लोगों की जीवन शैली कुछ इस प्रकार हो गई है कि वे कंप्यूटर स्क्रीन पर अपना आधे से ज्यादा समय व्यतीत करते हैं। ऐसे में आंखों में ड्राइनेस की समस्या आम होती जा रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए जब हमने डाइटिशियन से बात की तो उन्होंने बताया कि विटामिंस की मदद से आंखों को हेल्दी रखा जा सकता है। साथ ही आंखों के लिए भी विटामिन और मिनरल्स दोनों बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार से अपनी आंखों का बचाव कर सकते हैं? पढ़ते हैं आगे...
विटामिन ई ( Vitamin E)
विटामिन ई आंखों की कोशिकाओं के लिए बेहद जरूरी तत्व है। ये न केवल इम्यूनिटी को बढ़ाता है बल्कि आंखों की रोशनी और उसकी सेहत अच्छी बनाने में अहम भूमिका निभाता है। अगर आप अपनी डाइट में होल ग्रेंस, पीनट बटर, सूरजमुखी के बीज आदि को शामिल करते हैं तो इससे आपको भरपूर मात्रा में विटामिन ई मिलेगा जो आंखों की ड्राइनेस काफी हद तक कम कर देगा।
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पोटेशियम (Potassium)
केला, आलू, दही, फलियां, शकरकंद आदि में पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अगर इनका नियमित रूप से सेवन किया जाए तो आंखों की ड्राइनेस काफी हद तक कम हो जाती है। आंखों की ड्राइनेस को कम करने के लिए सोयाबीन को खाना भी एक अच्छा विकल्प है।
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ओमेगा 3 फैटी एसिड (Omega 3 Fatty Acid)
बता दें कि ओमेगा 3 फैटी एसिड आंखों की ड्राइनेस के साथ-साथ जलन को भी दूर करने में कारगर है। ओमेगा-3 की मदद से पलकों पर आई सूजन को कम किया जा सकता है। वहीं आंसुओं को अपना काम सुचारु रुप से करने में मदद करता है। ओमेगा 3 को अपनी डाइट में शामिल करने से आंखों की अनेक ग्रंथियों, जिन्हे मीबोमियन ग्रंथि भी कहा जाता है, के लिए काफी मददगार है। बता दें कि मीबोमियन ग्रंथि आंसू के ऑयली हिस्से को बनाते हैं। आप अपनी डाइट में टूना मछली, पंपकिन, सीड्स, अखरोट, वेजिटेबल ऑयल, सोयाबीन, हरी पत्तेदार सब्जियां, छोटी समुद्री मछली, अलसी आदि को जोड़ सकते हैं। बता दें कि इन चीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
- आंखों की ड्राइनेस को बढ़ने से रोकने के लिए और आंखों पर दवाब ना पड़े इसलिए बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहें।
- अगर आप लगातार स्क्रीन पर काम करेंगे तो इससे आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में बीच-बीच में थोड़ी थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेते रहें।
- अगर कमरे में रोशनी कम है तो आप टेबल लैंप की मदद ले सकते हैं इससे मॉनिटर की ब्राइटनेस खुद-ब-खुद कम हो जाती है।
- जब भी ब्रेक लें अपने से 20 फीट की दूरी पर रखी किसी भी चीज को थोड़ी देर तक देखते रहें, इससे आंखों को आराम मिलेगा।
- जब भी लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल करें तो ब्राइटनेस को कम करें और साथ ही anti-glare चश्मे का प्रयोग करना ना भूलें।
(ये लेख अपोलो हॉस्पिटल की डायटीशियन दीपिका रानी से बातचीत पर आधारित है।)
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