छोटे बच्चों में दिखने वाले ये 5 लक्षण हैं गंभीर बीमारी का संकेत, घरेलू नुस्खे आजमाने के बजाय दिखाएं डॉक्टर को

नन्हे शिशुओं और छोटे बच्चों में दिखने वाले कुछ संकेत बहुत सामान्य लगते हैं। मगर कई बार खतरनाक हो सकते हैं और तुरंत मेडिकल सहायता की मांग करते हैं। जानें ऐसे 5 संकेत, जो बताते हैं कि आपका बच्चा गंभीर रूप से बीमार है और उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है।
  • SHARE
  • FOLLOW
छोटे बच्चों में दिखने वाले ये 5 लक्षण हैं गंभीर बीमारी का संकेत, घरेलू नुस्खे आजमाने के बजाय दिखाएं डॉक्टर को


आमतौर पर हम ये मानते हैं कि छोटे बच्चों को छोटी-मोटी समस्याएं जैसे- बुखार, खांसी, जुकाम, सर्दी आदि होती रहती हैं। ज्यादातर लोग ये समस्याएं होने पर कोई न कोई प्रचलित घरेलू नुस्खे का सहारा लेते हैं, या मेडिकल स्टोर से कोई प्रचलित दवा मंगाकर खा लेते हैं। मगर कई बार बहुत सामान्य से दिखने वाले लक्षण बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं। बच्चों को कोई समस्या होने पर न तो आपको बहुत ज्यादा घबराना चाहिए और न ही नजरअंदाज करना चाहिए। हम आपको बता रहे हैं, बच्चों में दिखने वाली 6 ऐसे संकेत, जो बताते हैं कि आपका बच्चा बुरी तरह बीमार है। ऐसे समय में कोई घरेलू नुस्खा आजमाने के बजाय आपको अपने बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

अगर बच्चे को आए लगातार बुखार

आमतौर पर छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए मौसम बदलने पर या किसी इंफेक्शन के कारण उन्हें बुखार आ सकता है। मगर इन 3 स्थितियों में बिना देरी किए आप अपने बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं-

  • 3 महीने से छोटे शिशु को 38 डिग्री सेन्टीग्रेड से ज्यादा बुखार हो, तो उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
  • 3-6 महीने के शिशु को 39 डिग्री सेन्टीग्रेड या इससे ज्यादा बुखार हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अगर बुखार के साथ कुछ अन्य लक्षण दिख रहे हैं, या लगातार 3 दिन से ज्यादा बुखार है, तो बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाएं।

इसे भी पढ़ें:- शिशु को पहली बार बुखार आए, तो क्या करना चाहिए? जानें बेबी केयर टिप्स

अगर बच्चे को सांस लेने में परेशान हो

अगर आपके बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है, या वो बहुत तेजी से सांस ले रहा है, तो उसे सांस से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो सकती है इसके अलावा नन्हे शिशुओं में सांस लेते समय घरघराहट की आवाज भी सांस की ही परेशानी का संकेत है। कई बार सांस लेने में परेशानी किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है। श्वांसनली में ब्लॉकेज, सीने का इंफेक्शन या किसी अन्य समस्या के कारण आमतौर पर सांस लेने की परेशानी होती है। ध्यान दें कि सांस में परेशानी के साथ अगर बच्चे के मुंह या होठों के आसपास का हिस्सा नीला दिखने लगे, तो जितनी जल्दी हो सके, डॉक्टर से संपर्क करें और मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू करें।

लगातार उल्टी होना

आमतौर पर बच्चों में उल्टी के कई कारण हो सकते हैं। कई बार कुछ भी खाने के बाद बच्चे थोड़ी देर में खाना उगल देते हैं। इसका कारण रिफलक्स या गैस्ट्रोइन्टेराइटिस हो सकता है। आमतौर पर ऐसा होने पर उल्टी के साथ सफेद या पीला तरल पदार्थ भी निकलता है, जो पाचक रस होता है। मगर इन स्थितियों में आपको बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए-

  • अगर लगातार कई उल्टियां हों और शिशु के शरीर में पानी की कमी होने लगे।
  • अगर बच्चे को हरी उल्टियां हो रही हैं, तो ये पेट में ब्लॉकेज का संकेत है। इसलिए डॉक्टर को दिखाएं।
  • अगर बच्चे को उल्टी के साथ सिर दर्द की भी समस्या हो, तो चिकित्सक की सलाह जरूरी है।
  • ऐसे समय में बच्चे को कुछ भी खिलाएं नहीं, बल्कि उबला हुआ पानी पिलाएं और डॉक्टर से मिलें।

इसे भी पढ़ें:- ग्राइप वाटर शिशुओं के लिए कितने सुरक्षित होते हैं? शिशु को ग्राइप वाटर देते समय बरतें ये 5 सावधानियां

बच्चे को पेशाब कम हो

अगर आपके बच्चे को सामान्य से कम पेशाब होने लगे या वो बहुत देर से पानी नहीं पी रहा है, तो वो डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है। डिहाइड्रेशन वैसे तो कोई बड़ी समस्या नहीं है, मगर फिर भी कई बार ये जानलेवा हो सकती है। इसलिए अगर आपके बच्चे को निम्न समस्याएं हों, तो एक बार डॉक्टर की सलाह ले लें-

  • बच्चा बहुत ज्यादा थका हुआ लगे
  • बच्चे का मुंह सूख रहा हो और वो पानी न पी रहा हो।
  • रोने के बावजूद बच्चे को कम आंसू आएं।
  • बच्चे की आंखें धंसने लगें
  • बच्चे को कम पेशाब आए

त्वचा पर चकत्ते उभरना

त्वचा पर चकत्ते एक सामान्य समस्या समझी जाती है, जो कई बार स्किन इंफेक्शन के कारण हो सकती है। मगर छोटे बच्चों की त्वचा पर चकत्ते किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकते हैं। अगर आपको ऐसे चकत्ते दिखें, तो इसे दबाकर चेक करें। अगर दबाने से चकत्ता गायब नहीं हो रहा है, तो ये मेडिकल इमरजेन्सी की समस्या हो सकती है, जिसमें जरा सी भी देर खतरनाक हो सकती है। इस स्थिति को मेनिन्जाइटिस (दिमागी बुखार) कहते हैं।

Read more articles on Newborn care in Hindi

Read Next

1 साल से छोटे शिशु को कभी न खिलाएं शहद, इस खतरनाक बैक्टीरिया के कारण हो सकती है जानलेवा बीमारी

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version