FSSAI ने स्कूलों के आसपास चिप्स, बर्गर, कोला जैसे अनहेल्दी फूड्स बेचने पर लगाया बैन, बताया सेहत के लिए खतरनाक

FSSAI की नई गाइडलाइन्स के अनुसार अब स्कूल कैंपस के अंदर और स्कूल के 50 मीटर की रेंज में जंक फूड्स और अनहेल्दी फूड्स नहीं बेचे जा सकेंगे।
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FSSAI ने स्कूलों के आसपास चिप्स, बर्गर, कोला जैसे अनहेल्दी फूड्स बेचने पर लगाया बैन, बताया सेहत के लिए खतरनाक

स्कूल की कैंटीन में या स्कूल के आसपास की दुकानों में अब चिप्स, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स जैसे अनहेल्दी फूड्स नहीं बिका करेंगे। Food Safety and Standards Authority of India यानी FSSAI ने स्कूलों में इस तरह के फूड प्रोडक्ट्स बेचने पर बैन लगा दिया है। इसके लिए FSSAI ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें लिखा गया है कि स्कूली बच्चों को अनहेल्दी फूड्स बेचना गलत है। इसलिए स्कूल के कैंपस के अंदर और स्कूल के गेट के 50 मीटर की रेंज में कोई भी व्यक्ति इस तरह के फूड आइटम्स नहीं बेच सकेगा।junk foods ban in school

इन फूड प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर भी लगा दी गई है रोक

सिर्फ बेचना ही नहीं, बल्कि FSSAI के नोटिफिकेशन के अनुसार स्कूलों के आसपास इस तरह के अनहेल्दी फूड्स के विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है। FSSAI के निर्देशों के अनुसार कोई भी हाई फैट, हाई शुगर और हाई सॉल्ट वाले फूड प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनी या जंक फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर, चिप्स आदि बनाने वाली कंपनी स्कूल कैंपस या इसके 50 मीटर के एरिया में विज्ञापन नहीं कर सकेगी।

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FSSAI ने क्या कहा?

FSSAI ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि बच्चों के लिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट बहुत जरूरी है, ताकि उनकी मानसिक क्षमता विकसित हो सके, वो स्वस्थ रहें और विकास करें। इसी उद्देश्य से Food  Safety and  Standards  (Safe  Food and  balanced diets for Children in School) Regulations, 2020 में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। इसके बाद नोटिफिकेशन में नई गाइडलाइन्स को लेकर 10 प्वाइंट्स हैं। जिनमें मुख्य प्वाइंट्स इस प्रकार हैं-

  • हाई सैचुरेटेड फैट या ट्रांसफैट या ऐडेड शुगर या सोडियम वाले फूड्स को स्कूल की कैंटीन/मेस/कैंपस/हॉस्टल किचन में या स्कूल के गेट के 50 मीटर की दूरी पर नहीं बेचा जा सकेगा।
  • स्कूल बच्चों को सेफ फूड और बैलेंस डाइट के लिए प्रेरित करने के लिए कैंपस में प्रोगाम्स आयोजित करें और बच्चों को हेल्दी फूड्स, लोकल फूड्स, सीजनल फूड्स आदि के बारे में बताएं।

  • सभी स्कूल National Institute of Nutrition (NIN) के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन्स के आधार पर सुरक्षित और संतुलित आहार को प्रमोट करें। इशके लिए न्यूट्रीशनिस्ट्स और डायटीशियन्स की भी मदद ली जा सकती है।
  • स्कूल के कैंपस में अंग्रेजी और किसी एक अन्य भारतीय भाषा में एक बोर्ड लिखकर लगाना होगा, जिसमें लिखा होगा, "Do not sell (including free sale or market or advertise) the food products high in saturated fat or trans-fat or added sugar  or  sodium  within school premises or  campus"
  • जंक फूड्स और प्रॉसेस्ड फूड्स बनाने वाली कंपनियां स्कूल के कैंपस में या उसके आसपास के 50 मीटर की रेंज में किसी भी तरह का ब्रांड प्रमोशन, लोगो, पोस्टर आदि का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।

FSSAI के फैसले का हो रहा है विरोध

FSSAI द्वारा किए गए इस फैसले का तमाम व्यापारिक संगठन और विज्ञापन कंपनियां विरोध कर रही हैं। आपको बता दें कि बच्चों के फूड प्रोडक्ट्स के विज्ञापन का मार्केट ही भारत में 7,000 करोड़ से ज्यादा का है। हालांकि अभी सिर्फ स्कूल कैंपस और इसके आसपास ही विज्ञापन करने पर रोक लगाया गया है। लेकिन इन फूड प्रोडक्ट्स को बेचने और विज्ञापन करने पर बैन लगाने से बहुत सारी छोटी-बड़ी कंपनियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा।

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