Indian Protien Diet: प्रोटीन से भरपूर होती है भारतीय खाने की थाली, जानें क्या खाने से मिलेगा कंप्लीट प्रोटीन

पारंपरिक रूप से भारतीय थाली वास्तव में संपूर्ण रूप से प्रोटीन प्रदान करती है और इसलिए आप इंडियन ट्रेडिशनल डाइट को ही फॉलो करें।
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Indian Protien Diet: प्रोटीन से भरपूर होती है भारतीय खाने की थाली, जानें क्या खाने से मिलेगा कंप्लीट प्रोटीन

प्रोटीन शरीर के हर एक छोटे सेल के लिए बेहद जरूरी है। प्रोटीन सिर्फ मसल्स बिल्डअप ही नहीं करता, बल्कि हमारे बाल और नाखून भी इसी से बने होते हैं। शरीर ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए प्रोटीन का उपयोग करता है। इसके अलावा प्रोटीन का उपयोग एंजाइम, हार्मोन और शरीर के अन्य रसायनों को बनाने के लिए भी किया जाता है। इतना ही नहीं, अगर प्रोटीन की कमी के कारण व्यक्ति का इम्युन सिस्टम भी प्रभावित होता है, जिससे संक्रमण की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि डाइट में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा को शामिल किया जाए।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेने के बाद भी आपके शरीर में इसकी कमी क्यों हो जाती है। इसके पीछे कारण होता है कि फूड कॉम्बिनेशन पर सही तरह से ध्यान न देना। बहुत से प्रोटीन युक्त आहार जैसे दालें व अनाज आदि में प्रोटीन होकर भी पूरा नहीं होता। इस तरह के प्लांट बेस्ड चीजों में एक या उससे अधिक अमीनो एसिड गायब होते हैं और अगर उस पर ध्यान न दिया जाए तो उससे शरीर प्रोटीन की कमी से जूझता है। लेकिन अगर आप इस कमी से बचना चाहते हैं तो आहार को इंडियन ट्रेडिशनल डाइट की तरह ही लें। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

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अधूरा प्रोटीन

मैक्स हेल्थ केयर की चीफ न्यूट्रीशनिस्ट रितिका समादार कहती हैं कि वेजिटेरियन डाइट में प्रोटीन की कमी नहीं होती। बस, उनमें प्रोटीन का जो स्वरूप होता है, वह अधूरा होता है। सिर्फ सोया को छोड़कर अधिकतर प्लांट बेस्ड प्रोटीन इनकंप्लीट होते हैं। इनमें एक या उससे अधिक अमीनो एसिड मिस होते हैं। इसलिए खाना खाते समय फूड कॉम्बिनेशन पर ध्यान दिया जाना बेहद आवश्यक है। हम सालों से जिस तरह से अपना आहार लेते आ रहे हैं, वह न सिर्फ स्वाद में परफेक्ट होता है, बल्कि उससे प्रोटीन का संपूर्ण स्वरूप हमें मिलता है।

वेजिटेरियन डाइट

न्यूट्रीशनिस्ट रितिका कहती हैं कि इंडियन ट्रेडिशनल थाली में दाल, सब्जी, रोटी, चावल व दही को शामिल किया जाता है और यही खाना खाने का आदर्श तरीका है, क्योंकि इससे एक की कमी दूसरी चीज पूरी कर देती है। उदाहरण के तौर पर, अनाज में लाइसिन अमीनो एसिड की कमी होती है, जबकि फलियां और दालों में मेथिओनिन नहीं होता है। लेकिन जब आप इन आहार को आपस में मिक्स करते हैं, जैसे चावल या चपाती के साथ दाल या बीन्स, तो इससे व्यक्ति को बैलेंस न्यूट्रीशन प्राप्त होता है। वेजिटेरियन या वेगन लोगों को खासतौर से अपने खाने को ऑप्टिमाइज़ करने की बेहद आवश्यकता होती है, अन्यथा उन्हें प्रोटीन व अन्य कई पोषक तत्वों की कमी से जूझना पड़ता है।

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नॉनवेज डाइट

वहीं अगर बात नॉनवेज डाइट की हो तो उनमें न सिर्फ प्रोटीन की उच्चता पाई जाती है, बल्कि वह अपने आप में संपूर्ण भी होता हैं, इसलिए नॉनवेज खाने वाले लोगों को अपनी डाइट पर बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। अमूमन नॉनवेज डाइट में नौ अमीनो एसिड पाए जाते हैं।

यह भी है तरीकें

कुछ लोग पूरी तरह से वीगन होते हैं या फिर लैक्टोज इनटॉलरेंट होते हैं। ऐसे लोगों के शरीर में प्रोटीन की कमी होना स्वाभाविक है। इस स्थिति में किसी न्यूट्रीशनिस्ट की सलाह पर आप मार्केट में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर का सेवन कर सकते हैं या फिर अगर आप लैक्टोज इनटॉलरेंट हैं तो आप प्लेन दूध के स्थान पर सोया मिल्क का सेवन करें। यह भी प्रोटीन की कमी को दूर करने का आसान व हेल्दी तरीका है।

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