क्या : IIIT भुवनेश्वर ने तैयार किया सस्ता वेंटिलेटर।
क्यों : कोरोना से जारी लड़ाई को आसान बनाया।
कोरोना वायरस से प्रकोप के बीच 9 आईआईआईटीयन की एक टीम ने पीपीई और वेंटिलेटर के फायदों को मिलाकर एक विचार तैयार किया है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो मेडिसिन के उनके गुरु डॉ। भक्ति पटेल और आईआईआईटी भुवनेश्वर के तकनीकी मेंटर प्रोफेसर डॉ। सूरज शर्मा के नेतृत्व में सभी टीम के सदस्यों ने हेलमेट विकसित किया है। ये आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर को दिखाने का एक कदम है।
SWASNER जैसा डिवाइस का नामकरण किया गया है, इस पहल के लिए ही OnlyMyHealth's हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड्स में रोगी देखभाल में निर्णायक नवाचार की श्रेणी में नामांकित किया गया है।
नए विचार के साथ तैयार किया ये उपकरण
कोविड-19 जैसी महामारी से लड़ाई के बीच अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में इन 9 आईआईआईटीयन स्वास्नर (SWASNER) टीम ने एक राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन आइडिया चैलेंज, एसटीपीआई (STPI) सेफ इंडिया हैकाथॉन में एक बबल हेलमेट का प्रवेश दिया। ये एक प्रकार का अत्याधुनिक संशओधित हाइपरबेरिक चेंबर डिवाइस था जिसके जरिए ऑक्सीजन मरीज के फेफड़ों में आपूर्ति की जाती है। टीम के सदस्य तपस्विनी पढी के अनुसार, हैकाथॉन न केवल एक प्रतियोगिता थी बल्कि ये भारतीय चिकित्सा उद्योग में बदलाव का एक मौका था। इस मौके की मदद से कोविड-19 जैसी घातक बीमारी के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता था। तपस्विनी पढी ने आगे बताया कि हम इस अवसर पर छठे स्थान पर थे और इसमें हमने 20,000 रुपये की पुरस्कार राशि प्राप्त की।
तपस्विनी ने आगे इस डिवाइस के बारे में बात करते हुए बताया कि हमने एक वेंटिलेटर आदि विकसित करने के कई विचारों के बारे में सोचा था, लेकिन हमारी कोशिश का लक्ष्य एक सस्ता और आरामदायक उपकरण बनाने का था। इस तरह के नए तकनीक वाले उपकरण का संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, फ्रांस जैसे बड़े और विकसित देशों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था। स्वास्नर (SWASNER) की टीम ने आम भारतीय लोगों के लिए इस डिवाइस को एक सस्ता उपकरण बनाने की कोशिश की थी।
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बुलबुले की मदद से काम करता है ये डिवाइस
आपको बता दें कि स्वास्नर (SWASNER) आम लोगों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सरल, सस्ता और आसान तरीका है। इस डिवाइस को अनोखा बनाने के लिए इसे हेलमेट की तरह का एक डिजाइन दिया गया है। यह उपकरण मेडिकल-ग्रेड प्लास्टिक के साथ रोगी के सिर से गर्दन तक को कवर कर सकता है। इसके साथ ही किसी भी रिसाव को रोकने के लिए एक नरम, वायुरोधक कॉलर गर्दन के चारों ओर बुलबुला सील करता है। ट्यूब पोर्ट्स में निर्मित तीन ऑक्सीजन, हवा और आर्द्र हवा (Humidified Air) की आपूर्ति करते हैं। इस डिवाइस में ऑक्सीजन सिलेंडर से कनेक्ट करने की भी अनुमति हैं। वहीं, स्वास्नर का इस्तमाल ज्यादा महत्वपूर्ण रोगियों द्वारा आसानी से किया जा सकता है।
पीपीई किट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है बुलबुला हेलमेट
इतना ही नहीं बल्कि इस डिवाइस को ऑक्सीजन बिंदु से हटाकर एयर पंप से कनेक्ट कर पीपीई किट में भी बदला जा सकता है। आपको बता दें कि पीपीई किट एक फुल बॉडी किट है जो आपको कवर करके आपका संक्रमण और वायरल से बचाव करती है। इसका इस्तेमाल हेल्थवर्कर्स करते हैं जिन्हें दिन में करीब 8 से 9 घंटे पहनना होता है। इस स्थिति में कई हेल्थवर्कर्स और डॉक्टरों ने इस किट में दम घुटने की बात कही है। लेकिन अगर बुलबुले हेलमेट का इस्तेमाल किया जाए तो ये आसानी से निकाला भी जा सकता है और कीटाणुशोधन के बाद फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसकी खासियत ये है कि इसमें आपको मुंह से चिपकाते हुए मुखौटे को नहीं पहनना है और ये नया हेलमेट आपके शरीर को नहीं छूता। इसके साथ ही इस स्वास्नर हेलमेट में हवा की आपूर्ति नियमित रूप से होती रहती है और इसमें किसी को भी दम घुटने की शिकायत नहीं होगा। इस हेलमेट को तैयार करने वाली टीम का यह भी मानना है कि वेंटिलेटर की तुलना में ये हेलमेट पहनने के बाद सांस लेने की दर बेहतर होती है और इससे रोगियों में संक्रमण का खतरा भी कम है। डेवलपर्स की टीम फेस मास्क के फायदों के बार में बताते हैं कि इस डिवाइस में लीक होने की संभावना काफी कम होती है। हेलमेट में हवा के दबाव को बढ़ाने में सक्षम बनाता है, जो वायुमार्ग और फेफड़ों को अच्छी तरह से खुला रखने में आपकी मदद करेगा।
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ओडिशा के कटक अस्पताल में चल रहा है ट्रायल
फिलहाल स्वास्नर (SWASNER) कितना सुरक्षित और कामयाब है इसे लेकर ओडिशा के कटक अस्पताल में परीक्षण चल रहा है। वहीं, इस डिवाइस को बनाने वाली टीम ने कागजी कार्रवाई और लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है। टीम की उम्मीद है कि आने वाले 6 महीने के अंदर इसे वेंटिलेटर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। तपस्विनी पढी कहती हैं कि हम पीपीई किट के हिस्से के रूप में शुरू में इस हेलमेट की मंजूरी लेने के अंतिम दौर में हैं।
आपको बता दें कि इस टीम में तपस्विनी पढ़ी के साथ साई संम्बत नायक, सिद्धार्थ नायक, अनन्या अप्पम्या, जीवितेश देबता, विठ्ठल गुप्ता, नंदकिशोर गुप्ता, दिव्यज्योति दाश और शोवित मित्रा शामिल हैं। जिन्होंने इस डिवाइस को तैयार करने में अपना योगदान किया है।
अगर आप स्वास्नर तैयार करने वाली टीम के नवाचार और नए तकनीक ने प्रेरित किया या स्थानांतरित किया, तो उनके लिए अपना वोट जरूर करें। यहां आप जागरण न्यू मीडिया और OnlyMyHealth's हेल्थकेयर हीरोज अवार्ड्स के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए वोट कर सकते हैं।
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