
Is Sugar Vegetarian Or Non-Vegetarian in Hindi: भारत के अधिकतर घर में सुबह की शुरुआत जहां एक कप चाय के साथ होती है, वहीं रात के खाने के बाद कुछ मीठा जरूर होता है। सुबह की चाय में चीनी होने से लेकर, रात के खाने के बाद का मीठा हर चीज में चीनी का इस्तेमाल जरूर होता है। त्योहार हो या कोई खास मौका, अपनी खुशियां किसी से बांटनी हो या शुगर क्रेविंग कम करनी हो, चीनी का इस्तेमाल कई तरीके से और हमारी रोजाना की डाइट का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है, जो चीनी आप खा रहे हैं वो नॉन वेज (kya sach me chini non veg hoti hai) भी हो सकती है! जी हां, नॉनवेज चीनी... सुनने में ये अजीब लग सकता है, लेकिन कई स्थानों पर चीनी बनाने के लिए बोन चार का इस्तेमाल होता है। ऐसे में आइए दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा से जानते हैं कि भारत में चीनी वेज है या नॉनवेज?
इस पेज पर:-
चीनी नॉनवेज है या वेज? - Sugar Veg Or Non Veg in Hindi
आमतौर पर चीनी गन्ने से तैयार की जाती है, जो शाकाहारी होती है। लेकिन, इससे बनाने के प्रोसेस में अक्सर कई देशों में प्रोसेस्ड चीनी को जानवरों की हड्डियों के चारे के साथ मिलाकर बनाया जाता है, ताकि इसका रंग बिल्कुल सफेद नजर आए। इसी कारण कई लोग प्रोसेस्ड चीनी को नॉनवेज फूड के तौर पर देखते हैं। हालांकि, न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा के अनुसार, "भारत में चीनी एक शाकाहारी खाद्य पदार्थ (sugar is veg or non veg in india) है, क्योंकि इसे गन्ने से तैयार किया जाता है और इसमें कोई भी ऐसा खाद्य पदार्थ नहीं मिलाया जाता है, जो पशु उत्पाद से बना हो।" भारत में ज्यादातर चीनी गन्ने से बनाई जाती है, जो एक पौधा आधारित फल है और शुद्ध शाकाहारी तरीके से तैयार किया जाता है।
इसे भी पढ़ें: चीनी की लत छुड़ाने में फायदेमंद है शुगर डिटॉक्स, एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे

शाकाहारी चीनी की पहचान कैसे करें?
भारत में वेजिटेरियन और नॉनवेजिटेरियन दोनों तरह के लोग हैं। ऐसे में लोगों के खानपान का ध्यान रखते हुए FSSAI ने सभी फूड कंपनियों को खाने के वॉर्निंग साइन के तौर पर इन्हें विभाजित किया है। FSSAI के अनुसार, वेजिटेरियन प्रोडक्ट्स पर ट्रेडमार्क के रूप में हरे बिंदु का निशान जरूर बना होना चाहिए, जबकि नॉनवेज फूड्स, जिनमें अंडा या किसी अन्य तरह का नॉन वेज इस्तेमाल हो उस प्रोडक्ट पर लाल रंग का निशान बनाने जरूरी है। ऐसे में शाकाहारी लोग आसानी से अपना खाद्य पदार्थ खरीदते समय उस पर लाल या हरे रंग के निशान से खाने की चीज शाकाहारी या नहीं इस बात का पता लगा सकते हैं। इसलिए, आप जो चीनी लें रहे हैं उस पर हरे रंग का निशान उसके शाकाहारी होने का प्रमाण होता है।
इसे भी पढ़ें: चीनी आपके लिवर को पहुंचा रही है नुकसान? जानें संकेत
निष्कर्ष
भारत में पाई जाने वाली चीनी अधिकतर शाकाहारी होती है, क्योंकि इसे बनाने की प्रक्रिया में आमतौर पर किसी भी जानवर की हड्डी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बल्कि भारत की अधिकतर चीनी मिलें चीनी को प्रोसेस्ड करने के लिए ऐसे तरीके अपनाती हैं, जो ऐसे तरीके अपनाती हैं जो शाकाहारी हो। इसके अलावा, आप अपने चीनी के पैकेट पर बने हरे निशान से भी चीनी के शाकाहारी होने की पहचान कर सकते हैं।
Image Credit: Freepik
यह विडियो भी देखें
FAQ
चीनी से क्या बीमारी होती है?
ज्यादा चीनी का सेवन सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। चीनी का सेवन अक्सर लोगों में मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, दांतों में सड़न, और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।चीनी छोड़ने के क्या फायदे हैं?
चीनी का सेवन पूरी तरह छोड़ने से वजन कम करने, शरीर की एनर्जी बढ़ाने, स्किन की रंगत में सुधार करने और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।चाय में चीनी का अच्छा विकल्प क्या है?
चाय को हेल्दी बनाने के लिए और उसके स्वाद को बढ़ाने के लिए आप चीनी के स्थान पर उसमें अन्य चीजों को मिला सकते हैं। चाय में आप आमतौर पर चीनी के स्थान पर शहद या गुड़ मिला सकते हैं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version