
सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो इस समय ज्यादातर आयु वर्ग के पास मौजूद है। आज ज्यादातर लोग एक दूसरे से जुड़ने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट जैसी एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। देखा जा रहा है कि आजकल छोटी उम्र के बच्चे भी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने लगे हैं और कई बार माता-पिता की जानकारी से दूर अंजाने लोगों से दोस्ती बढ़ाना शुरू कर देते हैं। माता-पिता बच्चों के सबसे पहले दोस्त होते हैं। इसलिए आप ही वो व्यक्ति हैं, जो उनको इस नई साइबर दुनिया के बारे में अच्छे से समझा सकते हैं। आपका बच्चा खुद को एक्सप्रेस करने के लिए छुप छुपकर फेसबुक या इंस्टाग्राम में किसी नए व्यक्ति से बातें कर सकता है। ऐसे में आप उसे डांटने की बजाए समझाएं, उससे बातें करें और उसके दिल की बातों को समझने की कोशिश करें कि वो दोस्ती के लिए सोशल मीडिया का सहारा क्यों ले रहा है। आइए आपको बताते हैं कि आप बच्चों को सोशल मीडिया पर दोस्ती से जुड़ी जरूरी सावधानियां कैसे समझा सकते हैं।
1. बच्चों को सच्चे दोस्तों की पहचान बताएं
पेरेंट्स अपने बच्चों को सच्ची दोस्ती के बारे में बताएं कि सच्ची दोस्ती में क्या गुण होते हैं। उनको बताएं कि सच्ची दोस्ती में विश्वास, सम्मान और दया की भवाना होती है और आप जब भी किसी व्यक्ति से ऑनलाइन बातचीत करते हैं, तो उस व्यक्ति में इन गुणों की पहचान करें। उनको बताएं कि दोस्ती में कोई भी दोस्त आपको धमकी नहीं देता है, अगर आपका कोई दोस्त आपको धमकी देने की कोशिश रहा है या कोई ऐसी बात कर रहा है, जिसे आपका मन नहीं मानता है, तो आप समझ जाए की वो आपका दोस्त नहीं है।
2. बच्चों को फेक प्रोफाइल और फ्रॉड प्रोफाइल्स के बारे में बताएं
पेरेंट्स अपने बच्चों को साइबर रिस्क के बारे में बताएं कि कैसे लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो लगाकर नकली आईडी बनाते हैं और आपके सबसे अच्छे दोस्त बनकर आपसे आपकी सारी जानकारी लेते हैं। आपसे निजी बाते करके आपसे अपने विचारों और भावनाओं को शेयर करते हैं। बच्चों को समझाएं कि ऐसे लोग उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
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3. बच्चों को प्राइवेसी और ब्लॉकिंग के बारे में बताएं
बच्चों को आप ऑनलाइन फ्रेंडशिप करने से न रोकें। आप उनको सोशल मीडिया को मैनेज करना सिखाएं कि यदि कोई व्यक्ति आपसे आपकी इच्छा के बिना बात करना चाहता है, तो उसे आप कैसे ब्लॉक कर सकते हैं। उन्हें बताएं कि कैसे आप अपनी प्रोफाइल में प्राइवेसी लगा सकते हैं।
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4. बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं
पेरेंट्स का अपने बच्चों के संपर्क में रहना बहुत जरूरी होता है क्योंकि आपके बिजी शेड्यूल के चलते आपके बच्चे धीरे-धीरे आपसे दूर हो सकते हैं। पेरेंट्स को ये बात समझनी बहुत आवश्यक है कि आपके बच्चे आखिर असल जिंदगी में दोस्ती करने के बजाए वो सोशल मीडिया में अपने लिए दोस्त क्यों ढूंढ रहे हैं। इसलिए माता-पिता अपने बच्चों से बातचीत करें और उनसे उनके मन की बात जानने की कोशिश करें क्योंकि बच्चे इस उम्र में काफी घबराए होते हैं। उनको अपने मन की बात करने के लिए कोई चाहिए होता है।
5.अंजान लोगों से दोस्ती के लिए मना करें
पेरेंट्स अपने बच्चों को समझाएं कि अंजान लोगों से बातचीत करना आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है। बच्चों को बताएं कि वो अंजान लोगों से दोस्ती न करें और कोई अंजान प्रोफाइल आपसे घर के बारे में या आपके बारे में कुछ पूछती है, तो उसकी प्रोफाइल को ब्लॉक करें। आप अपने बच्चों के ऑनलाइन दोस्त बन सकते हैं। उनके साथ ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं, जिससे आप उनके साथ जुड़े रहें और आपको पता चलता रहे कि आपका बच्चा क्या कर रहा है।
पेरेंट्स अपने बच्चों को ये बाते प्यार से समझाएं और कुछ तर्क पेश करें कि ये अनजान लोगों से ऑनलाइन फ्रेंडशिप करना उनके लिए कैसे खतरनाक हो सकता है। आप अपने बच्चों के अच्छे दोस्त बनें, जिससे वो आपकी बातों को समझे और आपके न होने पर भी उन बातों को फॉलो करें।