
वैसे तो स्पोर्ट्स कोई सा भी हो बच्चे का उसमें रुचि लेना बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन यदि बच्चा किसी भी एक हॉबी में ज्यादा दिन तक मन नहीं लगा पाता और वह उसे बार-बार बदलता है तब बच्चे को समझाना जरूरी है। आमतौर पर बच्चा आजकल हर तरह की हॉबी में परफेक्ट होना चाहता है। लेकिन कुछ बच्चे कई बार शौकिया जोश में आ कर पहले तो क्लास ज्वाइन कर लेते हैं फिर कुछ समय बाद उसके शौक या उस खेल से उसका मन भर जाता है। इस स्थिति में माता पिता को काफी निराशा होती है और वह अपने समय और पैसे की बर्बादी के ताने बच्चे को देने लगते हैं। जिससे बच्चे की मानसिक सेहत पर काफी असर पड़ता है। अगर ऐसी ही स्थिति आप भी फेस कर रहे हैं तो इन टिप्स का प्रयोग करें।
उनकी बात भी सुनें
उनसे एक बार जरूर पूछें कि वह क्यों इस खेल को छोड़ना चाहते हैं। हो सकता है उनके भी अपने अलग कारण हो। कई बार बच्चा दूसरे बच्चों के द्वारा मजाक बनाने के कारण ऐसा करना चाहता है। हो सकता है किसी बच्चे से झगड़ा हो रहा हो। इस बात की जड़ तक जरूर जाएं और अपने बच्चे को इतना कंफर्ट महसूस कराएं कि वह आपको सब कुछ बता सके। आप चाहें तो यह सब जानने के बाद बच्चे के टीचर के साथ भी एक बार मिल सकती है। इससे सारी स्थिति के बारे में पता चल सकता है।
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फेल होने का डर निकालें
कई बार जब भी बच्चों को किसी काम के लिए कड़ी मेहनत या प्रैक्टिस करनी होती है तो वह उस काम को छोड़ देना ही अच्छा मानते हैं। अपने बच्चों के मन से हार जाने का डर निकालें और उन्हें मन की शक्ति और विल पावर मज़बूत रखने के लिए समझायें। उन्हें महान लोगों की सफलता की कहानियां सुनाएं। उन्हें चुनौतियां लेना और उन पर खरे उतरना सिखाएं। उन्हें यह बताएं कि जब चीजें ज्यादा मुश्किल होती हैं तब आपको उन्हें छोड़ने की बजाए और अधिक मेहनत करनी चाहिए ताकि उनके नतीजे भी बेहतरीन मिल सकें।
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उन्हें समझाएं एकाग्रता का महत्व
अगर बच्चा केवल बोरियत के कारण यह सब छोड़ना चाहता है तो उसे बताएं कि किसी एक चीज पर फोकस करना और उसे नियमित बनाए रखना कितना ज्यादा जरूरी होता है। कई बार बच्चे अपने दोस्तों की नकल करके भी खेल छोड़ देते हैं। उन्हें बड़े बड़े लोगों और उनकी खेल के प्रति निष्ठा का उदाहरण देते हुए बच्चों को सफलता की कहानियां सुनाएं। इससे बच्चों को एक बात पर टिकने में मदद मिलेगी और उन्हें प्रैक्टिस करने में भी एक प्रकार की मोटिवेशन मिलेगी।
अगर आप इन सभी पेरेंटिंग सुझावों का प्रयोग करेंगे तो आपको अपने बच्चे से जुड़ने में मदद मिलेगी। आपके बच्चे आपके काफी करीब हो सकते हैं। इससे उन्हें हार न मानने में और अपना पैशन फॉलो करने में मदद मिलेगी। बच्चों को मेहनत करने की परिभाषा सिखाएं।
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