Doctor Verified

Cancer Prevention: इलाज के बाद दोबारा हो सकता है कैंसर का खतरा, बरतें ये 5 सावधानियां

इलाज के बाद दोबारा कैंसर का खतरा होता है, इससे बचने के लि‍ए आपको जरूरी सावधान‍ियां बरतनी चाह‍िए   
  • SHARE
  • FOLLOW
Cancer Prevention: इलाज के बाद दोबारा हो सकता है कैंसर का खतरा, बरतें ये 5 सावधानियां

कैंसर (Cancer) एक जानलेवा बीमारी है। सही समय पर इलाज और स्‍कैनिंग के जर‍िए हम बीमारी के खतरे को कम कर सकते हैं पर ऐसा नहीं है क‍ि इलाज के बाद कैंसर के सैल्‍स पूरी तरह से नष्‍ट हो जाते हैं ये फि‍र से शरीर में ग्रो कर सकते हैं। ऐसा नहीं कहा जा सकता है क‍ि क‍िसी व्‍यक्‍त‍ि के कैंसर का सफल ट्रीटमेंट होने के बाद उसे दोबारा कैंसर नहीं हो सकता। शरीर की रोग प्रत‍िरोधक क्षमता अगर अच्‍छी नहीं है या आप अन्‍य गंभीर बीमार‍ियों के श‍िकार हैं तो कैंसर दोबारा शरीर में फैल सकता है। शरीर की जो कोश‍िकाएं पूरी तरह से कंट्रोल के बाहर हो जाती हैं और उन पर शरीर का कोई न‍ियंत्रण नहीं रहता उनमें कैंसर की कोश‍िकाएं दोबारा बन सकती हैं, हमारे शरीर में कोश‍िकाएं स‍िर के बाल से लेकर पैर के नाखून तक होती हैं इसल‍िए आपको कुछ जरूरी सावधान‍ियां बरतनी चाह‍िए ताक‍ि कैंसर दोबारा लौटकर न आए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के लि‍ए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

medical test

image source:google

1. दोबारा कैंसर होने के खतरे से बचने के ल‍िए जांच करवाते रहें (Medical tests)

अगर आपको एक बार कैंसर हो चुका है तो आप इस बात को अच्‍छी तरह से जानते हैं क‍ि शरीर के अंगों में कैंसर बहुत जल्‍दी फैल जाता है। अगर आपको एक बार कैंसर हो चुका है तो आप जांच प्रक्र‍िया को बेहतर तरीके से समझते ही होंगे। आपको समय-समय पर कोलोनोस्‍कोपी व डॉक्‍टर की सलाह पर एमआरआई या सीटी स्‍कैन करवाते रहना चाह‍िए। मह‍िलाओं को 40 उम्र के बाद मेमोग्राम और पैपस्‍मीयर टेस्‍ट समय-समय पर करवाते रहना चाह‍िए। वहीं ब्‍लड की बायोकैमेस्‍ट्री जांच भी करवानी चाह‍िए।

इसे भी पढ़ें- फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती लक्षण है लगातार खांसी, डॉक्टर से जानें कैसे करें इस खांसी की पहचान

2. योग और फ‍िजिकल वर्कआउट (Yoga and exercise)

कैंसर सरवाइवर्स को अपने रूटीन में योग को शाम‍िल करना चाह‍िए। कैंसर के ट्रीटमेंट (Cancer treatment) से लोगों को ज्‍यादा थकान महसूस होने लगती है ज‍िसके चलते उन्‍हें इंटेंस वर्कआउट करने की सलाह नहीं दी जा सकती। आपका कैंसर का इलाज हो चुका है तो ऐसा नहीं है क‍ि आप कैंसर के खतरे से बाहर हैं, कैंसर से बचाव के ल‍िए आपको अपने रूटीन में हल्‍के व्‍यायाम, वॉक‍िंग और योग को शाम‍िल करना चाह‍िए। आप अपने रूटीन के ह‍िसाब से मेड‍िटेशन भी कर सकते हैं। इससे आपका स्‍ट्रेस लेवल बढ़ेगा नहीं। कैंसर के इलाज के बाद मानस‍िक और शारीर‍िक तौर पर शरीर कमजोर हो जाता है ज‍िसे फ‍िर नई ताकत देने के ल‍िए योग करना चाह‍िए।

