
वृद्धावस्था में ना केवल शरीर की पाचन शक्ति कमजोर होती है बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याएं भी सामने आनी शुरू हो जाती हैं। डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है।
हमारी सेहत बढ़ती उम्र के साथ प्रभावित होना शुरू हो जाती है। एक ऐसी उम्र भी आती है जब व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं परेशान करने लगती हैं। खासतौर पर 50 से 60 साल की उम्र के बीच यह समस्याएं जानलेवा हो सकती हैं। इसीलिए वृद्धावस्था में ऐसी डाइट लेनी जरूरी होती है, जिससे सभी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके। बढ़ती उम्र में अपने स्वास्थ्य के लिए अनुकूल आहार का चयन करें। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों से सही आहार के जरिए किस प्रकार लड़ा जा सकता है। पढ़ते हैं आगे...
हृदय रोग
बढ़ती उम्र के साथ हृदय रोग जैसी बीमारी होना आम बात है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाए तो सांस लेने में कठिनाई, हृदय गति का असामान्य होना, सीने में दर्द और आंखों के आगे अंधेरा छाना आदि आते हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए संतुलित आहार आहार बेहद उपयोगी है
क्या खाएं
वृद्धावस्था में हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। इस अवस्था में वजन बढ़ना हानिकारक हो सकता है। अगर वजन बढ़े तो दिल का दौरा पड़ने की आशंका रहती है। इसीलिए अपनी डाइट में टमाटर, प्याज, लहसुन, गाजर, करौंदे, संतरा, नींबू, फ्लैक्ससीड, अखरोट आदि एंटीऑक्सीडेंट और रक्त में कोलेस्ट्रॉल को घटाने वाले तत्व मौजूद होते हैं, इन्हें अपनी डाइट में जरूर जोड़ें। बता दें कि बादाम और सोयाबीन में विटामिन ई मौजूद होता है जो कोलेस्ट्रोल के एलडीएल स्तर को कम कर सकता है इसीलिए हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए बदाम और सोयाबीन बेहद कारगर है।
अर्थराइटिस
बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों, हड्डियों, मांसपेशियों में दर्द होना शुरू हो जाता है। ऐसे में चलने फिरने में काफी दिक्कत होती है। यह समस्याएं खास तौर पर स्त्रियों में देखी जाती हैं इसलिए अपने संतुलित आहार से आप इस दर्द को दूर कर सकती हैं।
क्या खाएं
आप अपनी डाइट में क्रीम फ्री दूध और उससे बनी चीजें जोड़ सकती हैं। इसके अलावा फलों का सेवन जरूर करें। फलों में केला, अमरूद आदि बेहद लाभदायक हैं। साथ ही आप नारियल भिंडी मूली और सरसों का साग जैसे कैल्शियम युक्त सब्जियों को अपनी डाइट में जोड़ें। विटामिन डी के लिए रोज सुबह की हल्की धूप में बैठें। इससे आपकी मांसपेशियों और हड्डियों में कैल्शियम सोखने की क्षमता बढ़ेगी।
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उच्च रक्तचाप
उम्दराज लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या होना खतरनाक है। इनके लक्षणों में चक्कर आना, अनिंद्रा, हाथ पैरों में कंपन होना, हृदय की धड़कन बढ़ना आदि आते हैं। इसीलिए समय रहते अपनी डाइट में बदलाव करना बेहद जरूरी है।
क्या खाएं
आप अपनी डाइट में पालक, टमाटर, केला, संतरा, अंकुरित अनाज, चौलाई, बथुआ आदि जोड़ सकते हैं। इसके अलावा आप लोबिया, दालें, आटे की रोटी, लो फैट मिल्क, दही, पनीर, मेथी आदि जोड़ें। ध्यान रहे, नमक, घी, तेल, मक्खन, मैदा, चाय, कॉफी आदि का सेवन सीमित मात्रा में करें।
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डायबिटीज
आज हर घर में आपको एक डायबिटीज का मरीज देखने को मिल सकता है। ऐसे में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लक्षणों में बेहोशी, शुगर की मात्रा बढ़ जाने से चक्कर, थकान महसूस होना आदि समस्याएं नजर आती हैं। इसलिए उचित खान-पान इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं।
क्या खाएं
पपीता, नाशपाती, बींस, बंद गोभी आदि में फाइबर शक्कर को सूखने की शक्ति होती है। इसलिए अपनी डाइट में रेशेदार फल और सब्जियों के साथ-साथ इन सब चीजों को जरूर जोड़ें। इसके अलावा करेला, मेथी दाना और जामुन का सेवन भी शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। पानी अधिक मात्रा में पीएं क्योंकि इससे शरीर के अवांछित तत्वों को बाहर निकाला जा सकता है।
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