How To Prevent Placenta Previa In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को प्लेसेंटा प्रीविया की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में प्लेसेंट यूट्रस सर्विक्स को आंशिक रूप से या पूरी तरह से ढक लेता है। आपको बता दें कि प्लेसेंटा एक ऑर्गन होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भाशय के अंदर डेवेलप होता है। इसके जरिए गर्भ में पल रहे शिशु तक सभी जरूरी तत्व पहुंचते हैं। यहां तक कि प्लेसेंटा के जरिए गर्भनाल के माध्यम से ही शिशु तक ऑक्सीजन सप्लाई भी होती है। इसलिए, बहुत जरूरी है प्लेसेंटा से संबंधित किसी तरह की समस्या न हो, ताकि शिशु की ग्रोथ बाधित न हो। बहरहाल, प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को प्लेसेंटा प्रीविया की समस्या हो जाती है। सवाल है, इससे बचा जा सकता है? आइए, जानते हैं कि इस संबंध में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है?
क्या प्लेसेंटा प्रीविया से बचाव संभव है?
सबसे पहले आप यह जान लें कि प्लेसेंटा प्रीविया से बचाव किया जाना संभव नहीं है। clevelandclinic वेबसाइट की मानें, तो न ही प्लेसेंटा प्रीविया से बचाव किया जा सकता है, बल्कि किसी तरह की सर्जीकल या मेडिकल प्रोसीजर की मदद से इसमें सुधार किया जा सकता है। यही कारण है कि एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इसके होने के जोखिम कारक पर काम किया जाना चाहिए, ताकि रिस्क को कम किया जा सके।
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प्लेसेंटा प्रीविया के जोखिम को कैसे कम करें
स्मोकिंग न करें
किसी भी गर्भवती महिला को स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्मोकिंग यानी धूम्रपान करने से गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य और विकास बाधित हो सकता है। इसी तरह, जो महिलाएं गर्भावस्था में धूम्रपान करती हैं, उनमें प्लेसेंटा प्रीविया का जोखिम भी बढ़ जाता है। जब महिलाएं कंसीव करना चाहती हैं, तो उन्हें गर्भधारण करने से करीब 2-3 महीने पहले से ही स्मोकिंग करना छोड़ देना चाहिए। इससे हेल्दी प्रेग्नेंसी कंसीव करने की संभावना दर बढ़ती है।
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दो प्रेग्नेंसी के बीच गैप रखें
हालांकि, प्रेग्नेंसी के बीच कम गैप करने से यह इस बात सुनिश्चित नहीं हो जाती है कि अगली प्रेग्नेंसी में महिला को प्लेसेंटा प्रीविया की समस्या नहीं होगी। डॉक्टर्स का कहना है कि दो प्रेग्नेंसी के बीच पर्याप्त गैप रखने से अगली प्रेग्नेंसी के हेल्दी होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि प्लेसेंटा प्रीविया का रिस्क भी कम हो जाता है।
रिस्क फैटर पर ध्यान दें
हर गर्भवती महिला को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होना चाहिए। अगर पहली प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा प्रीविया की समस्या हुई है, तो उन्हें अगली प्रेग्नेंसी में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। उन फैक्टर्स से दूर रहना चाहिए, जो प्लेसेंटा प्रीविया के रेस्पॉन्सिबल हो सकती हैं। इस संबंध में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।