आज के समय में फिटनेस से जुड़े कई मिथ के चलते लोग खुद को बीमार कर रहे हैं। ज्यादातर लोग जानकारी नहीं होने और एक्सपर्ट की सलाह के बगैर ही फिटनेस से जुड़ी टिप्स फॉलो करने लगते हैं। ऐसे ही कुछ लोगों में सपोर्टर को लेकर भी कई भ्रम रहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि जिम में वर्कआउट करने के दौरान सपोर्टर पहनना जरूरी होता है तो वहीं, कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसे नुकसानदायक भी बताते हैं। चलिए फिटनेस कोच और एक्सपर्ट अपूर्व तिवारी से जानते हैं जिम के दौरान सपोर्टर पहनना चाहिए या नहीं?
किसको पहनना चाहिए सपोर्टर
एक्सपर्ट के मुताबिक सपोर्टर हर किसी के लिए सटीक नहीं बैठता है। दरअसल, सपोर्टर की शुरुआत मुख्यतौर पर साइकिल राइडर्स के लिए हुई थी ताकि खराब रास्तों पर चलते हुए उनके अंडकोष आपस में न टकराएं और इंजरी होने से बचा जा सके। धीरे-धीरे इसका ट्रेड इतना बढ़ा की एथलीट्स और बॉडी बिलडर्स भी इसका इस्तेमाल करने लगे। ज्यादातर लोग सपोर्टर इसलिए पहनते हैं ताकि वे हर्निया या हाइड्रोसील जैसी बीमारी से बच सकें, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। यह केवल एक मिथ है।
लंबे समय तक सपोर्टर पहनने के नुकसान
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- लंबे समय तक सपोर्टर का इस्तेमाल करने से टेस्टेस्टेरॉन हार्मोन्स का स्तर कम हो सकता है।
- लंबे समय तक सपोर्टर पहनने से कई बार टेस्टिस का तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है, इससे स्पर्म काउंट कम हो सकता है।
- कई बार सपोर्टर बहुत ज्यादा टाइट होने से अंडकोष डैमेज होने की भी आशंका बनी रहती है।
- बहुत लंबे समय तक सपोर्टर पहनने से हर्निया होने का भी खतरा बना रहता है।
- सपोेर्टर ज्यादा टाइट होने पर टेस्टिस पर दबाव पड़ता है इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है।
स्पर्म काउंट पर पड़ता है असर
सपोर्टर पहनकर जिम में वर्कआउट करने से ही नहीं बल्कि, आमतौर पर भी इसे पहनने से कई बार अंडकोश तक ब्लड फ्लो ठीक तरह से नहीं हो पाता है, जिससे अंडकोश के स्पर्म बनाने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। टाइट सपोर्टर पहनने से कई बार इसके डैमेज होने की आशंका ज्यादा रहती है, जिससे स्पर्म काउंट कम हो सकता है।