बारिश और धूप की वजह से कई तरह के संक्रमण फैलने लगे हैं। इन दिनों आंखे आने (Conjunctivitis) की समस्या बेहद ही आम हो गई है। इस समस्या में आंखों गुलाबी हो जाती है। यह एक संक्रमण रोग होता है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बेहद तेजी से फैलता है। इन दिनों लोगों में आंखे आने की समस्या तेजी से फैली रही है। इस समस्या में आंखों में जलन और पानी आने लगता है। यह रोग बच्चों को होने की संभावना भी अधिक होती है। यदि बच्चे को यह रोग हो जाए, तो उसकी वजह घर के अन्य लोगों परेशान हो सकते हैं। इस लेख में श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल की डॉक्टर मनीषा अग्रवाल से जानते हैं कि आंखों आने के क्या कारण होते हैं और इस समस्या से बच्चों का कैसे बचाव कर सकते हैं।
छोटे बच्चों में आंख आने के कारण - Causes Of Conjunctivitis In Toddlers in Hindi
वायरल संक्रमण
वायरल इंफेक्शन बच्चों में कंजक्टिवाइटिस का सबसे आम कारणों में से एक है। यह संक्रामक होता है। इंफेक्टेड ड्रॉप लेट्स या दूषित जगहों के संपर्क से आने से कंजक्टिवाइटिस आसानी से फैल सकता है।
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बैक्टीरियल इंफेक्शन
बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी बच्चों में कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। बैक्टीरिया के कुछ प्रकार, जैसे स्टैफिलोकोकस या स्ट्रेप्टोकोकस, इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस भी संक्रामक होता है और संक्रमित आंखों के तरल के संपर्क आने से यह फैल सकता है।
एलर्जिक रिएक्शन
एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस तब होता है जब बच्चे पराग, पालतू जानवरों के रूसी, धूल के कण, या धूम्रपान या इत्र जैसे एलर्जिक चीजों के संपर्क में आते हैं। कंजंक्टिवा, आंख के सफेद हिस्से को ढकने वाली पतली झिल्ली, सूज जाती है, जिससे आंखों में लाली, खुजली और पानी आने लगता है।
शैंपू व साबुन के कारण
कभी-कभी, बच्चों में कंजक्टिवाइटिस कैमिकल्स, शैंपू, साबुन जैसे जलन पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने से उत्पन्न हो सकता है। कई बार गलती से यह आंखों में चले जाते हैं। जिससे यह जलन पैदा करने वाले तत्व कंजंक्टिवा में सूजन पैदा कर सकते हैं। इसके कारण आंखे गुलाबी हो जाती हैं।
ब्लॉक टियर डक्ट
कुछ मामलों में, बच्चों में आंसू नलिकाओं के अवरुद्ध (ब्लॉक टियर डक्ट) होने के कारण कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। जब आंसू नलिकाओं में रुकावट आती है, तो आंसू ठीक से नहीं निकल पाते, जिससे आंसू जमा हो जाते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
छोटे बच्चों का कंजक्टिवाइटिस से कैसे बचाव करें - How To Prevent Conjunctivitis in Toddlers In Hindi
स्वच्छता बनाए रखें
अपने बच्चे के लिए स्वच्छता बनाएं रखें। बच्चे को नियमित रुप से हाथ धोने के बाद ही उसे आंख छूने के लिए कहें। उन्हें अपनी आंखों को छूने से बचना सिखाएं, खासकर यदि वे अन्य बच्चों के साथ खेल रहे हों या ऐसी जगह को छू रहे हों, जिनमें बैक्टीरिया या वायरस हो सकते हैं।
पर्सनल चीजों को शेयर न करें
अपने बच्चे को कहें कि वह घर में अन्य सदस्यों का तौलिए या आई ड्रॉप जैसी निजी वस्तुएं यूज न करें। इन वस्तुओं को शेयर करने से एक बच्चे से दूसरे बच्चे में संक्रमण आसानी से फैल सकता है।
खिलौनों को साफ और बैक्टीरिया मुक्त रखें
अपने बच्चे के खिलौनों को बार-बार साफ करें, जिससे उनमें बैक्टीरिया न रहे। खासकर यदि वे बीमार हों या अन्य बच्चों के संपर्क में हों। यह सावधानी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन फैलने की संभावनाओं को काफी हद तक कम करने में मदद करती है।
एलर्जी को दूर रखें
यदि आपके बच्चे को एलर्जी जैसे कंजक्टिवाइटिस पहले हो चुकी है, तो ऐसे में बच्चे को बाहर से आने के बाद हाथ पैरों को सैनिटाइज करने की सलाह दें। इसके अलावा, घर के अंदर के वातावरण को धूल और पालतू जानवरों की रूसी से मुक्त रखें, और एलर्जी के मौसम में बच्चों का खास ध्यान रखें।
आंखों के संक्रमण का तुरंत इलाज कराएं
यदि आपका बच्चे को कंजक्टिवाइटिस हो जाता है, तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं। इसमें डॉक्टर इंफेक्शन को कम करने के लिए जो दवाएं दें। उनका सेवन बच्चे के कराएं।
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बारिश के बाद इस तरह की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चे की आंखों का ख्याल रखें। यदि बच्चे को कंजक्टिवाइटिस हो गया हो, तो उसे आराम करने के लिए कहें। साथ ही, यदि बेहद आवश्यक हो तो उसे घर से बाहर जाते समय चश्मा पहनने के लिए कहें।