
माता-पिता बनाना व्यक्ति के जीवन का एक सुखद अनुभव होता है। हर अभिभावक बच्चे को अपनी आंखों के सामने बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। लेकिन, कई बार कुछ बच्चों के जन्म से ही दांत होते हैं। वैसे, तो यह एक दुलर्भ स्थिति होती है, लेकिन जिन बच्चों के दांत होते हैं, उनके अभिभावक घबरा जाते हैं। उन्हें लगता है बच्चों को किसी बीमारी की वजह से दांत समय से पहले ही निकल चुके हैं। बच्चों के जन्म से दांत निकलने के कई कारण हो सकते हैं। जन्म के समय से दांत होने को नेटल टीथ कहा जाता है। इस बारे में सीके बिरला अस्पताल के स्री रोग विभाग की लीड कंसलटेंट डॉ. निविदिता कॉल ने विस्तार से बताया कि शिशु के जन्म से दांत होने के क्या कारण होते हैं और क्या इस स्थिति को नॉर्मल कहा जा सकता है।
नेटल टीथ का क्या कारण है? Causes Of Natal Teeth In Hindi
जन्म के समय से ही बच्चे के दांत होने के कई कारण हो सकते हैं। यह समस्या 2000 बच्चों में से एक में हो सकती हैं। आगे बताए गए कारणों को शामिल किया जा सकता है।
- सोटोस सिंड्रोम (Sotos syndrome)
- हॉलरमैन-स्ट्रीफ सिंड्रोम (Hallerman-Streiff syndrome)
- पियरे रॉबिन सीक्वेंस (Pierre Robin sequence -जिसे सिंड्रोम भी कहा जाता है)
- एलिस-वैन क्रेवेल्ड सिंड्रोम (Ellis-Van Creveld syndrome)
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नेटल टीथ के प्रकार - Types Of Natal Teeth In Hindi
जन्म से दांत निकलने के कई प्रकार हो सकते हैं। इसमें आगे बताए गए प्रकार को शामिल किया जाता है।
- जन्म से बच्चे के ढीले और पूरी तरह से विकसित दांत, जो जड़ों से जुड़े होते हैं।
- कुछ दांत ढीले होते हैं और उनकी जड़े नहीं होती है।
- मसूढ़ों के ठीक ऊपर छोटे-छोटे दांत दिखाई देते हैं।
शिशु में जन्म से ही दांत होना क्या सामान्य स्थिति है?
शिशु में होने वाली यह समस्या को आम नहीं कहा जा सकता है। इसके कारणों के आधार पर इसकी गंभीरता का पता लगाया जा सकता है। यदि बच्चे को गंभीर कारणों के चलते यह समस्या हुई है, तो इसका इलाज किया जाता है। जबकि, अगर कारण सामान्य है, तो इससे के स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है। लेकिन, समय रहते इन दांतों को निकालना जरूरी है या नहीं इस बारे में पूरी जानकारी डॉक्टर देते हैं।
नेटल टीथ को निकालना क्यों जरूरी है? Why Is Important To Remove Natal Teeth in Hindi
डॉक्टर्स की मानें तो इसकी वजह से बच्चें को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन, इसकी वजह से शिशु को कुछ परेशानियां हो सकती हैं। आगे जानते हैं क्या नेटल टीथ को हटाना जरूरी है।
जीभ में चोट लगना
जिन बच्चों के जन्म से ही दांत होते हैं, उनको इन दांतों की वजह से जीभ में चोट लगने का जोखिम बना रहता है।
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ब्रेस्टफीडिंग में परेशानी होना
इस समय शिशु बेहद छोटा होता है और वह अपनी दैनिक आदतों का अभ्यास कर रहा होता है। नेटल टीथ होने की वजह से शिशु को दूध पीने में परेशानी हो सकती है। इससे शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है।
दांत को निगलने का खतरा
शिशु के कुछ नेटल टीथ में जड़े नहीं होती हैं, इससे वह कमजोर होते हैं। ऐसे में शिशु के द्वारा उन दांतों को निगलने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा ये दांत बच्चे के गले में भी फंस सकते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग करते समय मां को परेशानी होना
शिशु इस समय कई चीजों को सीख रहा होता है। ऐसे में कई बार शिशु को दूध पिलाते समय मां को परेशानी हो सकती है। साथ ही, दांतों की वजह से स्तनों पर जख्म होने का जोखिम रहता है।
अंत में यही माना जाता है कि हालांकि नेटल टीथ का होना सामान्य नहीं है पर फिर भी इसके होने की संभावना तो है। इसलिए इसे अनदेखा ना करीं और डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें। और स्थिति के हिसाब से डॉक्टर की दी गयी सलाह को माने ताकि आगे चलकर ये आपके बच्चे के लिए किसी तरह की परेशानी का कारण ना बने।