols) और विटामिन ई की मात्रा भी अच्छी होती है। विटामिन ई के कारण इसे कुकिंग के साथ-साथ स्किन केयर के लिए भी अच्छा माना जाता है।
रेड पाम ऑयल सेहत के लिए किस तरह है फायदेमंद?
- इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल घटता है।
- हार्ट की बीमारियों का खतरा कम होता है।
- मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है और ब्रेन फंक्शन को बढ़ाता है।
- बीटा-कैरोटीन होने के कारण शरीर में विटामिन A के अवशोषण को बढ़ाता है।
- ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस कम करता है, जिससे व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियों से बचाव मिलता है।
- त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें विटामिन ई होता है।
रेड पाम ऑयल के नुकसान
रेड पाम ऑयल के फायदे तो हैं ही, साथ ही इससे जुड़े कुछ नुकसान भी हैं, जिन्हें प्रयोग से पहले आपको जरूर जानना चाहिए।
कुछ अध्ययन बताते हैं कि रेड पाम ऑयल कोलेस्ट्रॉल घटाता है। लेकिन इन अध्ययनों पर कोकोनट ऑयल की तरह विवाद चल रहा है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेड पाम ऑयल के अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि अगर आप इसका सेवन कर रहे हैं, तो साथ में कुछ अन्य हेल्दी फैट्स का कॉम्बिनेशन बनाएं। दूसरा नुकसान यह है कि मार्केट में बिकने वाले ज्यादातर रेड पाम ऑयल्स की बहुत ज्यादा प्रॉसेसिंग होती है। इस प्रॉसेसिंग के दौरान इसमें कुछ केमिकल्स का प्रयोग करके इसी ब्लीच किया जाता है। इसलिए रिफाइंड रेड पाम ऑयल का इस्तेमाल करना बहुत सेहतमंद नहीं है, जबकि कोल्ड प्रेस्ड रेड पाम ऑयल का प्रयोग ज्यादा फायदेमंद और सुरक्षित है।
तीसरी सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि रेड पाम ऑयल अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। दरअसल इस तेल को बनाने के लिए जंगल को काटना पड़ता है। अगर पाम ऑयल का इस्तेमाल लोगों में बढ़ गया तो उसका नुकसान जंगलों और पर्यावरण को उठाना पड़ेगा। इसलिए बहुत सारे पर्यावरणविद् इस तेल के कुकिंग के उद्देश्य से इस्तेमाल को ठीक नहीं ठहराते हैं।
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