इंडोर गेम्स की दुनिया में बच्चे अपने मोबाइल और लैपटॉप चिपके रहते हैं और खाने-पीने में जंक फूड का काफी मात्रा में सेवन करते हैं। ऐसे बच्चे जल्दी मोटापे के शिकार हो जाते हैं। वजन बढ़ने के पीछे कारण शारीरिक गतिविधियां कम होने के साथ-साथ जंक फूड और सोडा वाले पेय पदार्थों का सेवन करना है। ऐसे में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इनमें डायबिटीज (मधुमेह), हृदय की बीमारी और दमा शामिल है।
ध्यान दें कि बचपन में बच्चों का मोटापा न सिर्फ सेहत के लिए हानिकारक है बल्कि यह भावनात्मक और मानसिक नुकसान भी पहुंचाता है। ज्यादा वजन के चलते बच्चे अक्सर स्कूल में न खेल में हिस्सा ले पाते हैं और ना ही दौड़ भाग कर पाते हैं। अगर आपके बच्चे अपने बढ़ते वजन से परेशान है या संघर्ष कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए ही हैं। पढ़ते हैं आगे...
बच्चों की मोटापे की समस्या परिवार की सहायता और अच्छे खानपीन व जीवनशैली में आवश्यक बदलाव लाकर ठीक की जा सकती है-
पर्याप्त नीन्द सुनिश्चित कीजिए
माता पिता ध्यान दें कि उनका बच्चा कितने घंटे की नींद ले रहा है। बता दें कि मोटापे का संबंध आंशिक रूप से नींद से भी है। अगर नींद पूरी नहीं होती तो व्यक्ति ज्यादा खाता है और शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहता है।
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स्क्रीन टाइम कम करें
कुछ अध्ययन के अनुसार, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से मोटापा बढ़ता है। इसलिए अपने बच्चे के टीवी देखने, गेम खेलने और वेब सर्फिंग के समय को कम करें। इन सबते लिए केवल दो घंटे काफी हैं। ऐसे समय में उन्हें चिप्स, बर्गर, डेजर्ट जैसी चीजें खाने से भी रोकें।
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सब्जियों की आदत डालिए
अपने बच्चों की डाइट में फल, सब्जियां और साबूत अनाज जोड़ें। अगर बच्चों को यह पसंद नहीं तो परोसने में अपने अंदाज बदलें। यह सब दिलचस्प ढंग से परोसा जाए तो बच्चे खाने में भी दिलचस्पी लेंगे। उदाहरण के रूप में देखा जाए तो आ सब्जियों फलों से इंद्रधनुष बना सकते हैं। इसके अलावा लो फैट दूध या डेरी उत्पाद, चीज़ और दही आदि भी उनकी डाइट में शामिल करें। प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए आप बिना चर्बी वाला मीट, मछली और बीन्स को चुन सकते हैं। साथ ही ध्यान दें कि बच्चा बहुत सारा पानी पीए।
कैलोरी की मात्रा रखें सीमित
अपने बच्चों की डाइट में जंक फूड (ज्यादा वसा (चर्बी) और चीनी को सीमित रखें। कोशिश कीजिए कि खाने के लिए अलग-अलग तरह की चीजें बनाएं जैसे घर में पिज्जा बनाने के लिए गेहूं के पास्ता या गेहूं के बेस का उपयोग करें। इससे उनका कैलोरी इनटेक ज्यादा नहीं होगा।
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शारीरिक सक्रियता जरूरी
शारीरिक गतिविधि से सेहत अच्छी रहती है। इससे ब्लड प्रेशर कम होगा, हड्डियों का मजबूत होना, आत्म डिवलेप होना, तनाव और चिन्ता कम होना और वजन पर नियंत्रण पाना आसान होता है। तीन से पांच साल के बच्चों के लिए जरूरी है कि वे दिन भर एक्टिव रहे। इसी तरह, 6 से 17 साल तक के बच्चे को रोज 60 मिनट तक फीजिकल एक्टिविटीज करनी चाहिए। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे शारीरिक तौर पर सक्रिय रहें तो उनकी दिनचर्या में योग्य, नृत्य, दौड़ना, कूदना आदि गतिविधियों को जोड़ें। इससे ने केवल बच्चों का शरीर में लचीलापन आता है बल्कि कैलोरी का स्तर भी घटता है।
( ये लेख डॉ. लिनि बालाकृष्णन, कंसलटेंट शिशु रोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, सरजपूर, बैंगलोर से बातचीत पर आधारित है।)
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