क्या 'मिसल्टो ट्री' सच में ठीक करता है कैंसर? क्रिसमस पर इस पेड़ के नीचे Kiss करने का है रिवाज

मिसल्टो (Mistletoe) ट्री को कुछ लोग कैंसर के इलाज में बहुत फायदेमंद मानते हैं। जानें इस बारे में वैज्ञानिक रिसर्च और स्टडीज क्या कहती हैं।
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क्या 'मिसल्टो ट्री' सच में  ठीक करता है कैंसर? क्रिसमस पर इस पेड़ के नीचे Kiss करने का है रिवाज


मिसल्टो (Mistletoe) एक ऐसा पेड़ है जिसे ईसाई धर्म में बहुत पवित्र और चमत्कारी माना गया है। क्रिसमस के दिन प्रेमी जोड़ों में इस पेड़ के नीचे खड़े होकर एक दूसरे को चूमने (Kiss करने) की परंपरा है। ऐसा माना जाता है इस पेड़ के नीचे चूमने वाले जोड़ों का आपस में विवाह हो जाता है। यूके में इस पेड़ को क्रिसमस से जोड़ा जाता है, तो फ्रांस में इस पेड़ को नए साल पर एक दूसरे को गिफ्ट किया जाता है, क्योंकि वहां लोग इस पेड़ को अच्छे भाग्य और खुशियों का प्रतीक मानते हैं। कुछ पारंपरिक कहानियों में इस पेड़ को फर्टिलिटी के लिए भी शुभ माना जाता है, यानी जिन स्त्रियों को बच्चा नहीं होता है, उन्हें घर में ये पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है।

मगर इन मिथकों और कहानियों से अलग, आज हम इस पेड़ की वैज्ञानिक दृष्टि से पड़ताल करेंगे। दरअसल यूरोपीय देशों में यह माना जाता है कि सफेद बेरीज वाला मिसल्टो ट्री कैंसर को ठीक कर सकता है। इस बात का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने इस पेड़ का अध्ययन किया। ये आर्टिकल इसी बारे में है कि क्या सचमुच मिसल्टो ट्री (मिसलटो का पेड़) कैंसर को ठीक करने में सक्षम है?

दो हजार सालों से दवा के रूप में हो रहा है इस्तेमाल

मिसल्टो ट्री (Mistletoe Tree) की पत्तियों और टहनियों को लगभग 2,000 सालों से हर्बल औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। मगर इस पेड़ से कैंसर के इलाज की शुरुआत 20वीं शताब्दी में रूडोल्ड स्टीनर नाम के डॉक्टर ने की, जो वैकल्पिक दवाइयों पर काम काम करते थे। National Cancer Institute (NCI) के अनुसार, कैंसर के अल्टरनेटिव थेरेपी (वैकल्पिक चिकित्सा) के लिए आज मिसल्टो ट्री का अध्ययन दुनियाभर में किया जा रहा है।

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कुछ अध्ययन बताते हैं कैंसर को रोकने में कारगर है ये पेड़

मिसल्टो ट्री पर अब तक कई शोध किए जा चुके हैं, जिनमें क्लीनिकल ट्रायल्स के अलावा कैंसर के रोगियों पर भी इसका प्रयोग करके देखा गया है। ज्यादातर क्लीनिकल स्टडी़ज में यही सामने आया है कि मिसल्टो ट्री कुछ तरह के कैंसरों के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। मगर National Cancer Institute (NCI) बताता है कि इन सभी अध्ययनों की एक कमजोर कड़ी ये है कि इससे मिलने वाले प्रमाण हर बार एक्यूरेट (एक जैसे) नहीं साबित होते हैं।

2009 में हुए एक शोध में ये पाया गया कि मिसल्टो के अर्क से तैयार दवाओं से कैंसर के मरीजों को ज्यादा समय तक स्वस्थ जीवन दिया जा सकता है। कुछ अन्य शोध यह बताते हैं कि मिसल्टो के प्रयोग से कैंसर के ट्यूमर को कम किया जा सकता है और इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है। मगर ये सभी अध्ययन छोटे-छोटे स्तरों पर किए गए हैं। बेहतर और सटीक प्रमाण के लिए अभी और बड़े स्तर पर अध्ययन करने की जरूरत है।

कैंसर से लड़ाई को आसान बना सकता है मिसल्टो?

प्रयोग बताते हैं कि मिसल्टो के पेड़ को कैंसर के मरीज के इलाज के दौरान भी कई चीजों में फायदेमंद पाया गया है, जैसे- एक अध्ययन में देखा गया कि मिसल्टो के प्रयोग से मरीजों में कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभाव कम पाए गए, उनके बाल भी सामान्य से कम झड़े, उन्हें अंगों के सुन्न होने और दर्द का एहसास भी कम महसूस हुआ। इसके अलावा खास बात ये रही है कि मिसल्टो कैंसर के मरीजों में डिप्रेशन से लड़ने में मददगार साबित हुआ। ये अध्ययन ब्रेस्ट कैंसर, ओवरियन कैंसर और लंग कैंसर के 220 मरीजों पर किया गया था।

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मिसल्टो का प्रयोग कैसे किया जा रहा है?

मिसल्टो पेड़ आमतौर पर स्विटजरलैंड, नीदरलैंड्स और यूके में मिलते हैं। इसे अर्क को Iscador और Helixor नाम से बेचा जाता है। जर्मनी में मिसल्टो के अर्क से बने इंजेक्शन को ट्यूमर के इलाज के लिए एप्रूप किया गया है। यूनाइटेड स्टेट्स में Food and Drug Administration (FDA) ने इसे अभी तक कैंसर के इलाज के लिए अप्रूव नहीं किया है। मगर इसके अर्क को पानी और एल्कोहल के साथ मिलाकर डायल्यूट फॉर्म में बेचा जाता है। यहां आपको यह बता देना जरूरी है कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है इसलिए कोई भी दवा या नुस्खा लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोई दवा शरीर की एक बीमारी के लिए फायदेमंद हो सकती है, मगर कुछ अन्य बीमारियां दे सकती है।

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