Covid Pirola Variant: कोरोना वायरस का कहर पहले की तुलना में भले ही कम हो गया हो, लेकिन इसका खतरा पूरी तरह से अभी भी नहीं टला है। बीते कुछ दिनों कोरोना के नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। हाल ही में कोरोना का एरिस वैरिएंट परेशानी का कारण बना हुआ था। इसके अलावा अब वैज्ञानिकों को कोरोना का एक नया वैरिएंट मिला है, जो पहले सामने आए सभी वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए BA.2.86 वैरिएंट का पता लगाया है, इस वैरिएंट को पिरोला (Pirola Variant) नाम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक पिरोला वैरिएंट डेनमार्क, यूके, साउथ अफ्रीका, इजराइल और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में पिरोला वैरिएंट के मामले मिल चुके हैं। इन देशों में पिरोला वैरिएंट के मामले मिलने के बाद सरकार अलर्ट मोड पर आ गयी है। आइये इस लेख में जानते हैं कोरोना के नए पिरोला वैरिएंट से जुड़ी जरूरी बातें।
पिरोला वैरिएंट से जुड़े 8 जरूरी फैक्ट्स- New Covid Variant Pirola Details in Hindi
पिरोला वैरिएंट अमेरिका, स्विट्जरलैंड और थाईलैंड जैसे देशों में गंदे पानी में पाया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि गंदे पानी में संक्रमित मरीजों के मल की वजह से इस वैरिएंट का स्ट्रेन फैल रहा है। पिरोला वैरिएंट मरीजों के थूक के जरिए भी दूसरे लोगों में पहुंच सकता है। 8 आसान पॉइंट्स में समझें कोरोना के नए पिरोला वैरिएंट से जुड़ी जरूरी बातें-
1. ज्यादा गंभीर है नया स्ट्रेन: पिरोला वैरिएंट को वैज्ञानिक पहले आये अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक मान रहे हैं। इस वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों को ज्यादा जानकारी नहीं मिली है, इस वजह से इसके खतरे को लेकर सटीक जानकारी मिलनी बाकी है।
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2. ओमिक्रोन वैरिएंट का सब वैरिएंट: पिरोला या BA.2.86 वैरिएंट ओमिक्रोन वैरिएंट का ही सब वैरिएंट हैं। यह वैरिएंट ओमिक्रोन के XBB वैरिएंट से ही निकला है।
3. पहले से संक्रमित व्यक्तियों को भी है खतरा: कोरोना के पहले आए वैरिएंट को लेकर यह जानकारी सामने आई थी कि जो लोग पहले किसी दूसरे वैरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें इसका खतरा कम रहता है। लेकिन इस वैरिएंट को लेकर कहा जा रहा है कि पहले कोविड से संक्रमित होने के बाद हर्ड इम्यूनिटी विकसित कर चुके लोगों में भी इसके संक्रमण का खतरा रहता है।
4. वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिरोला वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित कर दिया है। इसका मतलब है कि डब्ल्यूएचओ इस वैरिएंट की लगातार निगरानी कर रहा है।
5. कोविड वैक्सीन को लेकर अनिश्चितता: पिरोला वैरिएंट पर कोरोना वैक्सीन के असर को लेकर वैज्ञानिकों को अभी तक सटीक जानकारी नहीं मिल पायी है। इस वजह से वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गयी है।
6. तेजी से हो रहा म्यूटेशन: पिरोला वैरिएंट के जीन में लगातार म्यूटेशन देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गयी है। जानकारी के मुताबिक पिरोला के स्पाइक प्रोटीन में 35 से ज्यादा अमीनो एसिड के म्यूटेशन देखने को मिले हैं।
7. वैश्विक स्तर पर बढ़ी चिंता: कोरोना का नया पिरोला वैरिएंट डेनमार्क, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल जैसे देशों में मिला है, इसको लेकर वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गयी है।
8. भारत में इसके लक्षण: पिरोला और एरिस वैरिएंट दोनों ही ड्रापलेट्स से फैलते हैं। इससे संक्रमित होने पर पेट से जुड़ी परेशानियां, स्किन पर परेशानियां और जुकाम और बुखार जैसी परेशानियां होती हैं।
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इसके अन्य लक्षणों डायरिया, बुखार, कंजेक्टिवाइटिस, त्वचा पर चकत्ते, कफ बनना, सांस लेने में कठिनाई, शरीर में थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, सूंघने की क्षमता के साथ ही मुंह के स्वाद में बदलाव आना या फिर गला सूखने जैसी स्थिति देखने को मिल सकती है। शरीर में इस तरह के लक्षण दिखने पर बिना देरी किए चिकित्सक की सलाह लें।
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