शरीर को सुचारू रूप से काम करने के लिए शरीर के तमाम अंगों का स्वस्थ रहना जरूरी होता है। यदि शरीर के किसी भी पार्ट में कोई समस्या आए तो वो बीमारी का कारण बनता है। शरीर के पाचन तंत्र की बात करें तो उसका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। इसके लिए हेल्दी डाइट के साथ एक्सरसाइज और योगासन को जीवन में अपनाना जरूरी होता है। यदि न अपनाया जाए तो व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम इंटेस्टाइन का विशाक्त कैसे दूर करें इसपर बात करेंगे। जमशेदपुर के डिमना के योग प्रशिक्षक अजीत कुमार से जानेंगे कि किन-किन योगाभ्यास को कर इंटेस्टाइन के विशाक्त को दूर किया जा सकता है। वहीं पाचन तंत्र को हेल्दी रखने के लिए क्या करें व क्या नहीं जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल।
कई दिनों तक इंटेस्टाइन में रहता है खाना
एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारे इंटेस्टाइन में कई दिनों पहले खाया हुआ खाना रहता है, ये आसानी से नहीं पच पाता है। ऐसा खराब लाइफस्टाइल, फास्ट फूड, तेलिय खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन करने से, एक्सरसाइज और योगाभ्यास नहीं करने की वजह से खाना आसानी से नहीं पच पाता है जो आगे चलकर कई बीमारियों का कारण बनता है। इंटेस्टाइन में जो खाना नहीं पच पाता है वहीं विशाक्त बनता है। जिसकी वजह से स्किन की समस्या, कैंसर, मॉल एब्जॉर्प्शन और इनडायजेशन का कारण बनता है।
कुछ यौगिक क्रियाओं को अपनाकर इंटेस्टाइन के विशाक्त को दूर करें
एक्सपर्ट बताते हैं कि अच्छी लाइफस्टाइल अपनाकर, सात्विक भोजन का सेवन कर और एक्सरसाइज और योगाभ्यास कर इंटेस्टाइल के विशाक्त को दूर किया जा सकता है। इसके लिए आप चाहें तो शंख प्रक्षालन क्रिया को अपना सकते हैं। इसे कर स्मॉल इंटेस्टाइन और लार्ज इंटेस्टाइन को हेल्दी रखा जा सकता है।
जानें कैसे करें शंख प्रक्षालन की क्रिया
एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन ग्लास गर्म पानी पीएं, इसमें नमक डालकर सेवन करें। फिर एक से दो लंबी सांस लेकर पानी का सेवन करें और लंबी और गहरी सांस लें। पानी पीते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि सिप बाई सिप करके पीएं, न कि एकाएक पानी का पूरा का पूरा ग्लास ही खत्म कर दें। इसके बाद आप इन आसन को कर अपने इंटेस्टाइन को हेल्दी रख सकते हैं, जैसे;
1. तलासन करने की विधि को जानें
- इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं
- पैर के बीच में एक से डेढ़ मीटर का गैप रखें
- दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं
- फिर दोनों हाथों को अपने बगल से ही साइड में लाएं
- ऐसा छह बार अभ्यास करें
- इस दौरान लंबी और गहरी सांस लेते रहें
2. कोनासन करने की विधि जानें
- इसे करने के लिए सीथे खड़े हो जाएं
- पैर के बीच में एक से डेढ़ मीटर का गैप रखें
- दोनों हाथों की अंगुलियों को एक दूसरे में क्रास करते हुए सिर के ऊपर ले जाएं
- फिर हाथों की पूर्ण स्ट्रेचिंग होने पर दाएं ओर ले जाएं, इस दौरान लंबी गहरी सांस लेते रहें व छोड़ते रहें (ऐसा करने से इंटेस्टाइन पर जोर पड़ेगा)
- अब दाएं से दोनों हाथों को फिर सिर के ऊपर ले जाएं और इस प्रक्रिया को यानि दोनों हाथों को शरीर के बाएं ओर ले जाएं
3. वक्रासन करने की विधि जानें
- इसे करने के लिए सीथे खड़े हो जाएं
- पैर के बीच में एक से डेढ़ मीटर का गैप रखें
- दोनों हाथों को जमीन के समानांतर उठाते हुए, दोनों बाजुओं को आंखों की सीध में रखें
