Organ Donation Day: जानें अंगदान से जुड़ी सभी जरूरी बातें, ब्रेन डेड होने के बाद भी बन सकते हैं डोनर

विश्व अंगदान दिवस 2021 के मौके पर जानें अंगदान कब, कैसे और कौन कर सकता है। साथ ही इसकी कानूनी और मेडिकल प्रक्रिया क्या है।
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Organ Donation Day: जानें अंगदान से जुड़ी सभी जरूरी बातें, ब्रेन डेड होने के बाद भी बन सकते हैं डोनर

दुनिया से जाने के बाद केवल यादें रह जाती हैं। ऐसे में अगर केवल यादें नहीं बल्कि हमारे अंग भी किसी और के शरीर में जिंदा रहें तो कितना अच्छा होता। यहां हम बात कर रहे हैं ऑर्गन डोनेशन की। ये वो प्रक्रिया है जो जीवन कै खत्म हो जाने के बाद भी आपके अंगों को जिंदा रखती हैं। इस लेख के जरिये हम आपको बताएंगे ऑर्गन डोनेशन से जुड़े पहलुओं के बारे में, जिससे आप भी इस पहल को आगे ले जाने में योगदान दे सकें। 

कैसे कर सकते हैं हेल्प

जिसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है वे अपने अंगों को दान कर सकता है। इसके लिए उन्हें पहले डोनर कार्ड बनवाना होता है। जबकि जिसकी उम्र 18 साल से कम है, उनके लिए अभिभावक या लीगल गार्जियन की सहमति होनी जरूरी है। 

organ donate

जानें संबंधित कानून के बारे में

इससे संबंधित एक्ट है, ह्यूमन ऑर्गंस एक्ट एंड रूल्स। इस एक्ट में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। कुछ साल पहले, जब ब्रेन डेथ की प्रक्रिया को समझा गया तब इसे लीगल तौर पर डाइग्नोसिस करने की इजाजत दे दी गई थी।  

कब बन सकते हैं डोनर

जब डॉक्टर ब्रेन डेड घोषित कर देते हैं लेकिन दिल का धड़कना बंद नहीं होता, ऐसे लोग अपने ऑर्गन डोनेट कर सकते हैं। हेड इंजरी, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, कोई ऐसी बीमारी जिससे ब्रेन डैमेज हो जाता है ऐसे व्यक्ति डोनर बन सकते हैं। ऐसे लोग हार्ट, लंग्स, किडनी, लीवर और छोटी आंत दान कर सकते हैं और दूसरों की जान बचा सकते हैं।

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कौन नहीं बन सकता डोनर

जब किसी की नॉर्मल डेथ होती है तो उसका डोनर बनना संभव नहीं होता है। बता दें कि नॉर्मल डेथ में दिल की धड़कने रुक जाती हैं, जिसके कारण महत्वपूर्ण अंगों में खून का प्रवाह बंद हो जाता है। ऐसी डेथ के कुछ घंटे बाद कार्निया, बोन्स, हार्ट वॉल्व आदि ऊतक दान दिए जा सकते हैं। 

डॉक्टर्स से परामर्श जरूरी-

अगर आप इसके लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रहे हैं तो आप डॉक्टर्स की सलाह ले सकते हैं। इसके लिए आप डोनर सेंटर जाकर काउंसलिंग भी ले सकते हैं। इस काउंसलिंग के जरिये आपको इससे संबंधित सारी जानकारी दी जाएगी। देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो ये सोचते हैं कि अगर मरने के बाद इनके अंगों को निकाल लिया तो मुक्ति नहीं होती। ऐसे सवालों का जवाब देने के लिए ये काउंसिंल की जाती हैं। 

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जानें रक्तदान के बारे में

इसकी गति को बचाने और जीवन को चलाने के लिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। इस दान को करने के लिए आपकी सांसों का बंद होना जरूरी नहीं। जीवन के चलते रहने तक आप ये महादान कर सकते हैं। देश में ऐसे बहुत से संस्थान हैं जो इसके लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि कौन रक्तदान कर सकता है और कौन नहीं..

  • जिसकी उम्र 18 वर्ष से 68 वर्ष के बीच हो वे रक्तदान कर सकता है। 
  • जिनका वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा का हो 
  • जिनका हीमोग्लोबिन 12 प्रतिशत से ज्यादा हो। 
  • पीरीयड्स के दौरान रक्तदान के लिए डॉक्टर मना करते हैं। 
  • लैक्टेशन पीरियड में भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

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