3. प्‍लेट के 60 प्रत‍िशत ह‍िस्‍से में रखें फल और सब्‍ज‍ियां (Fruits and vegetables)

आपको कैंसर से बचने के ल‍िए अपनी डाइट में जरूरी बदलाव करने चाह‍िए। हर द‍िन फल और ताजी सब्‍ज‍ियों को अपनी डाइट में शाम‍िल करें। आपको मोटे अनाज को अपनी डाइट में शाम‍िल करना चाह‍िए। वहीं एल्‍कोहल व धूम्रपान का सेवन कैंसर सैल्‍स को बढ़ावा दे सकती है इसल‍िए भूलकर भी इन चीजों का सेवन न करें। अपना एक डाइट चार्ट बनाएं और प्‍लेट में 60 प्रत‍िशत ह‍िस्‍सा फल और सब्‍ज‍ियों को दें। आपको तेल, मसालेदार भोजन से परहेज करना चाह‍िए और रूटीन के मुताब‍िक खाने के समय फ‍िक्‍स कर लेना चाह‍िए।

4. कैंसर के इलाज के बाद हेल्‍दी वेट मेनटेन करें (Healthy weight)

cancer prevention tips

image source:herstepp.com

कैंसर के इलाज के बाद मरीज का वजन तेजी से घट सकता है या बढ़ सकता है। हालांक‍ि मह‍िलाओं में वजन बढ़ने के लक्षण ज्‍यादा देखे जाते हैं। इस समस्‍या को दूर करने के लि‍ए आपको हल्‍का भोजन लेना चाह‍िए। अपनी डाइट में डॉक्‍टर से सलाह लेकर प्रोटीन एड करें, कैंसर के इलाज के बाद आपको बॉडी को डि‍हाइड्रेट नहीं होने देना है क्‍योंक‍ि आपके शरीर पर पहले से ही दवा का असर होगा अगर आप पर्याप्‍त मात्रा में पानी का सेवन नहीं करेंगे तो शरीर में थकान के लक्षण नजर आएंगे। बॉडी वेट मेनटेन करने के लि‍ए आप कॉर्ड‍ियो वर्कआउट भी चुन सकते हैं।

इसे भी पढ़ें- कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली टारगेटेड थेरेपी के फायदे, नुकसान और जरूरी सावधानियां 

5. घरेलू नुस्‍खों से बचें (Avoid home remedies)

कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, आप अपनी मर्जी से क‍िसी देसी दवा या इलाज को न अपनाएं, कौनसी चीज आपके शरीर पर कैसे र‍िएक्‍ट करेगी इसकी जानकारी केवल डॉक्‍टर दे सकते हैं। कैंसर के इलाज के बाद डॉक्‍टर आपकी डाइट और रूटीन का चार्ट आपको देंगे उसके मुताबिक ही आप सामान्‍य जीवनशैली में लौटें, आपको इलाज के बाद और भी ज्‍यादा सतर्क रहने की जरूरत है क्‍योंक‍ि कैंसर सैल्‍स क‍िसी छोटी गलती के कारण भी दोबारा पैदा हो सकते हैं इसल‍िए अपनी दवा समय पर लें, घरेलू नुस्‍खों से बचें, हेल्‍दी डाइट का पालन करें। 

कैंसर के इलाज के बाद आप अपनी डाइट और रूटीन चार्ट से जुड़े सवालों को अपने डॉक्‍टर से क्‍लीयर करें और इलाज के बाद पॉज‍िट‍िव रहें और सावधान‍ियां बरतें। 

main image source:google

Read Next

रीढ़ की हड्डी कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

Disclaimer