मां आपको अपने गर्भ में पालती है और 9 महीने की गर्भावस्था के दौरान आप उसी के शरीर के जरिये से अपनी सभी जरूरतें पूरी करते हैं। भ्रूण बनने से लेकर शिशु के विकास तक मां जाने-अंजाने आपको कितना कुछ सौंप देती है, इसका अंदाजा आपके लिए लगा पाना मुश्किल है। आमतौर पर ऐसी बातें सुनते ही हम इमोशनल हो जाते हैं क्योंकि प्रेग्नेंसी एक महिला के लिए कितना मुश्किल दौर होता है, ये हम थोड़ा बड़े होने पर अपने आसपास की महिलाओं को देख-सुनकर जान सकते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि बहुत सारी अच्छी चीजों के बीच कुछ ऐसी बीमारियां भी मां से आपके शरीर में प्रवेश कर जाती हैं, जिनका आपको शायद जीवन में बहुत बाद में पता चलता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अनुवांशिक बीमारियों के बारे में।
अनुवांशिक बीमारियां वो होती हैं, जो जीन्स के माध्यम से परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रह सकती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि अगर आपके मां-बाप को कोई बीमारी है, तो आपको होगी ही होगी। बल्कि इसका मतलब यह है कि उस बीमारी के होने की संभावना आपको सबसे ज्यादा हो सकती है। लेकिन ऐसी अनुवांशिक बीमारियों को आप थोड़ी सावधानी बरतकर और सही समय पर डॉक्टरी सलाह लेकर कंट्रोल कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसी 5 बीमारियां जो आमतौर पर मां से आपको मिल सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर
कैंसर अनुवांशिक बीमारी है, क्योंकि ये सीधे सेल्स को प्रभावित करती है। इसलिए अगर आपके रक्त संबंध में किसी भी महिला-पुरुष को ब्रेस्ट कैंसर रहा है, तो इसके होने की संभावना आपको और आपकी अगली पीढ़ी को भी हो सकती है। अगर आपके परिवार में इस बीमारी के कारण कोई प्रभावि रहा है, तो बेहतर होगा कि आप 35 की उम्र के बाद हर 2 साल में अपना मैमोग्राफी टेस्ट करवाती रहें। फैमिली हिस्ट्री में ब्रेस्ट कैंसर होने की स्थिति में prophylactic mastectomies ट्रीटमेंट से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
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माइग्रेन
आपको जानकर हैरानी होगी कि माइग्रेन ऐसी बीमारी है, जिसके अगली पीढ़ी में पहुंचने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। अगर आपकी मां को माइग्रेन की समस्या रही है, तो आपको इस बीमारी के होने की संभावना 70 से 80 प्रतिशत तक हो सकती है। इसीलिए माइग्रेन ऐसी बीमारी है, जिससे बहुत सारी महिलाएं जूझ रही हैं। महिलाओं में माइग्रेन होने की संभावना इसलिए भी ज्यादा होती है क्योंकि माहिलाओं के शरीर में पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा हार्मोनल बदलाव होते हैं।
मेनोपॉज जल्दी हो सकती है
आमतौर पर मेनोपॉज की उम्र 51 साल के बाद मानी जाती है। मगर यदि आपकी मां को मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) इस उम्र से पहले हुआ है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आपको उसी उम्र के आसपास मेनोपॉज हो सकता है। शोध बताते हैं कि हर 20 में से 1 महिला ऐसी है, जिसमें मेनोपॉज 46 साल या इससे भी पहले भी हो जाता है। हालांकि आप अपने मेनोपॉज के समय को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर सकती हैं, मगर डॉक्टर से मिलकर इस बारे में जान सकती हैं कि मेनोपॉज के बाद होने वाले रोगों को आप कैसे रोक सकती हैं।
अल्जाइमर और डिमेंशिया
अल्जाइमर और डिमेंशिया भी ऐसी बीमारियां हैं, जो जीन्स के माध्यम से अगली पीढ़ी में पहुंच सकती हैं। अगर आपकी मां को अल्जाइमर या डिमेंशिया में से कोई बीमारी रही है, तो आपको भी इसके होने की संभावना 30 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा हो सकती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप अभी से ही अपना खानपान अच्छा रखें। खाने में नट्स, सब्जियां, फलों और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें। रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज जरूर करें। इसके अलावा 40 की उम्र के बाद डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच कराएं। वैसे हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से आप अल्जाइमर के खतरे को 20% तक कम कर सकते हैं।
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दिल की बीमारियां
दिल की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, कार्डियक अरेस्ट आदि ऐसी बीमारियां हैं, जिनके अगली पीढ़ी में जाने की संभावना ज्यादा होती है। अगर आपकी मां को दिल से संबंधित बीमारी रही है, तो इसके आपमें होने की संभावना लगभग 20% है। इसके अलावा दिल की बीमारी का इतिहास रखने वाले परिवारों में स्ट्रोक की संभावना भी ज्यादा होती है। दरअसल दिल की बीमारियां और स्ट्रोक दोनों के कारण लगभग एक से होते हैं, और वो है धमनियों का सिकड़ना या ब्लॉक होना।
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