बचपन से सुनते आ रहे हैं कि रोजाना एक सेब खाने से हम डॉक्टर को खुद से दूर कर सकते हैं। बीमार होने पर भी डॉक्टर हमें फल खाने की सलाह देते हैं। फल हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। फिट और हेल्दी रहने के लिए रोज फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। लेकिन आयुर्वेद में फलों को खाने के कुछ नियम भी हैं, जिनका ध्यान रखना हमारी सेहत के लिए जरूरी है। क्योंकि इन नियमों का पालन किए बिना फलों का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉ. दीक्सा भावसार सावलिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करके फल खाने के आयुर्वेदिक नियमों के बारे में बताया है।
आयुर्वेद के अनुसार फल खाने के नियम क्या हैं? - What Are The Ayurvedic Rules Of Eating Fruits in Hindi?
- फल हमेशा अकेले ही खाएं, कभी भी भोजन के साथ या उसके बाद न खाएं।
- आप एक फल को उसके जैसे स्वाद वाले अन्य फलों के साथ मिला सकते हैं, लेकिन नियमित आधार पर फलों को मिलाकर न खाएं।
- फलों का जूस बनाकर पीने के स्थान पर फल खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
- सूरज डूबने से पहले ही फल का सेवन करें, ऐसा करने से सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।
- खाना खाने के 1 घंटे पहले या 2 घंटे बाद फल खाएं।
- खाना खाने के साथ या तुरंत बाद फल खाने से परहेज करें।
- फलों को दूध या दही के साथ खाने से बचें। आप चाहे तो पौधे आधारित दूध या दही के साथ फलों को कभी-कभी खा सकते हैं।
- फलों का जूस तभी पियें जब आपका पाचन ख़राब हो और आप फलों को सीधेतौर पर न खा सकें।
इन बातों का भी रखें ध्यान-
- कच्चे और बहुत ज्यादा गले हुए फल खाने से बचें।
- मौसम के मुताबिक फल खाएं, बिना सीजन के फलों को खाने से परहेज करें।
- दिन के समय ही फल खाएं।
- खट्टे फलों को कभी भी खाली पेट न खाएं।
- सेब सुबह के समय खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
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आयुर्वेद के इन नियमों के अनुसार फल खाने से आपकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा और आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत रहेगी। तो देर किस बात की अगली बार फल खाने से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दें।
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