
गर्भावस्था के दौरान के नौ महीने मिली-जुली खुशियों का एक खास अनुभव होता है। एक औरत, जो मां बनने वाली होती है वो इस दौरान नई चीजों का अनुभव करती हैं। कभी तो ये चीजें उन्हें परेशान करती है, तो कभी वे इस अनुभव को एंजॉय करती हैं। इस दौरान मॉर्निंग सिकनेस बहुत आम बात है पर बहुत सी महिलाएं इसे झेल नहीं पाती हैं। गर्भावस्था के हार्मोन (एचसीजी) इस बदलाव का कारण होती हैं। इस होर्मोन के कारण महिलाओं के मूड्स एकदम से बदलने लगते हैं। इस दौरान शरीर की कुछ प्रतिक्रियाओं में महिलाएं को अपनी गर्भावस्था के पहले तिमाही में मतली, हल्की-सी उदासी, सिरदर्द और उल्टी के लक्षणों का अनुभव करती हैं। कभी-कभी, यह एक गैग-रिफ्लेक्स के विकास के कारण भी हो सकता है। ये उन लोगों के लिए हो सकता है, जो कुछ किसी खास खुशबू और दुर्गंध के प्रति सेंसिटिव हैं। ऐसे में मतली से आपकी सुबह और शाम बर्बाद न हो इसके लिए हम आपको आसान और शॉटकट आइडिया देते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
मीठा न खाएं, इससे मतली ज्यादा होगी
गर्भावस्था में अनचाही क्रेविंग से बचने के लिए सुबह उठते ही एक दम से कोई मीठा न खाएं न ही कुछ एक दम से खट्टा। आमतौर पर पहली तिमाही में महिलाओं को मीठे की क्रेविंग होती है पर इसे लेना महंगा साबित हो सकता है। अनियंत्रित शुगर लेवल या अतिरिक्त कैलोरी का सेवन करने से आपको वास्तव में मतली के लक्षणों, सुस्ती और मानसिक परेशानियों में वृद्धि हो सकती है। इन क्रेविंग्स से बचने के लिए आप कोई फल खा लें या कुछ ऐसा खाएं जिसमें शुगर की मात्रा अधिक न हो पर वो स्वाद में वो मीछा न हो।
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सुबह उठकर योग करें
कई अध्ययन बताते हैं कि आपकी गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में नियमित योग मतली आदि की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। इसके साथ योग शरीर में हो रहे परिवर्तनों को आसान बनाने में मददगार साबित हो सकता है। इस तरह ये मॉर्निंग सिकनेस के उन लक्षणों से भी लड़ने में मदद करता है, जिनसे महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान होती हैं। प्रसव पूर्व योग शरीर को खिंचाव में मदद कर सकता है और अंगों के चारों ओर ऊर्जा और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकता है। वहीं ये आपको शांत भी महसूस कर सकता है। इसके लिए आपको बस दिन की शुरुआत 10-15 मिनट के योगाभ्यास से कर सकते हैं। ये आपको मॉर्निंग सिकनेस से लड़ने में मदद करेगी।
थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाती रहें
प्रेग्नेंसी के दौरान दिन भर में छोटे पर लगातार भोजन लेने से ये पेट को एक बार में अधिक भार से बचाता है। साथ ही, यह आपको ब्लोटिंग के लक्षणों से भी बचाता है, जो मॉर्निंग सिकनेस बदतर बना सकती है। एक और मददगार चीज है कुछ न कुछ चबाते रहना। जैसे प्रोटीन से भरा स्नैक सोने से पहले खाएं और उठ कर भी दिन के पहले ही खाएं। प्रोटीन सहायक एंजाइमों को रिलीज करता है, जो पाचन को धीमा कर सकता है। साथ ही मतली और गैस्ट्रिक डिसरथिया का मुकाबला करने में प्रोटीन और इससे भरपूर खान-पान मदद कर सकता है।
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उठते ही खट्टे स्वाद वाले खाद्य पदार्थों को सूँघें-
अपने आहार में कुछ सुगंधों जैसे खट्टे स्वाद वाले खाद्य पदार्थों को सूंघने से उन असमय होने वाले मतली पीड़ा पर नियंत्रण पाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। इस तरह से इनहेलिंग खुशबू गैस्ट्रिक समस्याओं, तनाव और बेचैनी से संबंधित लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ये मतली और उल्टी को ट्रिगर करने वाली फिलिंग्स हो भी बंद करता है। इसके अलावा, लिमोन ड्रिंक पेट को शांत करने और मॉर्निंग सिकनेस से बचाता है। इसके अलावा सुबह जब आप बाहर कदम रखें, तो आप अपने पर्स में नींबू या पेपरमिंट रखें और उन्हें सूंघते रहें।
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