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हेल्दी समझकर खाते हैं रेड मीट? डॉक्टर से जानें सेहत के लिए अच्छा है भी या नहीं

लोग रेड मीट को हेल्दी समझकर अपनी डेली डाइट का हिस्सा बनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह मीट सेहत के लिए अच्छा है भी या नहीं?  अगर नहीं, तो आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।    
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हेल्दी समझकर खाते हैं रेड मीट? डॉक्टर से जानें सेहत के लिए अच्छा है भी या नहीं


भोजन को दो अलग श्रेणियों में बांटा जाता है। इसमें पहली श्रेणी शाकाहारी भोजन की होती है और दूसरी श्रेणी में मांसाहारी भोजन आता है। शरीर के लिए दोनों ही श्रेणियों का खाना फायदेमंद होता है। हालांकि, अगर आप शाकाहारी यानी वेजीटेरियन हैं, तो कुछ न्यूट्रिएंट्स को प्राप्त करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। बहरहाल, आज के इस आर्टिकल में हम मांसाहारी यानी नॉन वेजिटेरियन खाने को लेकर बात कर रहे हैं। आप सभी ने पिछले काफी समय से रेड मीट को ट्रेंड में देखा होगा। सोशल मीडिया पर लोग रेड मीट से कई अलग-अलग तरह की डिशेज बनाते हुए वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। मगर यहां सवाल ये उठता है कि रेड मीट क्या है और क्या ये सेहत के लिए सच में अच्छा है या नहीं? इन सवालों का जवाब सर्जन डॉक्टर अर्पित बंसल ने अपनी एक इंस्टाग्राम वीडियो में दिया है। आइए जानते हैं कि क्या रेड मीट का सेवन सेहत के लिए अच्छा है या नहीं।

रेड मीट क्या है?

रेड मीट बड़े जानवरों का मांस होता है। इसमें मायोग्लोबिन नाम का प्रोटीन चिकन और मछली के मुकाबले ज्यादा होता है। रेड मीट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक-तत्व सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। हालांकि, इस मीट का ज्यादा सेवन करने से इंसान को पाचन समेत कई अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

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रेड मीट का सेहत पर कैसा असर होता है?

red meat

इस सवाल का जवाब इंसान की गट हेल्थ पर डिपेंड करता है। हर इंसान की बॉडी अलग होती है, ऐसे में किसी भी चीज को लेकर शरीर की प्रतिक्रिया भी अलग हो सकती है। दुनियाभर में कोई भी सिंगल डाइट ऐसी नहीं है, जो हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। ठीक इसी तरह रेड मीट में कोलीन और कार्निटाइन की अच्छी मात्रा होती है। जब व्यक्ति रेड मीट का सेवन करता है, तो गट में मौजूद माइक्रोबायोम कोलीन और कार्निटाइन को टीएमए यानी ट्राइमेथिलैमाइन में बदल देते हैं। इसे लिवर द्वारा टीएमएओ यानी ट्राइमेथिलैमाइन एन-ऑक्साइड में बदल दिया जाता है। ये शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। अगर शरीर में टीएमएओ की मात्रा बढ़ जाती है, तो हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। मगर कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके गट में मौजूद माइक्रोबायोम कोलीन और कार्निटाइन को ट्राइमेथिलैमाइन में नहीं बदलते हैं। इन लोगों के लिए रेड मीट का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

रेड मीट का सेवन करें या नहीं?

जैसा हमने आपको बताया कि रेड मीट का सेवन करना चाहिए या नहीं, यह व्यक्ति की गट हेल्थ पर निर्भर करता है। हालांकि, आपको जरूरत से ज्यादा मात्रा में रेड मीट का सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, ब्रिटिश हेल्थ सर्विस द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया था कि ज्यादा मात्रा में रेड मीट खाने से कोलोरेक्टल कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

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रेड मीट का सेवन करना चाहिए या नहीं, यह पूरी तरह से इंसान की बॉडी पर निर्भर करता है। रेड मीट का सेवन करने से पहले आपको ये जरूर जान लेना चाहिए कि इस मीट की ज्यादा मात्रा पाचन और हृदय से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। रेड मीट के ज्यादा मात्रा में सेवन से कोलेस्ट्रॉल और मोटापा भी बढ़ सकता है।

 

 

 

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