स्कूल जाने वाले बच्चों में माता-पिता को शुरुआत से ही डालनी चाहिए ये 10 आदतें, हमेशा रहेंगे क्लास में आगे

जब बच्चा थोड़ा बड़ा होता है तो स्कूल जाना शुरु करता है। माता-पिता अपने बच्चों को अच्छा विद्यार्थी बनाने के लिए यहां दिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं।
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स्कूल जाने वाले बच्चों में माता-पिता को शुरुआत से ही डालनी चाहिए ये 10 आदतें, हमेशा रहेंगे क्लास में आगे


हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में अच्छा प्रदर्शन दिखाएं। ऐसे में वे कोशिश करते हैं कि माता-पिता उनकी दिनचर्या में कुछ ऐसी चीजों को जोड़ते हैं, जिससे उनका दिमाग तेज चलता हैं। वहीं वह बच्चों के ट्यूशन, स्कूल, क्लासेस बेहतर से बेहतर लगवाते हैं, जिससे उनका भविष्य सुनहरा हो। लेकिन माता-पिता को पता होना चाहिए कि उनके व्यवहार में थोड़ा सा बदलाव और उनकी दिनचर्या में कुछ चीजों को जोड़ता से वे बच्चों को बेहतर विद्यार्थी बना सकते हैं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता-पिता बच्चों को एक बेहतर विद्यार्थी कैसे बना सकते हैं। इसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...

 

1 - नियमित रूप से पढ़ना

माता-पिता की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि उनके बच्चे नियमित रूप से पढ़ें। ऐसे में वे अपने बच्चों को नियमित रूप से पढ़ने के लिए प्रेरित करें। माता-पिता अपने जरूरी काम निपटाएं और थोड़ी देर बच्चों के साथ बैठें। पूरा प्रयास करें कि बच्चा ऐसी चीजों को पढ़ें, जिससे उसका ज्ञान बढ़े। ऐसा करने से उनका भविष्य सुनहरा होगा और उनकी नियमित रूप से पढ़ने की आदत भी आएगी।

2 - पढ़ने का समय तय करना

बच्चों के लिए जरूरी है कि वह पढ़ने का समय निर्धारित करें। ऐसा करने से वे एक अच्छे विद्यार्थी बन पाएंगे। माता-पिता बच्चों के निर्धारित समय में छेड़छाड़ ना करें। वह उस समय केवल बच्चों को पढ़ने दें। इस बीच यदि कोई काम आता है तो वह पढ़ने से पहले या पढ़ने के बाद उस काम को बच्चे से करवाएं। इससे बच्चे को तय समय पर पढ़ने की आदत के लिए प्रेरणा मिलेगी। बच्चों की दिनचर्या में पढ़ने की आदत को जोड़ें।

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3 - स्वयं की परीक्षा लेना

खुद को तैयार करने का सबसे अच्छा तरीका है स्वयं की परीक्षा लेना। ऐसे में समय-समय पर खुद की परीक्षा लेने के लिए प्रेरित करें। वह किस विषय की भी तैयारी कर रहा है उसके परिणाम को जानने के लिए स्वयं की परीक्षा लेना जरूरी है।  ऐसा करने से उसे पता चलेगा कि वह परीक्षा की तैयारी या अन्य टेस्ट में कितना तैयार है।

4 - अपनी नॉलेज का इस्तेमाल करना

केवल चीजों को समझना या उन्हें याद करना ही काफी नहीं है। उसका इस्तेमाल करना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में अपने ज्ञान को दूसरों के सामने इस्तेमाल करें। ऐसा करने से न केवल बच्चे की छवि सकरात्मक बनती है बल्कि उसे उस ज्ञान में मौजूद कमियों के बारे में पता चलता है।

5 - पढ़ते वक्त ध्यान केंद्रित करना

पढ़ते वक्त ध्यान केंद्रित करना भी जरूरी है। यदि बच्चा पढ़ाई कर रहा है तो माता-पिता की जिम्मेदारी है उसके आसपास किसी भी प्रकार का शोर या काम ना करें। वरना बच्चे का ध्यान भटक सकता है और वह जो पढ़ रहा है उसे भूल सकता है। बच्चा जहां भी पढ़े उस जगह पर बेहद शांति और वहां का माहौल पढ़ाई के अनुकूल होना चाहिए। ऐसा करने से बच्चा पढ़ाई में अच्छे से ध्यान लगा पाएगा।

6 - पढ़ाई से संबंधित कैलेंडर को अपडेट करना

बच्चों का पढ़ाई से संबंधित ही कैलेंडर बनवाएं। उस कलैंडर में परीक्षा से संबंधित तारीख और जरूरी इवेंट्स की डिटेल्स लिखें। ऐसा करने से ना केवल बच्चों को सारे इवेंट्स परीक्षा की तिथि याद रहेगी बल्कि वे कैलेंडर बनाने का सही तरीका जानने और पढ़ने के लिए प्रेरित होंगे।

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7 - भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करना

बच्चों के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। जब बच्चे भरपूर मात्रा में पानी पिएंगे तो उनके शरीर से विषैले पदार्थ बाहर होंगे और वह कई सारी समस्याओं से बच पाएंगे। ऐसे में उनका ध्यान भी पढ़ाई में लगेगा। डॉक्टर की मानें तो बच्चों की दिनचर्या में 8 से 9 गिलास पानी पीने की आदत को जोड़ें। ऐसा करना बच्चों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।

8 - तय समय पर उठना और सोना

बच्चों के लिए समय पर सोना और उठाना बेहद जरूरी है। ऐसे में माता पिता अपने बच्चों का सोने का समय निर्धारित करें। ऐसा करने से वे न केवल तय समय पर सोएंगे बल्कि वे तय समय पर उठेंगे। ऐसा करने से उनका दिमाग तरोताजा होगा और वे पढ़ाई में ध्यान लगा पाएंगे।

9 - अच्छे दोस्तों की संगत में रहना

अच्छे दोस्ती की संगत में रहना बेहद जरूरी है। बुरी संगत से बच्चे न केवल अपनी पढ़ाई से पीछा छोड़ आते हैं बल्कि वे पढ़ाई से दूर जाना शुरु कर देते हैं। अच्छे दोस्त ना केवल पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि पढ़ाई में साथ देते हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चों की संगत को अच्छा लगे और उनके दोस्तों का चुनाव करते वक्त थोड़ी सतर्कता बरतें।

10 - किताबें व्यवस्थित रखना 

कुछ माता-पिता ऐसे होते हैं जो बच्चों की किताब, कॉपी, पेन, पेंसिल आदि चीजों को खुद संभाल कर रखते हैं। यह गलत है। वह बच्चों को इस काम को करने दें। बच्चों को समझाएं कि किताब को व्यवस्थित रखना जरूरी है। साथ ही उनके रोज का स्कूल का बस्ता खुद लगाने दें। ऐसा करने से वे स्कूल जाने और बस्ता लगाने के लिए प्रेरित होंगे।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चों की दिनचर्या में कुछ चीजें को जोड़कर माता-पिता एक अच्छे विद्यार्थी बना सकते हैं और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।

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