क्या आपका लाडला सुई के नाम से भी डरता है? क्या डॉक्टर के पास जाते ही वह जोर-जोर से रोने लगता है? क्या डॉक्टर के केबिन में आपको उसे संभालना मुश्किल हो जाता है? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चों का इंजेक्शन से डरना बेहद सामान्य है। कई बार ना चाहते हुए आपको बच्चों को इंजेक्शन लगवाना पड़ता है ताकि आप उसकी गंभीर बीमारियों से रक्षा कर सकें। बच्चे का चेहरा देखकर यकीनन आपको काफी बुरा लगता होगा और कई बार आपके मन में भी आता होगा कि आपके लाडले को इंजेक्शन न लगे, लेकिन उसकी भलाई के लिए आपको अपना दिल कठोर करना पड़ता है। इस स्थिति में सबसे अच्छा तरीका है कि आप उसके मन से डर को निकालें। जब उसके मन में इंजेक्शन को लेकर डर नहीं होगा तो फिर आपकी और उसकी परेशानी काफी हद तक कम हो जाएगी। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ उपाय बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप बच्चे के मन के डर को आसानी से दूर कर सकते हैं-
बताएं सच्चाई
बच्चे के मन के डर को निकालने या उन्हें शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप पहले ही उसे सच्चाई बताएं। मसलन, आप डॉक्टर के पास जाने से पहले उसे कहें कि इंजेक्शन लगने पर उसे कुछ देर के लिए दर्द भले ही हो, लेकिन इससे वह कई बड़ी बीमारियों से आसानी से बच सकता है। आप उसे कहें कि अगर वह अभी इंजेक्शन नहीं लगवाएगा तो भले ही फिलहाल के लिए वह कुछ देर के दर्द से बच जाए, लेकिन बाद में उसे न सिर्फ बहुत अधिक तकलीफ होगी, बल्कि उसे कई इंजेक्शन एक साथ लेने पड़ेंगे और ऐसा होने पर उसे कई गुना ज्यादा दर्द व तकलीफ होगी। यकीन मानिए, सच्चाई जानने के बाद बच्चे में खुद ब खुद हिम्मत आ जाएगी और फिर वह बिना रोए ही इंजेक्शन लगवा लेगा।
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अधिक आरामदायक स्थिति
इंजेक्शन लगवाने के दौरान आप कोशिश करें कि बच्चा अधिक आरामदायक स्थिति में हो। उदाहरण के तौर पर वैक्सीनेशन के दौरान बच्चे को लेटने के लिए कहा जाता है। इस स्थिति में बच्चे ज्यादा डरते हैं। ऐसे में आप डॉक्टर या नर्स से पूछे कि क्या वह खड़ा हो सकता है। अगर वह इसकी इजाजत देते हैं तो आप बच्चे को खड़ा करें और उसका हाथ पकड़ें। इससे बच्चे को हिम्मत मिलती है। आप चाहें तो इंजेक्शन के दौरान बच्चे से इधर-उधर की बातें भी कर सकते हैं। इससे भी बच्चा आसानी से इंजेक्शन लगवा लेता है।
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दें रिवार्ड
रिवार्ड थेरेपी बच्चे पर हमेशा काम करती है। यह सिर्फ इंजेक्शन के संदर्भ में ही नहीं, जीवन के किसी भी पहलू में काम आती है। हालांकि आपको रिवार्ड और रिश्वत में फर्क समझना होगा। मसलन, अगर आप बच्चे से कहते हैं कि अगर वह आराम से इंजेक्शन लगवा लेगा तो आप उसे उसकी फेवरिट चॉकलेट, चिप्स या अन्य कोई उपहार देंगी तो यह रिश्वत है। कभी भी बच्चे को रिश्वत न दें क्योंकि फिर वह हर छोटी-बड़ी चीज के लिए आपसे डिमांड करते हैं। वहीं, दूसरी ओर जब बच्चा आराम से वैक्सीनेशन करवाता है तो आप रिवार्ड के रूप में उसकी पसंदीदा कोई चीज दे सकते हैं। साथ ही उसे वह रिवार्ड देते समय यह अवश्य बताएं कि आपने उसे वह उपहार उसके निडर होने पर दिया है। इससे बच्चे के मन में एक सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और फिर सिर्फ सुई से ही नहीं, अपने बड़े-बड़े डर पर काबू करने का गुण सीख जाता है।
भटकाएं ध्यान
कोशिश करें कि जब आप बच्चे को वैक्सीनेशन के लिए लेकर जाएं तो उसका ध्यान भटकाने के लिए आपके पास कोई न कोई तरीका अवश्य हो। मसलन, आप उसके लिए कोई किताब ले जा सकते हैं या गाने सुना सकते हैं। ऐसे में उन्हें पता भी नहीं चलेगा और वह बेहद आराम से वैक्सीनेशन करवा लेंगे।
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रहें शांत
आपने कभी नोटिस किया है कि जब आप डॉक्टर के केबिन में होते हैं और वैक्सीनेशन का नाम सुनकर जब बच्चा घबरा जाता है तो आपके चेहरे के हाव-भाव भी बदल जाते हैं। ऐसे में आपको देखकर बच्चा और भी ज्यादा परेशान हो जाता है। इसलिए बच्चे को समझाने से पहले आप खुद को शांत रखना सीखें। जब वैक्सीनेशन के दौरान बच्चा आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखेगा तो यकीनन उसके मन में एक विश्वास पैदा होगा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा और विश्वास उसके मन में भी हिम्मत जगाएगा।
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