प्रेगनेंसी में पीलिया होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, जानें इसका कारण और इलाज

प्रेगनेंसी में कुछ महिलाओं को पीलिया की परेशानी हो जाती है। आगे जानें इस समय महिलाओं को क्या लक्षण महसूस होते हैं और इसका इलाज कैसे होता है।   
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प्रेगनेंसी में पीलिया होने पर दिखते हैं ये 5 लक्षण, जानें इसका कारण और इलाज


प्रेगनेंसी में पीलिया लिवर की समस्या की वजह से होता है। प्रेगनेंसी में लिवर संबंधी विकार बेहद ही कम होता है, लेकिन इसके होने की वजह से बच्चे और मां दोनों को कई अन्य रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। प्रेगनेंसी में लगभग तीन प्रतिशत महिलाओं को ये समस्या गंभीर रूप से परेशान कर सकती हैा। पीलिया होने पर महिलाओं की आंखों का रंग पीला हो जाता है। दरअसल जब लिवर में बिलीरुबिन बनने की प्रक्रिया बढ़ जाती है, तो ये रोग हो जाता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को पित्त की पथरी, कोलेस्टेसिस, हाई बीपी होने की वजह से लिवर का कार्य प्रभावित हो जाता है, इसकी वजह से भी पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में आपको प्रेगनेंसी में पीलिया होने कारण, लक्षण और इसके इलाज के विषय में विस्तार से बताया गया है।  

प्रेगनेंसी में पीलिया होने के कारण - Causes of Jaundice in Pregnancy in Hindi  

हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम (Hyperemesis Gravidarum) 

ये कारण मुख्य रूप से प्रेगनेंसी में महिलाओं को उल्टी और जी मिचलाने की वजह से होता है। इसमें महिलाओं का वजन भी तेजदी से कम होने लगता है।  

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jaundice in pregnancy

इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस (Intrahepatic Cholestasis)  

प्रेगनेंसी में जब महिला के शरीर में पित्त का सामान्य प्रवाह बाधित होता है। तो उनको खुजली की समस्या होने लगती है। 

प्री-एक्लेमप्सिया (Pre-Eclampsia) 

प्रेगनेंसी में महिला का बीपी बढ़ जाने की स्थिति में महिलाओं की यूरीन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से लिवर का कार्य प्रभावित होता है।  

एचईएलएलपी सिंड्रोम (HELLP Syndrome)  

यह एक लिवर संबंधी विकार है, जिसे प्री-एक्लेमप्सिया का एक गंभीर रूप माना जाता है। ये समस्या महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।  

एक्यूट फैटी लिवर (Acute Fatty Liver) 

एक्यूट फैटी लिवर एक तरह का रोग है। इसमें दूषित खाना खाने की वजह से लिवर में फैट जमा हो जाता है।  

प्रेगनेंसी में पीलिया होने पर दिखाई देते है ये लक्षण - Symptoms of Jaundice in Pregnancy in Hindi  

जी मिचलाना व उल्टी आना 

प्रेगनेंसी में पीलिया होने पर महिलाओं को जी मिचलाने व उल्टी आने की समस्या हो सकती है। दरअसल लिवर के कार्य प्रभावित होने की वजह से महिलाओं को उल्टी आने की समस्या होने लगती है।  

पीले रंग का पेशाब आना 

प्रेगनेंसी में महिलाओं को पीले रंग का पेशाब आना इस बात का एक लक्षण होता है कि उन्हें पीलिया हो सकता है। दरअसल  बिलीरुबिन की मात्रा अधिक होने पर ये फिल्टर नहीं हो पाता है और ये शरीर से पेशाब के साथ मिलकर बाहर आने लगता है।  

आंखों  का पीला होना  

प्रेगनेंसी में पीलिया होने पर महिलाओं की आंखों का रंग पीला हो जाता है। इसके साथ ही त्वचा का रंग भी पीला होने लगता है।  

कमजोरी होना  

प्रेगनेंसी में महिलाओं को पीलिया होने पर कमजोरी महसूस होने लगती है। दरअसल इस रोग को नजरअंदाज करने से महिलाओं के शरीर का रक्त बनाना भी प्रभावित होता है। इस वजह से उनको कमजोरी आने लगती है।  

बुखार होना 

गर्भावस्था में महिलाओें के हार्मोन का स्तर तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। ऐसे में पीलिया होने की वजह से महिलाओं को बुखार आने लगता है।  

इसके अलावा अन्य लक्षण भी महसूस होते हैं।  

  • वजन तेजी से कम होना,  
  • भूख नहीं लगना,  
  • पेट में दर्द होना,  
  • हल्के रंग का मल आना,  
  • कब्ज की शिकायत होना, आदि।  

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प्रेगनेंसी में पीलिया का इलाज कैसे किया जाता है?  

प्रेगनेंसी में एनीमिया की वजह से होने वाले पीलिया का इलाज आयरन युक्त आहार से किया जा सकता है। इसके अलावा पीलिया के मुख्य कारण के आधार पर ही उसका इलाज किया जाता है। इसकी पहचान होने के बाद डॉक्टर इलाज शुरु कर देते हैं।  

  • हेपेटाइटिस की वजह से होने वाले पीलिया में डॉक्टर मरीज को स्टेरॉयड की दवाएं देते हैं।  
  • कई बार कुछ दवाओं के इस्तेमाल से भी व्यक्ति को पीलिया हो जाता है, ऐसे में डॉक्टर सबसे पहले उन दवाओं के सेवन को बंद कर देते हैं।  
  • पीलिया के संक्रमण से जुड़ी समस्याओं के लिए डॉक्टर कई बार एंटी बायोटिक्स दवाएं देते हैं।  

 

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