- फिर दोनों हाथों को दाहिने साइड में ट्विस्ट करें, ट्विस्ट करते समय सांस लें हाथों को बीच में लाते समय सांस छोड़ें
- ठीक इस प्रक्रिया को यानि दोनों हाथों को अब शरीर के बाएं ओर ले जाएं, बाएं ओर ले जाने के वक्त सांस लें और बाएं ओर से शरीर के सीधे हाथों को लाने के वक्त सांस छोड़ें
- ऐसा करने से इंटेस्टाइन भी ट्विस्ट होगा
- इस आसन को भी छह बार दोहराएं

4. कटिचक्रासन करने की विधि जानें
- इसे करने के लिए सीथे खड़े हो जाएं
- पैर के बीच में एक से डेढ़ मीटर का गैप रखें
- >इसमें हाथों की पुजिशन अलग होगी, यानि दाएं हाथं को बाएं शोल्डर पर रखें और बाएं हाथ को कमर के पीछे रखें
- अब आप पीछे की ओर देखें
- ठीक ऐसा ही अब दूसरे हाथ से करें, यानि बाएं हाथं को दाहिने शोल्डर पर रखें और दाएं हाथ को पीछ के पीछे रखें
- अब आप पीछे की ओर देखें
- ऐसा करने से एक चक्र पूरा होगा
- इस आसन को छह बार दोहराएं

5. भुजंगासन (Tiryaka Bhungasana) करने की विधि जानें
- यहां इंटेस्टाइन को लाभ पहुंचाने के लिए भुजंगासन को हल्के रूप से थोड़ा अलग किया जाता है ताकि पूरा लाभ मिले
- इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं
- दोनों हाथों को छाती के अगल-बगल रखते हुए सिर, छाती के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं (लंबी गहरी सांस लेते हुए उठाएं)
- आप चाहें तो हाथों की पुजिशन को एडजस्ट कर सकते हैं
- अब सिर को हल्का बायां घुमाते हुए पैर की ए़ड़ी को देखें
- ठीक ऐसा ही सिर को दाएं ओर घुमाते हुए पैर की एड़ी को देखें
- ऐसा करने से इंटेस्टाइल में स्ट्रेचिंग होगी, जो खाना पचाने में लाभदायक साबित होगा
6. उदराकर्षण आसन करने की विधि जानें
- इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं
- बाएं पैर को बेंड कर जमीन से सटा दें
- दाएं पैर को बेंड कर ऊपर उठा दें
- अब दाएं हाथं को दाएं पैर पर रखते हुए पीछे की ओर देखें
- ठीक ऐसा ही दूसरे पैर के साथं करें
- अगर आप शौच लगी है या फिर वात त्याग करना चाहते हैं तो जाएं व त्याग करें
ऐसा नियमित तौर पर करेंगे तो दिखेगा लाभ
योगा एक्सपर्ट बताते हैं कि इस आसन तो सही मार्गदर्शन में करेंगे तो निश्चित तौर पर आपको लाभ दिखेगा। शंख प्रक्षालन की प्रक्रिया को छुट्टी के दिन ही करें। क्योंकि उस दिन आपको ड्यूटी पर जाने की जल्दबाजी नहीं होगी। वहीं आप बताई गई इन तमाम आसनों को अच्छे से परफॉर्म कर पाएंगे। इसे करने के बाद आप थकान महसूस करेंगे, लेकिन शरीर का तमाम विशाक्त पदार्थ निकल जाएगा।
खानपान पर दें ध्यान
कोशिश करें कि इंटेस्टाइन डिटॉक्स के लिए आप इन योगासन को अपनाने के साथ खानपान में कम से कम दो दिनों तक फलों का सेवन करें, बॉयल किए हुए सब्जी का सेवन करें, जिसमें न तेल हो व नहीं अदरक-लहसुन आदि हो। नॉन वेज का सेवन न करें। नींबू का पानी, बटर मिल्क का सेवन करें। इसके साथ ही आप पूर्ण रूप से आराम करें, इसके लिए शवासन की मुद्रा में बैठें, मकरासन की मुद्रा में लेटे रहें, निस्पंदभाव की मुद्रा में बैठे रहें। तीसरे दिन से आप ये महसूस करेंगे कि आपमें भरपूर ऊर्जा, सकारात्मक पन है।
एक्सपर्ट के मार्गदर्शन में करें अभ्यास
बता दें कि इसे आजमाने के लिए सबसे पहले आपको एक्सपर्ट का मार्गदर्शन लेना जरूरी होता है। इसके लिए आप चाहें योग प्रशिक्षक से सही ट्रेनिंग लेकर उसे आम दिनचर्या में आजमाकर स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं।
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