Category : Awareness Warriors
वोट नाव
कौन : पवित्रा वेंकटागोपालनक्या : कोरोना वायरस से जुड़े झूठ व अफवाहों को मिटाने का काम किया।
क्यों : अफवाहों के चलते समाज को गलत दिशा में जाने से बचाया।
आप सोच रहे होंगे कि यह पवित्रा वेंकटागोपालन कौन है? प्रोफेसर पवित्रा एक रिसर्च स्कॉलर हैं जो कि जागरूकता फैलाने के लिए और आजकल फैलने वाले वायरस की असलियत व इससे जुड़े झूठ व अफवाहों के बीच की रेखा को स्पष्ट करने के लिए आगे बढ़ीं हैं।
यदि कोई ऐसी चीज है जो वायरस से तेजी से फैल रही है तो वह है इसके बारे में झूठी खबरें। कोरोना वायरस अपने साथ ढेर सारी अफवाहें भी ले कर आया है। वायरस से बचने के लिए विभिन्न तरह के घरेलू इलाज, वॉट्सएप के माध्यम से तेजी से फैल रहें हैं। जोकि एक दम गलत हैं। शराब से ले कर गौ मूत्र, गर्म पानी से नहाने से लेकर काढ़ा पीने तक, इस वायरस के न जाने कितने इलाज हम स्वयं से ही बना चुके हैं और यह खबर एक दम झूठ है।
शुरुआत नई पहल की
अतः यह झूठी ख़बरें फैलाने वालों का भी इस महामारी में अच्छा खासा व्यापार चल रहा है। इन्हे खत्म करना भी वायरस के खत्म करने जितना ही आवश्यक है। ओनली माय हेल्थ के अन्तर्गत हेल्थ केयर हीरोज अवॉर्ड के एक नए कदम की पहल की गई है। जिसमें वायरस के बारे में झूठी ख़बरें या अफवाहों को खत्म करने का एक अभियान शामिल है। हमारे अफवाहों को खत्म करने वाले इस अभियान की नॉमिनी हैं, प्रोफेसर पवित्रा वेंकटागोपालन जोकि एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी, चेन्नई से स्कॉलर हैं।
पवित्रा की अनसुनी कहानी
कोरोना वायरस के बारे में पवित्रा 7 साल से निरंतर शोध करने में लगीं हुईं हैं और शायद इसी वजह से आज उसके विषय में सभी जानकारियां व तथ्यों को जान पायीं हैं। पवित्रा वायरस से जुड़ी सभी अफवाहों को सिरे से खारिज करतीं हैं।
वह कहतीं हैं कि,"मैंने इस वायरस के बारे में अपनी पी एच डी में 7 साल तक पढ़ाई व रिसर्च की। परंतु उस समय किसी को इसकी परवाह नहीं थी। और अब अचानक से यह वायरस हमारी हर दिन की खबरों में शामिल हो गया।
6 साल पहले पवित्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट रखा था। परन्तु आज वह हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं और वह भी पब्लिक अकाउंट के साथ क्योंकि उनका मानना है कि लोगों में वायरस के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है।
जागरूकता अभियान का कारण
उनके अनुसार फ़रवरी में इस वायरस से जुड़े बहुत सारे जोक्स प्रचलित हो रहे थे। जिसमें वायरस से सम्बन्धित बहुत सी गलत जानकारियां शामिल थीं। उनको बहुत हैरानी हुई कि क्या लोगों में सच्चे तथ्य जानने की उत्सुकता है भी या नहीं? तभी एक दिन उनके पिताजी ने उन्हें कॉलेज एलुमनी ग्रुप में एक मीटिंग के दौरान जल्दी से कुछ जानकारी प्राप्त करने को बोला।
तमिलनाडु साइंस फोरम में किसी ने उनको बोलते हुए सुन था। इसलिए इस मीटिंग में भी उनको बोलने के लिए कहा गया । वह लेक्चर मीडिया इंटरव्यू, रेडियो व टीवी पर प्रचलित हो गया। जब लोगों ने एक साइंटिस्ट जिसने सच में वायरस के बारे में पढ़ा है उसे बोलते हुए सुना, तो उन्होंने फैले हुए बहुत से झूठे तथ्यों के बारे में जाना।
अजीब सिद्धांतों से पर्दाफाश (बस्टिंग बिजारे थियोरीज)
पवित्रा आस पास फैलने वाली झूठी खबरों को सुन कर हैरान रह गईं। आप को लगता होगा कि यह फॉरवार्ड करना कूल है कि चीन की एक लैब ने वायरस को बनाया है और पूरे विश्व में फैला दिया है परन्तु यह सच नहीं है। यह एक वायरस है जो जानवरों में होता है। चमगादड़ से इंसानों में वायरस फैलना बहुत सामान्य है। यह पहले भी हुआ है और भविष्य में फिर हो सकता है।
जब और अधिक गलत अफवाहें फैलने लगी तो पवित्रा ने भी अपनी सही जानकारियों के माध्यम से उन्हें खत्म किया। वह कहती हैं कि मैं अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर उन्हें सही जानकारी देना चाहती हूं। लोकल न्यूज़ चैनल्स के बाद पवित्रा को मैन स्ट्रीम न्यूज़ चैनल्स पर लाइव आने के भी न्योते मिलने लगे। सोशल मीडिया जैसे यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म ने बहुत सहायता की।
हेल्थ केयर हीरो अवॉर्ड
वह कहतीं हैं कि मेरी बहुत सी वीडियो वायरल होने लगीं और लोग उन्हें शेयर करने लगें। मेरे इनबॉक्स में बहुत अधिक मैसेज आने लगे जिन में से मुख्य थे कि हमने भी आप की वीडियो देखी और वह बहुत अधिक सहायक थी। इस प्रकार पवित्रा को इस पहल में एक हल्की सी जीत महसूस हुई।
आज जब भी वायरस से सम्बन्धित एक्सपर्ट आदि लोगों के बारे में सुनते हैं तो पवित्रा का नाम उनमें से एक होता है। और केवल अपने तक रखने की बजाए पवित्रा ने यह जानकारी पूरे देश तक पहुंचाई।
यदि आप सोचते हैं कि पवित्रा ने बहुत मेहनत की है और उनके मेहनत भरे इस कार्य को जागरुकता वॉरियर्स के अन्तर्गत पुरस्कृत किया जाना चाहिए तो, आप उन्हें जागरण न्यूज मीडिया या ओनली माय हेल्थ , हेल्थ केयर हीरो अवॉर्ड के माध्यम से वोट कर सकते हैं।
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