छोटे बच्चे ज्यादातर स्तनपान करके अपनी भूख शांत करते हैं। इसके अलावा, उन्हें आहार में दाल का पानी, चावल, फलों की प्यूरी, आदि दी जाती है। छह माह के बाद बच्चे धीरे-धीरे लगभग हर चीजों को खाना शुरू कर देते हैं। लेकिन, अक्सर छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या देखने को मिलती है। दरअसल, जो बच्चे ज्यादातर फाइबर वाले आहार या फलों का सेवन नहीं करते हैं, उनको कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। छोटे बच्चों का बाउल मूवमेंट में होने वाले बदलावों की वजह से कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे में कुछ अभिभावक बिना किसी डॉक्टरी सलाह के स्टूल सॉफ्टनर का उपयोग करने लगते हैं। जबकि इसका उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। बरेली में प्राइवेट क्लीनिक चलाने वाले पीडियैक्टिक्स डॉक्टर रुचिर अग्रवाल से जानते हैं कि क्या बच्चों को स्टूल सॉफ्टनर दिया जाना चाहिए।
बच्चों में कब्ज की समस्या - Constipation In Babies In Hindi
अगर, बच्चा रोजाना मल त्याग नहीं करता है, तो वह चिड़चिड़ा हो सकता है। उसका किसी भी चीज को खाने का मन नहीं करता है। साथ ही, उसको पेट दर्द व गैस की समस्या रहने लगती है। कुछ बच्चों को उल्टी और पेट फूला हुआ महसूस हो सकता है। कब्ज होने पर बच्चा मल त्याग करते हुए बेहद परेशान होता है, उसे मल को बाहर निकालने में जोर लगाना पड़ता है और कई बार तो मल के साथ खून भी निकल आता है। इससे बच्चे का मलाशय कमजोर हो सकता है। ऐसे में अभिभावक स्टूल सॉफ्टनर का इस्तेमाल करते हैं।
टॉप स्टोरीज़
बच्चों को स्टूल सॉफ्टनर देने पर क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉक्टर के अनुसार स्टूल सॉफ्टनर बच्चे के पॉटी करने के प्रोसेस को आसान बना सकते हैं। यह स्टूल सॉफ्टनर अधिकतर ग्सिसरीन युक्त होते हैं, जो बच्चे के गुदा मार्ग पर लगाए जाते हैं। इससे बच्चे के मलाशय को चिकनाई मिलती है। इसके अलावा, अभिभावकों को बच्चे की कब्ज को दूर करने के आहार में फाइबर युक्त फल और सब्जियां देनी चाहिए। इसके अलावा साबुत अनाज भी बच्चों को दिया जा सकता है। यह बच्चे के मल को जोड़ने में मदद करते हैं।
बच्चों को कौन सा स्टूल सॉफ्टनर देना चाहिए? Which Stool Softer Give To Babies For Constipation In Hindi
बच्चों को सपोसिटरी स्टूल सॉफ्टनर दिया जा सकता है। इसका इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। यह स्टूल सॉफ्टनर कैप्सूल में भी उपलब्ध होते हैं। इन्हें बच्चे के मलाशय में डाला जाता है, उससे मलाशय को चिकनाई मिलती है। जिससे कठोर मल भी आसानी से बाहर आ जाता है। इससे मल त्यागते समय होने वाला दर्द कम हो जाता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चों में कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए उन्हें दें ये 7 फूड्स
बच्चों की कब्ज को दूर करने के लिए उनके लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करना बेहद आवश्यक होता है। क्योंकि कब्ज की वजह से खाना न खाने के कारण बच्चे की ग्रोथ रुक सकती है। ऐसे में आप बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। शारीरिक गतिविधियों में शामिल कराएं। बच्चे को एक ही जगह न बैठाएं, उसके साथ खेलें। साथ ही, उसके आहार में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करें।