
जब शरीर में कुछ उतकों में द्रव असामान्य रूप से एकत्रित होने लगता है तब एडिमा यानि सूजन शरीर पर आने लगती है। स्किन के नीचे रक्त इकट्ठा हो जाता है आमतौर पर यह सूजन टांगों या पैरों में नजर आती है। ध्यान दें कि पैरों की सूजन को पीडल इडिमा कहते हैं । वैसे तो यह एक आम समस्या होती है, जिसमें दर्द या परेशानी महसूस नहीं होती। लेकिन अगर ज्यादा दिनों तक शरीर में रहे तो यह आपकी रोजाना गतिविधियों में रुकावट डाल सकती है। ऐसे में इसके लक्षण, कारण और इलाज जानना जरूरी है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि पैरों में सूजन किन कारणों से आती है। सूजन का इलाज किया है? डॉक्टर कैसे इस सूजन का परीक्षण करते हैं और इसके आम या प्रमुख लक्षण क्या हैं। पढ़ते हैं आगे...
पैरों में सूजन के लक्षण(symptoms of swelling in feet)
पैरों में सूजन के निम्न लक्षण नजर आते हैं-
1- सिर में दर्द होना,
2- पेट में दर्द होना,
3- जी घबराना या उल्टी आना,
4- शरीर में सुस्ती आना और भ्रम यानि कन्फ्यूजन पैदा होना,
5- कभी कभी देखने की क्षमता का कमजोर होना,
6- हाथों की या गर्दन की नसों का उभरना,
7- वजन पर असर आना (घटना या बढ़ना)
8- जोड़ों में अकड़न महसूस करना या शरीर के अंगों में दर्द हो जाना।
9- त्वचा का लाल होना, तना हुआ होना या सूजन आ जाना।
10- आंतों के काम में बदलाव होना।
11- कभी-कभी ब्लड प्रेशर का बढ़ना या नाड़ी का तेज हो जाना।
12- चेहरे, आंखों और त्वचा के आसपास फुलाव महसूस करना।
इसके अलावा कुछ बदलाव ऐसे भी होते हैं, जिसमें अगर सूजन के हिस्से पर उंगली से दबाया जाए तो वहां पर कुछ सेकंड के लिए गड्ढा बन जाता है इसे पिटिंग एडिमा कहा जाता है।
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पैरों में सूजन के कारण (causes of swelling in feet)
पैरों में सूजन हो जाना एक आम समस्या है। जब चोट लगती है तो शरीर में दर्द या जलन पैदा होती है तो रक्त इकट्ठा हो जाता है, जिसके कारण सूजन आ जाती है। लेकिन कभी-कभी इस आम सी दिखने वाली समस्या के पीछे निम्न कारण भी छिपे होते है। ऐसे में ये अन्य कारण इस प्रकार हैं-
1- खून में प्रोटीन की कमी हो जाना
कुछ मामलों में लोगों के खून में प्रोटीन का स्तर गिर जाता है, जिसके कारण पैरों में सूजन की समस्या पैदा हो जाती है। बता दें कि ब्लड में एल्ब्यूमिन नाम का प्रोटीन पाया जाता है जो रक्त वाहिकाओं को द्रव अपने अंदर रखने में सहायक प्रदान करता है। ऐसे में अगर इसकी कमी हो जाए तो द्रव रिसने लगता है और पैरों में सूजन आ जाती है। इन सूजन को अनदेखा करना सही नहीं होता है।
2- गुर्दे या लीवर के रोग हो जाने पर
जो लोग गुर्दा, किडनी की समस्या से परेशान रहते हैं उनके पैरों में अक्सर सूजन आने की शिकायत रहती है। इसके पीछे भी कारण है खून में प्रोटीन की कमी होना। बता दें कि लीवर पर्याप्त मात्रा में एल्ब्यूमिन नहीं बना पाता है और किडनी एल्ब्यूमिन को मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देती है और शरीर से बाहर निकाल देती है।
3- हृदय स्वास्थ्य का खराब हो जाना
जिन लोगों के दिल में कमजोरी आ जाती है, उनके शरीर में ब्लड को पंप करने में दिक्कत होती है, जिसके कारण रक्त वाहिकाओं से द्रव बाहर निकलकर त्वचा के नीचे मौजूद होता है और सूजन आ जाती है। ऐसे में अगर हाथ, टांग या पैरों में सूजन की समस्या हो जाए तो यह गंभीर रूप भी ले सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जो लोग पर्याप्त इलाज नहीं लेते हैं। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
4- एलर्जी होने के कारण
कुछ लोगों को त्वचा में एलर्जी या संक्रमण होने की शिकायत रहती है, जिसके कारण टांगों या पैरों में सूजन आ सकती है। अगर व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है या वृद्धावस्था के दौर में है, इसके अलावा उसके सामने संक्रमण है या खून को पूरी तरह से दिल पंप नहीं कर पा रहा है तब भी टखना, पैर और टांग में सूजन आ सकती है।
ऐसे में सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि पैरों में आई सूजन के पीछे क्या कारण है।
कैसे होता है पैरों की सूजन का परीक्षण (swelling in feet diagnosis)
डॉक्टर पीड़ित की जांच निम्न प्रकार से करते हैं-
1- मूत्र का सैंपल लेकर विश्लेषण करना।
2- गुर्दे और लीवर के कार्य का मूल्यांकन करना।
3- पैरों के अल्ट्रासाउंड के माध्यम से।
4- पेट के अल्ट्रासाउंड के माध्यम से।
5- छाती का एक्स-रे करके।
6- खून टेस्ट, जिससे लीवर के कार्यों की जांच की जा सके।
पैरों में सूजन का इलाज ( treatment of swelling in feet)
पैरों में अगर सूजन आ जाए तो निम्न तरीकों से उसे दूर किया जा सकता है-
पैरों की मसाज करके
मसाज या मालिश के माध्यम से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। ऐसे में जिस स्थान पर सूजन आई है उसको दिल की तरफ जाने वाली ब्लड की गति में सहलाएं। लेकिन ध्यान रखिए कि तेज हाथों से नहीं बल्कि आराम हाथों से सहलाएं। ऐसा करने से जमा हुआ द्रव हट जाता है।
हिलाने-डुलाने से
शरीर का जो हिस्सा सूजा हुआ होता है उसे हिलाएं जैसे कि अगर आपकी टांगे सूझ रही है तो आप अपनी टांगों को हिलाएं। ऐसा करने से भी जमा हुआ ब्लड हृदय की तरफ जाता है और सूजन कम होती है।
नमक का सेवन कम करने से
अगर नमक का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए तो इससे द्रव के एकत्रित होने की गति बढ़ती है और सूजन भी बढ़ जाती है। ऐसे में अगर शरीर में सूजन हो तो नमक का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
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नियमित रूप से व्यायाम करने से
जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं उनमें सूजन की समस्या कम देखी जाती है। ऐसे लोग शारीरिक गतिविधि को अपने जीवन में जोड़ लेते हैं। चलना और इन गतिविधियों से मांसपेशियों की प्रक्रिया सुधरती है और पैर की मांसपेशियों में मजबूती आती है। जो लोग एडिमा से ग्रस्त हैं वह खड़े होने के के दौरान अपने पैरों को किसी ने किसी तरीके से चलाते रहें।
नोट-
पैरों में सूजन की समस्या ऊपर दिए गए सुझावों के द्वारा ठीक ना हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। कभी-कभी शरीर में कुछ ऐसी बीमारियां पनपने लगती है जिनके बारे में काफी समय तक पता नहीं चलता उनके लक्षणों में पैरों में सूजन भी एक होती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।