आयुर्वेद की कषाय धारा थेरेपी क्या है? आयुर्वेदाचार्य से जानें किन समस्याओं में है ये कारगर

शरीर के रोगों को दूर करने के लिए आप कषाय धारा थेरेपी का उपयोग कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके फायदे और करने का तरीका   
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आयुर्वेद की कषाय धारा थेरेपी क्या है? आयुर्वेदाचार्य से जानें किन समस्याओं में है ये कारगर

Benefits Of Kashaya Dhara Therapy: शरीर को रोग मुक्त रखने के लिए कई आयुर्वेदिक थेरेपी के बारे में विस्तार से बताया गया है। जो लोग दवाओं के दुष्प्रभाव से बचना चाहते हैं, वह आयुर्वेद के द्वारा भी अपने रोग को दूर कर सकते हैं। भारत में सदियों से आयुर्वेद के द्वारा विभिन्न रोगों का इलाज किया जा रहा है। हालांकि, मेडिकल साइंस ने भी कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व तरक्की की है। लेकिन, आयुर्वेद के महत्व और उपयोगिता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आज के दौर में शारीरिक गतिविधियों में आई कमी के कारण लोगों की मांसपेशियो में अकड़न, सूजन, त्वचा में रूखापन, ब्लड सर्कुलेशन में समस्या आने लगी है। अगर, लंबे समय तक इन लक्षणों को अनदेखा किया जाए तो आगे चलकर यह कई गंभीर रोग का कारण बन सकते हैं। इसलिए आयुर्वेद में शुरुआती दौर में ही कषाय धारा थेरेपी के द्वारा रोग के शुरुआती लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है।

कषाय धारा एक पारंपरिक थेरेपी है। इससे मानसिक और शारीरिक विकारों को दूर करने में मदद मिलती है। ओनलीमायहेल्थ अपने पाठको के लिए एक विशेष सीरीज ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ लेकर आया है। इस सीरीज में आपको आयुर्वेद के अनुभवी और सीनियर डॉक्टर के द्वारा आयुर्वेद की थेरेपी, रोग को दूर करने के उपाय और इलाज के बारे में विस्तार से बताया जाता है। आज इस सीरीज में हम आपको कषाय धारा थेरेपी के बारे में बताने जा रहे हैं। इस थेरेपी को समझने के लिए हमने  मध्यप्रदेश में कार्यरत सरकारी आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (BAMS, DNHE, YIC) से बात की। उन्होंने बताया कि कषाय धारा थेरेपी किन रोगों को दूर करने में सहायक होती है। साथ ही, डॉक्टर ने कषाय धारा करने के सही तरीके को भी विस्तार से बताया। 

आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर डॉ. सोनल गर्ग (Instagram-Vaidik_era_ayurveda) ने बताया कि अन्य थेरेपी की तरह ही कषाय धारा थेरेपी भी काफी महत्वपूर्ण है। इससे मानसिक और शारीरिक रोगों का इलाज किया जा सकता है। यह आयुर्वेदिक स्वेदन कर्म का ही एक भाग है। इसे पंचकर्म से पहले किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कषाय का अर्ध क्वाथ या काढ़ा होता है, जबकि धारा का अर्थ प्रवाह होता है। इसमें एक विशेष रूप से तैयार काढ़े को धारा की तरह शरीर पर प्रवाह किया जाता है। इससे शरीर के दोषों को दूर करने में मदद मिलती है। 

कषाय धारा थेरेपी कैसी की जाती है? Procedure Of Kashaya Dhara Therapy In Hindi 

  • इस थेरेपी में रोग के आधार पर आयुर्वेदाचार्य के द्वारा औषधियों को मिलाकर काढ़ा तैयार किया जाता है। 
  • थेरेपी के रूम का तापमान शरीर के नॉर्मल तापमान की तरह रखा जाता है। 
  • इसके बाद मरीज या व्यक्ति को टेबल पर लेटाया जाता है। 
  • इसके बाद औषधिय युक्त काढ़ा को एक निश्चित दूरी से एक निश्चित धारा में शरीर पर डाला जाता है। 
  • इस दौरान वासोडिलेशन (नसों का चौड़ा होना) होता है, जिसके कारण शरीर के प्रभावित हिस्से में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। साथ ही, ऑक्सीजन और औषधी रोमछिद्र से अंदर जाने पर रोग पैदा करने वाले विषाक्त पदार्थों का प्रभाव कम होने लगता है। 
  • ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। जिससे शरीर के विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर हो जाते हैं। 
  • यह थेरेपी मांसपेशियों को आराम देती है और मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। इससे हार्मोन और ब्रेन के कार्य भी बेहतर होते हैं। 

kashaya dhara benefits

कषाय धारा के फायदे - Benefits Of Kashaya Dhara In Hindi 

  • शरीर की सूजन कम होती है।
  • ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) में सुधार होता है।
  • शरीर की खुजली कम होती है। 
  • त्वचा का रूखापन कम होता है। 
  • त्वचा पर होने वाले घाव के ठीक होने का समय कम हो जाता है। 
  • बैक्टीरीया से होने वाला इंफेक्शन कम होता है। 
  • मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है, आदि। 

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शरीर के रोगों को दूर करने के लिए आप कषाय धारा थेरेपी का अपना सकते हैं। कषाय धारा से शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और रोग के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। अगर आपको भी त्वचा व अन्य रोग है तो ऐसे में आप आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर कषाय धारा थेरेपी का उपयोग कर सकते हैं। हमारी ‘आरोग्य विद आयुर्वेद’ सीरीज में आपको आने वाले समय आयुर्वेद से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियां प्रदान की जाएंगी। आयुर्वेद के माध्यम से अन्य रोगों के इलाज को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.onlymyhealth.com के साथ जरूर जुड़ें। साथ ही, हमारे लेखों को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करें, ताकि वह भी आयुर्वेदिक उपचारों के विषय में जागरूक हों और उनको भी इसका लाभ मिलें।   

 

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