Is fasting in Chhath puja safe for pregnant women in hindi: हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से छठ पूजा (Chhath Puja Vrat 2024) का महापर्व शुरू होता है। 3 दिन तक मनाए जाने वाले छठ पर्व की गूंज की अलग देखने को मिलती है। इस साल छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर से हो रही है। छठ पूजा (Chhath Puja Vrat) में भगवान सूर्य की पूजा करने और अर्घ्य देने की परंपरा है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से लेकर बिहार और नेपाल के कुछ इलाकों में मनाया जाने वाले छठ के व्रत में सुहागिन महिलाएं 36 घंटे से भी ज्यादा का निर्जला व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ व्रत करने से सूर्य देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है। यूं तो छठ का व्रत हर कोई रख सकता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान छठ व्रत एक बड़ा सवाल है।
विशेषकर उन महिलाओं के लिए जो अपनी धार्मिक परंपराओं को निभाना चाहती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान छठ व्रत रखना चाहिए या नहीं (Is fasting in Chhath puja safe for pregnant women) इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
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प्रेग्नेंसी में छठ व्रत रखना सुरक्षित है या नहीं?- Is fasting in Chhath puja safe for pregnant women in hindi
डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है, ताकि गर्भ में पलने वाले शिशु का विकास सही तरीके से हो सके। प्रेग्नेंट महिलाओं को सिर्फ अतिरिक्त आहार नहीं बल्कि पानी की भी जरूरत होती है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे है और शिशु को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन जब बात छठ व्रत की आती है, तो इसमें महिलाओं को लंबी अवधि तक बिना पानी और भोजन के रहना पड़ता है।
ऐसे में अगर कोई प्रेग्नेंट महिला छठ का व्रत रखती है और 36 घंटे तक बिना पानी और खाने के रहती है, तो इससे उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को छठ व्रत या अन्य कोई व्रत जिसमें लंबे समय तक बिना भोजन और पानी के भूखे रहना पड़ता है, करने से बचना चाहिए।
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छठ व्रत रखते वक्त सावधानियां- Precautions while observing Chhath fast
डॉ. आस्था की मानें, जो प्रेग्नेंट महिलाएं मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को छठ व्रत रखने के लिए सक्षम मानती हैं, उन्हें इस व्रत को रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर डॉक्टर आपको सुझाव देते हैं, तो प्रेग्नेंट महिलाओं को नीचे बताए गई सावधानियां को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।
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1. सामान्य व्रत की जगह फलाहार व्रत
प्रेग्नेंट महिलाएं अपने स्वास्थ्य को देखते हुए छठ पूजा (Chhat Puja 2024) में निर्जला व्रत के बजाय हल्का फलाहार व्रत रख सकती हैं। व्रत के दौरान फल, नारियल और नींबू का पानी पीने की सलाह दी जाती है।
2. हाइड्रेशन का ध्यान रखें
प्रेग्नेंट महिलाएं दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी या जूस का सेवन करें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
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3. लंबे समय तक खड़े होने से बचें
छठ पूजा में लंबे समय तक पानी में खड़े रहने की भी परंपरा है, लेकिन प्रेग्नेंसी में लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है। इसलिए सावधानी के साथ ही लंबे समय तक पानी में खड़े हों।
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निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी में हर महिला का स्वास्थ्य अलग होता है और उनकी जरूरतें भी अलग होती हैं। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाएं छठ का व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। प्रेग्नेंसी के दौरान जिन महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या गर्भ में बच्चे की कमजोर स्थिति है, वह छठ का व्रत करने से बचें।
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