अगर आपका बच्चा अकेला रहना पसंद करता है या उसका कोई दोस्त नहीं है, तो ये एक समस्या वाली बात है क्योंकि कोई दोस्त न होना आपके बच्चे के मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है क्योंकि ज्यादातर बच्चों के पास अपनी बातें शेयर करने के लिए कोई व्यक्ति नहीं होता है और बच्चे एक उम्र के बाद अपनी हर बात पेरेंट्स को बता नहीं सकते हैं। ऐसे में आप बच्चों को दोस्ती के मायने सिखाएं कि दोस्ती किसी भी व्यक्ति की जिंदगी का एक खास रिश्ता होता है। इससे हमें बहुत सी बातें सीखने को मिलती हैं। बच्चों को बताएं कि दोस्ती में हमें सॉरी, थैंक्यू, प्लीज भी बोलना होता है क्योंकि आपकी कुछ बातें आपके दोस्त को बुरी लग सकती हैं, तो चलिए जानते हैं कि आप अपने बच्चे के लिए नए दोस्त बनाने में मदद कैसे कर सकते हैं।
1. चीजों को शेयर करना सिखाएं
आप बच्चों को बताएं कि चीजों को आपस में बांटकर लेना एक अच्छे व्यक्ति की निशानी होती है। साथ ही वो शेयरिंग के जरिए भी नए दोस्त बना सकते हैं। वो अपने जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहते हैं, उसके साथ अपनी रबर, पेंसिल और खाना शेयर कर सकते हैं। इससे वो आपके करीब आ सकता है और जल्द ही आपका दोस्त भी बन सकता है।
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2. बोलने का सही तरीका सिखाएं
पेरेंट्स अपने बच्चों को शालीन तरीके से बोलना सिखाएं। उनको बताएं कि अपने क्लासमेट से मिलते समय आप उनसे मिठास के साथ बात करें। इससे उनका रिश्ता क्लासमेट के साथ बेहतर होगा। साथ ही आपका बच्चा जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहता है। उससे रोजाना हाय-हेलो करता रहे। इससे आपके बच्चे की दोस्ती उससे गहरी हो सकती है।
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3. पढ़ाई में आगे रहना सिखाएं
आप अपने बच्चे को पढ़ाई में होशियार बनाएं। आप उनको रोजाना पढ़ाएं और उनकी मदद करने के लिए ओरल और राइटिंग टेस्ट लें। बच्चों को बताएं कि अगर आप पढ़ाई में अच्छे होंगे, तो पूरी क्लास आपसे दोस्ती करना चाहेगी। क्लास के बच्चे आपसे पढ़ाई के लिए सहायता चाहेंगे और आपसे टेक्ट बुक मांगेंगे। ऐसे में आप जिस क्लासमेट से दोस्ती करना चाहते हैं, उस क्लासमेट से भी दोस्ती कर सकते हैं।
4. खेल में आगे रहना सिखाएं
पेरेंट्स अपने बच्चों को सिखाएं कि जीवन में खेल-कूद का भी महत्व होता है और खेल-खेल में आप दोस्त भी बना सकते हैं। बच्चों को बताएं, आप अपने खेल में सुधार करें, जिससे हर बच्चा आपको अपनी टीम में लेना चाहेगा। उसे समझाएं कि अगर आपका खेल में प्रर्दशन खराब होता है, तो बाकी बच्चे आपको अपनी टीम में लेने से कतराते हैं।
5. दूसरों की इज्जत करना सिखाएं
माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे पहले गुरु होते हैं। इसलिए ये आपका दायित्व है कि आप अपने बच्चे को दूसरे व्यक्ति की इज्जत करना सिखाएं। उनको समझाएं कि दूसरों का बात-बात पर मजाक उड़ाना सही बात नहीं होती है, इससे उनको बुरा लग सकता है। उनको सिखाएं कि आपको दूसरों की भावना का सम्मान करना चाहिए। आपको उनसे वैसे ही व्यवहार करना चाहिए, जैसा आप अपने लिए चाहते हैं।
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6. दूसरों की मदद करना सिखाएं
आप अपने बच्चे को सबकी मदद करना सिखाएं। इससे आपका बच्चा एक अच्छा इंसान बनेगा। उसको सिखाएं कि अगर आपका क्लासमेट आपसे पढ़ाई या खेल से संबंधित कोई मदद चाहता है, तो उसकी मदद करें। साथ में उसको साथियों को प्रोत्साहित करना सिखाएं। आप अपने बच्चे को सच्ची दोस्ती से जुड़ी कुछ कहानियां सुना सकते हैं।
7. ईमानदार दोस्त बनना सिखाएं
बच्चों को समझाएं कि ईमानदारी दोस्ती के रिश्ते में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप अपने दोस्त से ईमानदारी की उम्मीद रखते हैं, तो आपको भी उस रिश्ते में ईमानदार होने की आवश्यकता है। इसलिए अपने दोस्त की बताई बातों को, अन्य दोस्त के साथ शेयर न करें क्योंकि वो बातें केवल आपके लिए हैं। साथ उनको बताएं कि अपने दोस्त का हर मुश्किल में साथ देना एक अच्छे दोस्त की पहचान होती है।
सही दोस्त का चुनाव ऐसे करें-
- अपने बच्चों को समझाएं कि आपका दोस्त एक अच्छा व्यक्ति होना चाहिए उसमें दूसरों की मदद करने के गुण मौजूद होने चाहिए।
- ध्यान रहे कि एक सच्चा दोस्त कभी भी आपकी पीठ के पीछे बुराई नहीं करता है।
- वो आपका हर समय साथ देने के लिए तत्पर रहता है।
- एक सच्चा दोस्त आपको अच्छे कामों के लिए प्रोत्साहित करता है और गलत काम करने से रोकता है।
- वो आपसे कभी भी झूठा नहीं बोलता है।
आप इन तरीकों से अपने बच्चों को दोस्ती करना सिखाएं और उनको अच्छे दोस्त की पहचान करना सिखाएं। पेरेंटिंग टिप्स से जुड़ी जानकारियों के लिए पढ़ते रहें Onlymyhealth.com