कहते हैं सुनना भी एक कला है। आज के समय में इस कला को लोग भूलने लगे हैं। तो क्यों ना फिर इस कला को चमकाया जाए। एक अच्छा श्रोता बनने के लिए कुछ चीजों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी होता है, जिससे भविष्य में कोई बड़ा नुकसान उठाना ना पड़े। पढ़ते हैं आगे...
अपने परिवार की जरूर सुनें
- बिजी शेड्यूल में अपने परिवार के लिए समय निकालना थोड़ा सा मुश्किल है। ऐसे में आपका काम है कि आप दोनों चीजों को मैनेज करें।
- आपके परिवार का कोई भी सदस्य जैसे पति/पत्नी, माता/पिता, सास/ससुर या कोई अन्य घरेलू सहायक आपसे बात करने की कोशिश कर रहा है तो आप कुछ समय के लिए मोबाइल की स्क्रीन से अपना ध्यान हटा कर उनकी बातों पर ध्यान लगाएं।
- अगर कोई आपसे किसी विषय पर कुछ सवाल पूछ रहा है तो धैर्यपूर्वक उसका जवाब दें।
- पूरी बात ध्यान से सुने बिना टालने वाले अंदाज में ठीक है कहने की आदत से बचें।
- खासतौर पर जब बच्चे आपसे अपनी पढ़ाई, स्कूल, खेलकूद, दोस्तों के बारे में बात कर रहे हो तो इन बातों में भी पूरी दिलचस्पी लें।
- इससे आपको उनके व्यक्तित्व को समझने का मौका मिलेगा और उनके साथ जुड़े भावनात्मक रिश्ते में भी मजबूत आएगी।
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प्रोफेशनल लाइफ में भी सुनना जरूरी
- करियर में अगर सफलता चाहते हैं तो अपने ऑफिस में सहकर्मियों, अधीनस्थों और बॉस के साथ हर कर्मचारी का सही तालमेल होना जरूरी है।
- ऐसे में सभी की बातों को ध्यान से सुनना भी हमारे काम के अंतर्गत आता है।
- अगर आप किसी की बातों से अहमत हैं तो विनम्रता से अपनी असहमति प्रकट करें। इससे सामने वाले को बुरा भी नहीं लगेगा और आप अपनी बात आसानी से कह पाएंगे।
- बता दें कि इसके लिए आजकल मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स को सॉफ्ट स्किल्स के साथ-साथ इंप्रेशन मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
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सामाजिक संबंधों में मजबूती के लिए सुनना जरूरी
- चाहे आप किसी से मिलने जाएं या नौकरी के लिए इंटरव्यू दें, वहां सामने बैठा व्यक्ति जब आपसे कुछ पूछ रहा है तो आप उसकी बातों में कितनी रूचि ले रहे हैं इस पर लोग बहुत ध्यान देते हैं।
- कभी-कभी सही जवाब देने के बाद भी व्यक्ति को हायर नहीं किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर बोर्ड में बैठे सदस्यों को ऐसा लगा कि आप उनकी बातें ध्यान से नहीं सुन रहे हैं तो इसका गलत इंप्रेशन पड़ता है। और इससे आपके करियर पर भी प्रभाव पड़ता है।
- अगर आपके घर पर कोई रिश्तेदार आपसे मिलने आए और उसे आपको हर बात बहुत डिटेल में बताने की आदत हो तो आप धैर्य पूर्वक उसकी बातें सुनें।
- अगर आपके पासस समय नहीं है तो भी उसके सामने बेरुखी प्रकट न करें।
- आप उसे शालीनता के साथ मना कर दें और कहें कि अभी मुझे देर हो रही है बाद में आराम से बात करते हैं। साथ ही उन्हें समय दे दें।
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