Foods for Fight Pain: हर प्रकार के दर्द से लड़ने में आपकी मदद करते हैं ये 6 आहार

किचन में ही आपको ऐसी कई चीजें मिल जाएंगी, जो दर्द से लड़ने में आपकी मदद करेंगी। हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो नेचुरली पेन रिलीफ की तरह काम करते हैं-
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Foods for Fight Pain: हर प्रकार के दर्द से लड़ने में आपकी मदद करते हैं ये 6 आहार

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होने पर सबसे पहले हम पेनरिलीफ दवाईयों की तरफ ही भागते हैं। यह भले ही एक आसान रास्ता लगे, लेकिन धीरे-धीरे शरीर दवाईयों का मोहताज हो जाता है। वहीं दूसरी ओर, अगर हम चाहें तो अपने आहार में ऐसी कई चीजों को शामिल कर सकते हैं, जो शरीर के दर्द से न सिर्फ छुटकारा दिलाती हैं, बल्कि इनके सेवन से कुछ ही दिनों में पुराना दर्द भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो नेचुरली पेन रिलीफ की तरह काम करते हैं-

अदरक

अदरक का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से दवाई के रूप में किया जाता रहा है। इसकी जड़ पेट को आराम पहुंचाती है तथा मतली होने पर इसका सेवन किया जा सकता है। वहीं अदरक दर्द से भी आराम पहुंचाता है। खासतौर से, जोड़ों के दर्द के साथ-साथ मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन में यह लाभकारी है। एक अध्ययन में पाया गया कि अदरक कैप्सूल ने पीरियड्स के दर्द से राहत देने के लिए इबुप्रोफेन जैसी ओवर द काउंटर एंटी-इन्फ्लैमटरी दवाओं की तरह ही काम किया।

ब्लूबेरी

ब्लूबेरी में बहुत सारे फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो सूजन से लड़ सकते हैं और दर्द को कम कर सकते हैं। वैसे ब्लूबेरी के अतिरिक्त स्ट्रॉबेरी और संतरे में भी एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं, जो ब्लूबेरी की तरह ही दर्द से लड़ने में सहायक है। कमर दर्द से छुटकारा पाने के आसान तरीके

कद्दू के बीज

कद्दू के बीज मैग्नीशियम का एक बहुत अच्छा स्रोत है। मैग्नीशियम माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाता है। साथ ही यह ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और इलाज में भी मददगार है। कद्दू के बीज के अतिरिक्त अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम के लिए आप बादाम व काजू, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और केल, बीन्स, और दालों को शामिल करें। गर्दन के दर्द से कैसे करें बचाव

साल्मन

साल्मन में ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो सिर्फ आपके हार्ट को ही हेल्दी नहीं बनाता, बल्कि अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है, तो उसके दर्द से निजात दिलाने में भी आपकी मदद करता है। वैसे साल्मन के अतिरिक्त टूना, सार्डिन और मैकेरल सहित ठंडे पानी की मछली की अन्य किस्मों को भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।

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हल्दी

हल्दी के औषधीय गुणों से तो हर कोई वाकिफ है। इसमें कर्क्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो सूजन व दर्द को दूर करने में सहायक है। रुमेटाइड गठिया और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग कर्क्यूमिन की खुराक लेते थे, वे दवाईयों के बिना भी बेहतर तरीके से चल सकते थे। काली मिर्च शरीर में इसके अवशोषण में मदद करती है। इसलिए आप चाय में अदरक और शहद के साथ हल्दी व काली मिर्च का इस्तेमाल करके उसका सेवन कर सकते हैं।

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वर्जिन ऑलिव ऑयल

वर्जिन ऑलिव ऑयल में ओलेओकैंथल नामक कंपाउड पाया जाता है, जो इबुप्रोफेन की तरह काम करता है। इतना ही नहीं, इबुप्रोफेन की तरह काम करता है। एक्स्ट्रा- वर्जिन ऑलिव ऑयल में लुब्रिकीन होता है जो जोड़ों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करती है और कार्टिलेज को टूटने से बचाती है। इसलिए ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के लिए वर्जिन ऑलिव ऑयल का सेवन लाभदायक है।

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