छुट्टी के दिन अक्सर बच्चे कुछ अलग खाने की मांग करते हैं। आजकल बच्चों में पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चाउमीन, मोमोज जैसे जंक फूड्स खाने की आदत बहुत बढ़ गई है। यह तो आप जानते ही हैं कि जंक फूड्स से बच्चों में मोटापा बढ़ता है। मगर हाल में हुई एक रिसर्च बताती है कि ज्यादा जंक फूड्स खाने से बच्चों में एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है और उनकी याददाश्त में कमी आती है। छोटी उम्र के बच्चे, जो स्कूल जाते हैं, यानी जिनका मानसिक विकास तेजी से हो रहा है, उनमें जंक फूड्स की आदत बहुत खतरनाक हो सकती है। इससे बच्चों का मानसिक विकास रुक सकता है और उसका दिमाग कमजोर हो सकता है। आइए आपको बताते हैं जंक फूड्स किस तरह बच्चों के स्वास्थ्य पर डालते हैं बुरा असर।
जंक फूड्स से बच्चों में एलर्जी का खतरा
ये रिसर्च 'यूरोपियन सोसायटी फॉर पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी हेपैटोलॉजी एंड न्यूट्रीशन' के वार्षिक सम्मेलन में सामने रखी गई। रिसर्च के अनुसार ऐसे फूड्स जिनमें चीनी की मात्रा बहुत अधिक हो, नमक की मात्रा बहुत अधिक हो, प्रॉसेस्ड हो, माइक्रोवेव में बनाया या गर्म किया गया हो या बार्बेक्यू में रोस्ट किया गया हो, इन सभी फूड्स से बच्चों को एलर्जी हो सकती है। इन सभी आहारों में 'फूड्स में एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs)' की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे बच्चों को एलर्जी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें:- बच्चों के लिए कितना फायदेमंद है ध्यान करना? इस तरह बच्चों को सिखाएं ध्यान
कम उम्र में डायबिटीज और हड्डी रोगों का खतरा
ज्यादा (AGEs) वाले आहार जैसे- पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, डोनट्स, कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा, चाउमीन आदि के ज्यादा सेवन से ऑक्सिडेटिव वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों में डायबिटीज प्रमुख है। इसके अलावा लंबे समय तक इस तरह के फूड्स खाते रहने से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
6 से 12 साल के बच्चों पर रिसर्च
इस रिसर्च के लिए 6 से 12 साल की उम्र के 61 बच्चों के बारे में अध्ययन किया गया। इनमें बच्चों को 3 कैटेगरीज में बांटा गया, पहली कैटेगरी में ऐसे बच्चे थे, जिन्हें पहले से फूड एलर्जी है, दूसरी कैटेगरी में ऐसे बच्चों को शामिल किया गया, जिन्हें सांस की बीमारी है और तीसरी कैटेगरी में उन बच्चों को रखा गया, जो पूरी तरह स्वस्थ थे। रिसर्च के बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बच्चों के लिए जंक फूड्स की आदत हर तरह से खराब है।
इसे भी पढ़ें:- क्या है 'चमकी बुखार' या एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम, जानें इसके शुरुआती लक्षण और खतरे
याददाश्त होती है कमजोर
सप्ताह में 1-2 बार जंक फूड्स खाने वाले बच्चों का मस्तिष्क कमजोर होता है और मानसिक विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता है। दरअसल जंक फूड्स स्वादिष्ट लगते हैं और इन्हें खाने से पेट भी भर जाता है, मगर इनमें पोषक तत्व बिल्कुल नहीं होते हैं। शरीर को स्वस्थ रहने के लिए रोजाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स आदि चाहिए। जंक फूड्स में ये सभी चीजें बहुत कम पाई जाती हैं या बिल्कुल नहीं पाई जाती हैं। इसलिए ये मस्तिष्क को खराब करता है।
Read more articles on Children Health in Hindi
Read Next
बच्चों में किडनी रोग के ये 5 लक्षण पहचानें, जानें माता-पिता इन रोगों से बचाव के लिए क्या करें?
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version