सिर नहीं, आंखों को प्रभावित करता है ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन, जानें इसके लक्षण

ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन वास्तव में नर्वस सिस्टम की समस्या है जो आंखों और सिर को प्रभावित करती है। यह समस्या यूं तो बेहद कम देखने को मिलती है। इस स्थिति में व्यक्ति को आईबॉल्स के आसपास व सिर में दर्द की परेशानी होती है। उनकी आंखों के आसपास की मसल्स कमजोर हो जाती है और उनका हिलना भी काफी मुश्किल हो जाता है। कई स्थिति में व्यक्ति को डबल विजन की समस्या का सामना भी करना पड़ता है।
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सिर नहीं, आंखों को प्रभावित करता है ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन, जानें इसके लक्षण


ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन शब्द शायद कई लोगों के लिए एकदम नया हो। यह माइग्रेन का एक ऐसा प्रकार है, जो वास्तव में माइग्रेन है ही नहीं, लेकिन यह माइग्रेन की तरह ही सिरदर्द का कारण बन सकती है। यह मस्तिष्क में विशिष्ट नसों के साथ एक समस्या है जो आंखों को नियंत्रित करती है। इनमें थर्ड क्रेनीयल (ओकुलोमोटर) व नर्व्स शामिल है, जो आंखों को हिलाने में मदद करती हैं। कुछ मामलों में यह छठी व चौथी क्रेनीयल नर्व को भी प्रभावित करती है। तो चलिए जानते हैं ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन के बारे में-

तंत्रिका तंत्र की समस्या

रोहिणी के सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के न्यूरोसाइकेट्रिस्ट डॉ. आत्मेश कुमार कहते हैं कि ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन के बारे में बहुत लोगों को पता नहीं होता। यह तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या है, जबकि अक्सर लोग इसे आंखों से जुड़ी समस्या समझ लेते हैं। दरअसल, यह समस्या होने पर व्यक्ति को मुख्य रूप से आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द, धुंधलापन व डबल विजन की समस्या होती है। जरूरी नहीं है कि ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन होने पर व्यक्ति को सिर में दर्द हो ही। ऐसे में लोग अक्सर आंखों के डॉक्टर को दिखाते हैं या चश्मे का नंबर बढ़ाते हैं। लेकिन अगर आपको इससे फायदा नहीं हो रहा या समस्या यूं ही बनी रहती है तो आपको तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसाइकेट्रिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

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लक्षण

लोगों में इसके लक्षण कभी नजर आते हैं और कभी नहीं। यह लक्षण घंटों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। बहुत कम मामलों में, लक्षण स्थायी भी हो सकते हैं। इन लक्षणों में प्रमुख हैं-

  • एक या दोनों आंखों में व आसपास की मसल्स का कमजोर होना
  • आईबॉल्स के आसपास दर्द होना
  • डबल विजन
  • लाइट के प्रति सेंसेटिविटी
  • माइग्रेन की तरह होने वाला सिरदर्द
  • सिर या चेहरे के एक तरफ होने वाला दर्द
  • उपरी आईलिड का बार-बार गिरना
  • उल्टी व मतली

कारण

ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन का कोई कारण निश्चित नहीं है। हालांकि कुछ चीजें ऐसी हैं जो इसे ट्रिगर कर सकती हैं, जैसे तनाव, शराब व कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ। एक सिद्धांत यह है कि हमारी नसों के आसपास की परत, जिसे मायलिन कहा जाता है, किसी कारण से टूट जाती है और तंत्रिका फूल जाती है। माइलिन तब खुद की मरम्मत करता है और उस दौरान व्यक्ति को ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं यह भी माना जाता है कि कई बार आंखों के आसपास की रक्त वाहिकाएं सही ढंग से विकसित नहीं होती हैं, जिसके कारण पर्याप्त रक्त आंख की मांसपेशियों तक नहीं पहुंचता है। जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है।

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डाइग्नोस

ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन के मिनिमम दो अटैक के बाद न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसाइकेट्रिस्ट से परामर्श लेना बेहद जरूरी होता है। ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन की पहचान के लिए कोई परीक्षण फिलहाल मौजूद नहीं है, लेकिन इस समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर पहले अन्य नेत्र रोग संबंधी जांच करते हैं। इसके लिए डॉक्टर पहले बीमारी के लक्षण व हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जानते हैं और फिर आंखों का परीक्षण करते हैं। कई बार लिम्फोमा व रक्त के थक्कों के कारण भी आंख की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए पहले उसका परीक्षण किया जाता है और उसके बाद ही वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाता है।

इलाज

ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं की मदद से स्थिति में सुधार किया जा सकता है। वहीं कुछ मामलों में, मिथाइलप्रेडिसिसोलोन या प्रेडनिसोन जैसे स्टेरॉयड को भी ट्यूब की मदद से नसों मे डाला जाता है।

इसके इलाज का सबसे अच्छा तरीका है कि अन्य प्रकार के माइग्रेन की तरह आप यह पता लगाने की कोशिश करें कि ओफ्थमोपलेजिक माइग्रेन को क्या ट्रिगर करता है। इसे जानने के बाद उससे बचने का प्रयास करें।

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